Vodafone Idea share price today: 52 हफ्तों में वोडाफोन आइडिया सबसे न्यूनतम स्तर पर पहुंचा, चेयरमैन कुमार मंगलम बिड़ला ने दिया इस्तीफा, जानिए क्या है इसकी वजह

Vodafone Idea share price today: भारी कर्ज में डूबी टेलिकॉम कंपनी वोडाफोन आइडिया लिमिटेड (VIL) का शेयर मंगलवार को बीएसई (BSE) पर कारोबार के दौरान 12 फीसदी लुढ़ककर 7.26 रुपये पर पहुंच गया। यह इसका 52 हफ्ते का न्यूनतम स्तर है। इससे पहले कंपनी का शेयर पिछले साल 19 अक्टूबर को 7.60 रुपये के स्तर पर पहुंचा था। यह अभी जुलाई 2020 के बाद सबसे न्यूनतम स्तर पर ट्रेड कर रहा है। यह स्टॉक नवंबर 2019 में 2.61 रुपये के रेकॉर्ड न्यूनतम स्तर पर पहुंचा था। दोपहर बाद डेढ़ बजे यह 9.94 फीसदी की गिरावट के साथ 7.43 रुपये पर ट्रेड कर रहा था।

Vodafone Idea share price today कुमार मंगलम बिड़ला ने दिया इस्तीफा

Vodafone Idea share price todayवही कुमार मंगलम बिड़ला ने वोडाफोन आइडिया के नॉन एग्जीक्यूटिव डायरेक्टर और नॉन एग्जीक्यूटिव चेयरमैन के पद से इस्तीफा दे दिया है। उन्होंने अपनी जगह हिमांशु कपानिया को नॉन एग्जीक्यूटिव चेयरमैन नॉमिनेट किया है। यह बदलाव ऐसे समय में हुआ है जब वोडाफोन आइडिया अपने अस्तित्व के लिए जूझ रही है।इस्तीफा देने के अगले दिन आज इसके शेयर धड़ाम से गिर गए। बीएसई पर इसके शेयर 10.83 फीसदी की गिरावट के साथ 5.30 रुपये और एनएसई पर 11.61 फीसदी की गिरावट के साथ 5.33 रुपये के भाव तक लुढ़क गए। पिछले पांच दिनों में वित्तीय संकट से जूझ रही इस कंपनी के भाव 36 फीसदी तक टूट चुके हैं।

वोडाफोन आइडिया के प्रमोटर कुमार मंगलम बिड़ला ने सरकार से कहा था कि वह कंपनी में प्रमोटर स्टेक छोड़ने को तैयार हैं। उनकी कंपनी में 27 फीसदी हिस्सेदारी है।  इसके अलावा ब्रिटिश कंपनी वोडाफोन पीएलसी की इसमें 44% हिस्सेदारी है। उन्होंने 7 जून को कैबिनेट सचिव राजीव गाबा को एक पत्र लिखकर कहां था की । उनका कहना है कि वह कंपनी का वजूद बनाए रखने के लिए इसमें अपने ग्रुप की हिस्सेदारी किसी भी सरकारी या घरेलू फाइनेंशियल कंपनी को देने को तैयार हैं। इसी वजह से कंपनी के शेयरों में आज भारी गिरावट आई।

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वोडाफोन ग्रुप ने 2017 में मर्ज किया

वही वोडाफोन ग्रुप के सीईओ निक रीड ने 23 जुलाई को एनालिस्ट कॉल में कहा था कि वोडाफोन आइडिया इस समय मुश्किल दौर से गुजर रही है। ग्रुप कंपनी को प्रैक्टिकल सपोर्ट दे रहा है लेकिन वह अब इसमें कोई निवेश नहीं करेगा। हालांकि वोडाफोन ग्रुप ने वोडाफोन आइडिया में हिस्सेदारी बेचने की बिड़ला की पेशकश पर कोई टिप्पणी नहीं की। वोडाफोन ग्रुप ने 2017 में अपनी भारतीय कारोबार को आइडिया सेल्युलर मे मर्ज कर दिया था। मर्जर की प्रक्रिया अगस्त 2018 में पूरी हुई थी।

4 साल में कर्ज बढ़कर 1.8 लाख करोड़ रुपए पहुंचा

वोडाफोन आइडिया का कर्ज पिछले 4 साल में कई गुना बढ़ा है। वित्त वर्ष 2016 के अंत में यह 37,000 करोड़ रुपये था जो अब बढ़कर 1.8 लाख करोड़ रुपये पहुंच चुका है। इसमें स्पेक्ट्रम की देनदारी और एजीआर बकाया शामिल है। आईसीआईसीआई सिक्य़ोरिटी के एनालिस्ट्स ने वोडाफोन आइडिया के शेयर को sell रेटिंग दी है। ब्रोकरेज फर्म का मानना है कि कंपनी को जल्दी ही देनदारी का भुगतान करने है जबकि उसके पास इसके लिए पर्याप्त फंड नहीं है। 

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पिछले महीने सुप्रीम कोर्ट ने एजीआर कैल्कुलेशन में सुधार के लिए वोडाफोन आइडिया और भारती एयरटेल की याचिका को खारिज कर दिया था। वोडाफोन आइडिया का कहना है कि उस पर 21,500 करोड़ रुपये का एजीआर बकाया है जिसमें से वह 7,800 करोड़ रुपये का भुगतान कर चुकी है। लेकिन डिपार्टमेंट ऑफ टेलीकम्युनिकेशंस के मुताबिक कंपनी पर करीब 58,000 करोड़ रुपये का एजीआर बकाया है।

 

 

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