नई दिल्ली: 8 नवंबर औषधि निर्माता कंपनी जायडस कैडिला (Zydus Cadila covid vaccine) ने सोमवार को कहा कि उसे भारत सरकार से, कोविड-19 रोधी टीके ‘जायकोव-डी’ की एक करोड़ खुराक की आपूर्ति का ऑर्डर मिला है।फार्मा कंपनी की ओर से एक नियामक फाइलिंग में कहा गया, “जायडस कैडिला को विश्व के पहले प्लाज्मिड डीएनए टीके जायकोव-डी की एक करोड़ खुराक की आपूर्ति करने का ऑर्डर भारत सरकार से मिला है। इस टीके को 12 साल से ज्यादा उम्र के बच्चों को लगाई जाएगी। इसके साथ ही कैडिला की ओर से भारत में वैक्सीन की कीमत भी तय कर दी गई है।
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जायडस कैडिला जायकोव-डी कि एक डोज की कीमत (Zydus Cadila covid vaccine)
कंपनी के मुताबिक जायकोव-डी (ZyCoV-D) वैक्सीन की एक डोज की कीमत 265 रुपये राख गई है। इसके अलावा नीडल फ्री एप्लीकेटर के लिए जीएसटी को छोड़कर 93 रुपये में ऑर्डर मिला है। इसमें 93 रुपये के डिस्पोजेबल जेट एप्लीकेटर के दाम भी जोड़े गए हैं, जिसके बाद हर खुराक 358 रुपये में लगवाई जा सकेगी। जायकोव-डी दुनिया की पहली प्लास्मिड डीएनए वैक्सीन है, जिसे भारत में इस्तेमाल की मंजूरी मिली है।
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जायकोव- डी वैक्सीन की खासियत क्या है?
जायडस कैडिला की कोरोना वैक्सीन जायकोव-डी करीब 25 डिग्री के टेंपरेचर पर 3 महीनों तक टिक सकती है। कंपनी का दावा है इससे वैक्सीन के ट्रांसपोर्टेशन और स्टोरेज में आसानी होगी। इसके अलावा यह 12 साल और उससे ज्यादा उम्र के लोगों के वैक्सीनेशन के लिए मंजूर की गई पहली वैक्सीन है। इसकी तीन खुराक 28 दिनों के गेप के साथ दी जाएंगी।
एप्लीकेटर से लगेगी जायकोव-डी वैक्सीन (Zydus Cadila covid vaccine)
कंपनी ने कहा कि केंद्र सरकार के साथ चर्चा करने के बाद कीमत तय की गई है। वैक्सीन सिरिंज की जगह नीडल फ्री एप्लीकेटर के जरिए दी जाएगी। एप्लीकेटर का नाम ‘फार्माजेट’ है। जायडस कैडिला की वैक्सीन नीडल की बजाए नीडल फ्री एप्लीकेटर की मदद से दी जाएगी। इस एप्लीकेटर से वैक्सीन लगने में दर्द नहीं होता साथ ही अन्य तरह के साइड इफेक्ट से भी बचा जा सकता है।
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जायडस कैडिला के मैनेजिंग डायरेक्टर शर्विल पटेल ने कहा, ‘जायकोव-डी के साथ सरकार के वैक्सीनेशन प्रोग्राम का सपोर्ट करने में हमें काफी खुशी होगी। हमें उम्मीद है कि नीडल फ्री वैक्सीनेशन से बहुत से लोगों को वैक्सीन दी जा सकेगी और वे कोविड-19 से सुरक्षित रहेंगे, विशेष रूप से बच्चे और 12 से 18 साल के युवाओं को इसका फायदा मिलेगा।’
जेट एप्लीकेटर क्या है और यह कैसे काम करता है?
इंजेक्टर में स्प्रिंग होते हैं। इनके ज़रिए वैक्सीन के निश्चित द्रव की संकीर्ण धार को बॉडी में प्रवेश कराया जाता है। यह धारा एक सेकंड के 10वें हिस्से में स्किन को भेदकर टिशू की उचित गहराई तक प्रवेश कर जाती है। इसमें किसी और चीज़ की ज़रूरत नहीं होती।जेट ऐप्लीकेटर से वैक्सीन सीधे त्वचा की मसल टिश्यू तक पहुंचेगी
यह डिवाइस, एक स्टेपलर के आकार का होता है। इससे वैक्सीन की 0.1 मिलीलीटर खुराक दी जाती है। इस डिवाइस के तीन हिस्से होते हैं, इंजेक्टर, सिरिंज और फिलिंग एडैप्टर। एक जेट इंजेक्टर से करीब 20 हज़ार खुराक दी जा सकती हैं।
फार्माजेट नीडल-फ्री इंजेक्टर तेज और सुरक्षित है। इसमें किसी तरह की सुई का इस्तेमाल नहीं किया जाता। इससे सुई से लगने वाली किसी भी तरह की दर्द या इंफेक्शन की संभावना खत्म हो जाती है। साथ ही सिरिंज के दोबारा इस्तेमाल या संक्रमण की भी संभावना भी नहीं रहती। स्टेपलर के आकार के डिवाइस में इंजेक्टर को चार्ज किया जाता है। इसे लगाने पर किसी को तो कुछ भी महसूस नहीं होता है, जबकि किसी को थोड़ा दबाव महसूस होता है, जैसा कि रबर बैंड लगाने पर महसूस होता है।