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कौन है वंदना लूथरा Vandana Luthra
वंदना का जन्म 12 जुलाई 1959 को हुआ था लेकिन इन्होंने अपने सपने को आकार 1989 में दिया। वंदना लूथरा सत्तर के दशक की सामान्य महिला थी लेकिन इनके सपने असामान्य थे। शादी से पहले शायद घर का माहौल नहीं मिला और समय से पहले भी शादी हो गई तो अपने सपने को सच नहीं कर पाई। लेकिन जब शादी के बाद मां बन गई तो इनके सपने इन्हें काटने लगे और फिर इन्होंने सोचा अब नहीं तो कभी नहीं। तो फिर इन्होंने अस्सी के दशक में अपने सेविंग से सपने की नींव रखी।
सोप ओपेरा जस्सी जैसी कोई नहीं से आया आइडिया
वंदना ( Vandana Luthra )को यह आइडिया उस समय के हिट सोप ओपेरा ‘जस्सी जैसी कोई नहीं’ से आया। ‘जस्सी जैसी कोई नहीं’ उस समय का सबसे हिट सीरियल था। इसकी एक्ट्रेस ‘मोना सिंह’ अपने लुक की वजह से लोगों के बीच काफी लोकप्रिय थी। इस सीरियल में ‘मोना सिंह’ के मेकओवर की पूरी लाइफस्टाइल के बारे में दिखाया गया है जो उस समय के हर उम्र के व्यूअर के बीच में काफी लोकप्रिय हो गया था। मेकओवर के जरिये ‘मोना सिंह उर्फ जस्सी’ बहुत साधारण लड़की से काफी ग्लैमरस बन जाती है।
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इस सीरियल की सबसे अच्छी बात यह थी कि ‘जस्सी’ का यह ट्रांसफोर्मेशन अचानक होने के बजाय हफ्ते दर हफ्ते होता है जो कि काफी रियलिस्टिक लगता है।
वस यहीं से वंदना को भी ट्रांसफोर्मेशन के बिजनेस का नया आइडिया आया और उसने अपनी छोटी सी बचत से वीएलसीसी की नींव रखी।
कैसे हुई वीएलसीसी VLCC की शुरुवात
दिल्ली में वर्ष 1989 में वीएलसीसी की शुरुवात एक छोटी सी बचत राशि से हुई थी। वीएलसीसी इस समय भारत का एक पहला ‘परिवर्तन केंद्र’ था। देश में उस व्यक्त वेलनेस मार्केट अपनी पहचान बना रहा था।
इस बिजनेस में आने से पहले इसकी पढ़ाई की
इस बिजनेस में उतरने से पहले वंदना लूथरा ने फिटनेस और ट्रांसफोर्मेशन के क्षेत्र में उच्च शिक्षा प्राप्त करके बिजनेस की गहराइयों को समझने की कोशिश की। उन्होंने स्नातक के बाद पोषण और कॉस्मेटोलॉजी में जर्मनी से शिक्षा प्राप्त की थी। उसके बाद उन्होंने लंदन, म्यूनिख और पेरिस में फूड एंड न्यूट्रिशन, ब्यूटी केयर, फिटनेस, और स्किन केयर में कई विशेष पाठ्यक्रम और मॉड्यूल करे।
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इस बिजनेस को दो हजार रु से शुरू किया था
वंदना ने बड़े सपने देखे थे और उनके पास जेब में दो हजार रूपये थे। फिर उन्होंने बैंक से लोन लेकर वीएलसीसी नाम को एक ऐसी फील्ड में कदम रखा। जिसका उन्हें कुछ भी अनुभव नहीं था। सबसे शुरुवाती चुनौती वंदना के सामने लोगो का विश्वास जीतना मगर उनकी मेहनत रंग लाई और उन्होंने दिल्ली के सफदरजंग इलाके में खुला वंदना लूथरा का पहला सैलून लोगों को खूब पसंद आया। उसके बाद उन्हें बिजनेस के लिए पैसे जुटाने में बहुत मुश्किल का सामना करना पड़ा।
दुनिया भर में 350 से अधिक वीएलसीसी केंद्र
आज के समय 39 देशों में वीएलसीसी अपना काम काज कर रही है। वीएलसीसी ने 39 देशों के लगभग 6 हजार से अधिक लोगो को रोजगार दिया हुआ है। इनमें मनोवैज्ञानिक, कॉस्मेटोलॉजिस्ट, डॉक्टर, पोषण विशेषज्ञ, फिजियोथेरेपिस्ट, ब्यूटीशियन, आदि शामिल हैं। वीएलसीसी ने अपने 33 वर्षो के कारोबार में लगातार ग्रोथ है। आज वंदना के निरंतर प्रयासों से 18 देशों के 125 शहरों में 350 से ज्यादा जगहों पर वीएलसीसी केंद्र मौजूद हैं।
पद्मश्री से हो चुकी हैं सम्मानित
अब वीएलसीसी को शुरू हुए 33 साल से अधिक हो गए हैं और आज यह भारत की बड़ी और स्थाई कंपनियों में शुमार है। अब तो इस कंपनी का अपना आईपीओ भी आ चुका है। जिसके कारण इस कंपनी को पूरी दुनिया में पहचान मिल चुकी है। तो यह है वीएलसीसी के वंदना लूथरा ( Vandana Luthra ) की मेहनत जिसने 2000 से बिजनेस शुरू किया और इसे ग्लोबल कंपनी बनाया। इन्हें इनकी मेहनत और महिलाओं के लिए रोजगार के नए रास्ते खोलने के लिए पद्मश्री से सम्मानित किया जा चुका है। यह उन महिलाओं के लिए मिसाल है जो खुद के दम पर खुद के लिए कुछ करना चाहती हैं। आपको यह आर्टिकल कैसा लगा कमेंट में जरूर बताएं।