उत्तर प्रदेश: लखनऊ के कुशीनगर में पुलिस एक मुस्लिम जोड़े को शादी स्थल से उठा ले गई, और उसे रात भर थाने में बैठाए रखा। पुलिस ने दोनों लोगों से शादी की रात थाने में घंटों पूछताछ की। जब दोनों ने उन्हें अपने मुसलमान होने का सबूत दिया। तब उनका निकाह हो सका। इस मामले में यूपी पुलिस ने एक बार फिर फजीहत करा दी है। UP में लव जिहाद के सख्त कानून को देखते हुए गिरफ्तार किया गया था।
UP पुलिस को किसी ने गलत सूचना दी
जानकारी के मुताबिक पुलिस को फोन कर सूचना मिली थी कि कसया थाना इलाके में लव जिहाद के तहत शादी हो रही है, और लड़की का धर्म परिवर्तन कराया जा रहा है। सूचना पर पुलिस की टीम शादी में पहुंची और लड़का लड़की को थाने ले गई। बताया जा रहा है कि पुलिस ने इस दौरान 39 साल के हैदर को बुरी तरह से पीटा भी। इस आरोप को पुलिस वाले ने झूठा कहा। हमले के आरोप पर पुलिस ने ट्विटर पर एक बयान भी जारी किया और उसे निराधार बताया। पुलिस ने कहा कि आरोप झूठे हैं।
निकाह रोके जाने के 2 दिन बाद यूपी पुलिस ने कहा है कि उसकी तरफ से किसी भी तरह की मानव अधिकार का उल्लंघन नहीं किया गया है। पुलिस ने दलील दी कि उन्होंने कोई कानून नहीं तोड़ा और केवल राज्य के नए कड़े गैरकानूनी धर्म धर्मांतरण कानून के तहत एक अपराधिक मामले में जांच कर उसे सत्यापित किया है।
लव जिहाद के झूठे अफवाह से पीड़ित परिवार का आरोप
वही हैदर अली का कहना है कि मंगलवार को वो और सबीला खातून से शादी करने वाले थे। शादी समारोह के बाद उन्होंने एक छोटी सी पार्टी रखी थी। जिसमें पुलिस की टीम एक दम से आई और हमें अपने साथ ले गई। पुलिस वालों ने उस वक्त कुछ कहने और सुनने का मौका नहीं दिया। हैदर ने बताया कि हमें शाम को 8:00 बजे के करीब थाने लेकर गए, और सुबह तक थाने में बिठा कर रखा है। हैदर ने पुलिस पर पिटाई करने का आरोप भी लगाया है।