World Nature Conservation Day 2021: विश्व प्रकृति संरक्षण दिवस 28 जुलाई को पूरे विश्व में प्रकृति के संरक्षण के उद्देश्य का समर्थन करने के लिए मनाया जाता है। हम जिस हवा में सांस लेते हैं, जो खाना खाते हैं और जो पानी पीते हैं, सब कुछ प्रकृति से ही प्राप्त होता है। यह पृथ्वी पर मौजूद जीवन के सभी रूपों की कुल विविधता है। मनुष्यों में फैलने वाली कोरोना और एंथ्रेक्स जैसी घातक बीमारियां भी जंगली जानवरों से ही फैली हैं। इसके पीछे बड़ी वजह है बढ़ता शहरीकरण और वनों की तेजी से कटाई। वनों की कटाई होने से जंगली जानवर आबादी क्षेत्र में भी आ रहे हैं। स्वस्थ और सेहतमंद बने रहने के लिए प्रकृति का संरक्षण आवश्यक है।
विश्व प्रकृति संरक्षण दिवस मनाने का मुख्य उद्देश्य उन जानवरों और पेड़ों का संरक्षण करना है जो पृथ्वी के प्राकृतिक पर्यावरण से विलुप्त होने के कगार पर हैं। हमारी धरती की रक्षा में संसाधनों के संरक्षण की अहम भूमिका है। प्रकृति के विभिन्न घटकों – जल, वायु, मिट्टी, ऊर्जा, वनस्पति, खनिज, जीव-जंतुओं आदि को संरक्षित करके पृथ्वी की प्राकृतिक सुंदरता में संतुलन बनाए रखा जा सकता है। प्रसिद्ध रूसी लेखक लियो टॉलस्टॉयउद्धृत करने के लिए, “खुशी की पहली शर्तों में से एक यह है कि मनुष्य और प्रकृति के बीच की कड़ी को नहीं तोड़ा जाना चाहिए।”
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World Nature Conservation Day 2021 प्रकृति क्या है,
प्रकृति प्राकृतिक दुनिया, भौतिक दुनिया के बराबर है। इसमें जीवित पौधे, जानवर, भूवैज्ञानिक प्रक्रियाएं, मौसम और भौतिकी जैसे पदार्थ और ऊर्जा शामिल हैं। हमारा पारिस्थितिकी तंत्र एक नाजुक संतुलन में बहुत बारीकी से जुड़ा हुआ है, जहां प्रत्येक जीवित जीव की एक विशिष्ट भूमिका और उद्देश्य होता है। यदि उस पारिस्थितिकी तंत्र से किसी भी प्रजाति को बाहर निकाला जाता है, तो श्रृंखला टूट जाती है और भोजन चक्र से लेकर आवास तक सब कुछ विकृत हो जाता है।
विश्व प्रकृति संरक्षण दिवस का महत्व
पिछले कुछ सालों से प्रकृति और पर्यावरण के साथ मानव का खिलवाड़ बढ़ गया है, जिसका नतीजा जलवायु परिवर्तन, ग्लोबल वार्मिंग, प्रदूषण, प्रकृतिक आपदा, धरती का बढ़ता तापमान, मौसम में उतार-चढ़ाव के रूप में देखने को मिल रहा है। ऐसे मे लोगों को प्रकृति संरक्षण के प्रति जागरूक करना जरूरी है। इस विश्व प्रकृति संरक्षण दिवस के मौके पर स्वस्थ्य वातावरण की नींव रखने के लिए लोगों को प्रेरित किया जाता है। लोगों को प्रकृति के महत्व और उनकी आवश्यता से रूबरू करवाया जाता है। वहीं उसके दोहन क प्रति सचेत भी किया जाता है।मनुष्य अपनी जरूरतों के मुताबिक प्रकृति के दोहन में जुटा है। अंधाधुन पेड़ों की कटाई की जा रही है। खनिजों का दुर्पयोग किया जा रहा है। पहाड़ों और पर्यावरण के साथ छड़खानी की जा रही है।
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जबकि जलवायु परिवर्तन आज दुनिया के सामने आने वाली अधिकांश असामान्य घटनाओं के लिए जिम्मेदार हो सकता है,
आज प्रकृति के सामने खतरों का कई कारण
- वनों की कटाई
- तेजी से हो रहे औद्योगीकरण और सड़कों पर वाहनों की आवाजाही के कारण प्रदूषण
- प्राकृतिक आवास के नुकसान के कारण जैव विविधता का नुकसान
- जल निकायों में प्लास्टिक के विसर्जन के कारण समुद्री मृत क्षेत्र
- अधिक जनसंख्या
- अति-मछली पकड़ना