इस गांव के लोगों ने बनाया लक्ष्य- बेटियों को बनाएंगे IAS-IPS

कोटा के एक गांव में अनोखी पहल देखने को मिली, जिसके तहत गांव के लोगों ने अपनी बेटियों को आईएएस और आईपीएस बनाने का लक्ष्य तय किया.

गांव की चौपाल पर बेटियों के बेहतर भविष्य के लिए बेटी-बचाने और बेटी-पढ़ाने का सामूहिक संकल्प लिया गया. उनका कहना है कि हमारे गांव की बेटियां भी पढ़-लिखकर आईएएस-आईपीएस बनेंगी और इसमें हम उनका पूरा साथ देंगे.

बेटियों को बचाने और पढाने की मुहिम में कोटा का गोयंदा गांव एक जाजम पर आया और एक मंच पर संकल्प लेते हुए अपने गांव की बेटियों के बेहतर भविष्य के लिए उन्हें पढ़ा-लिखा कर आईएएस-आईपीएस बनाने का लक्ष्य तय किया.

10वीं और 12वीं कक्षा की बोर्ड परीक्षाओं में गांव की बेटियों के शानदार प्रदर्शन से उत्साहित कोटा के एक गांव ने अपनी बेटियों को आईएएस और आईपीएस बनाने का लक्ष्य तय करने का  संकल्प लिया.

इस खुशी के मौके पर कोटा के रामगंजमंडी उपखंड मुख्यालय के गोयंदा गांव में पहले खाटूश्याम संकीर्तन महोत्सव का आयोजन किया गया, जिसमें गांव वासियों ने बढ़-चढ़कर हिस्सा लिया.

महोत्सव में भजन गायक लखन और बन्टी ने भजन अपने शानदार भजनों से लोगों को थिरकने पर मजबूर किया. उत्साहित युवाओं ने इस कार्यक्रम में भगवान के भजनों पर जमकर नृत्य किया.

इसके पश्चात गांव के समाजसेवी चंदनसिंह शक्तावत की पहल पर गांव की 5 मेधावी बेटियों को चौपाल पर बुलाकर सिल्वर मैडल देकर सम्मानित किया गया. गणित में 100 में से 100 अंक हासिल करते हुये इस गांव की लक्षिता को 10वीं बोर्ड में 95 फीसदी हासिल किए.

वहीं हर्षिता को 12वीं बोर्ड में 93.2 फीसदी और खुशी को 12वीं में 93 फीसदी अंक मिलने पर खुशियां जतायी गई. समारोह के आयोजक चंदन सिंह शक्तावत की पहल पर बाद में गांव के मौजीज और बुजुर्गो के करकमलों से बेटियों का सम्मान कराया गया.

गोयंदा गांव के लोगों की एक खास पहल काबिले तारीफ है, क्योंकि इस कोशिश के जरिए उन बेटियों का भविष्य सुनहरा हो पाएगा जो अपने लिए एक मुकाम स्थापित करना चाहती है और अपनी जिंदगी में एक सपने को संजोए बैठी है.

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