आतंकवाद के खिलाफ जीरो टॉलरेंस की नीति अपनाते हुए केंद्र सरकार ने यूएपीए (UAPA) के तहत 18 लोगों को आतंकवाद घोषित किया है। मंगलवार को नामों की घोषणा करते हुए। गृह मंत्रालय ने कहा कि केंद्र सरकार आतंकवाद के खिलाफ अपनी जीरो टॉलरेंस की नीति के प्रति प्रतिबद्धता व्यक्त करते हुए सरकार ने यूएपीए अधिनियम 1967 (2019में संशोधित) के तहत 18 और लोगों को आतंकवादी घोषित किया है।
गृह मंत्रालय द्वारा जारी आतंकियों की लिस्ट
सरकार ने जिन 18 लोगों को आतंकी घोषित किया है। उसमें सीमा पार के भी आतंकी शामिल है। इनमें 26/11 के मुंबई हमले में आरोपी लश्कर का युसूफ मुजम्मिल, लश्कर-ए-तैयबा के सरगना हाफिज सईद का बहनोई अब्दुल रहमान मक्की, 1999 में कंधार आईसी- 814 अपहरण का आरोपी युसूफ अजहर, मुंबई बम धमाकों की साजिश रचने वाला टाइगर मेमन, छोटा शकील, हिज्बुल मुजाहिदीन के भटकल बंधु इस लिस्ट में शामिल है।
बता दे कि आतंकवाद को खत्म करने के लिए गृह मंत्री अमित शाह ने गैरकानूनी गतिविधि संशोधन बिल 2019 को पिछले वर्ष जुलाई में लोकसभा में पेश किया था। इस बिल को 24 जुलाई को ही मंजूरी मिल गई थी।
यह बिल गैर कानूनी गतिविधि एक्ट 1967 में संशोधन के बाद पास हुआ था। मोदी सरकार ने पुराने एक्ट में कुछ बदलाव किया था। ताकि आतंकी और नक्सलवादी गतिविधियों पर काबू और भारत के खिलाफ हो रही आतंकी गतिविधियों से कड़ाई से निपटा जा सके।
गैर कानूनी गतिविधि रोकथाम कानून को हाल ही में समाप्त हुए। संसद सत्र में पारित किया गया था। गौरतलब है कि संयुक्त राष्ट्र की ओर से भी मसूद अजहर और हाफिज सईद को ग्लोबल आतंकी घोषित किया जा चुका है।
जानिए यूएपीए एक्ट के बारे में
यूएपीए में किसी व्यक्ति विशेष को कब आतंकवादी घोषित किया जाएगा। इसका प्रावधान किया गया है। इसके तहत कोई व्यक्ति आतंकवादी गतिविधियों में अंजाम देता है, या उस में भाग लेता है तो उसे आतंकवादी घोषित किया जा सकता है।
इस कानून में पहला अमेंडमेंट 2004 के अंत में आया था। जब यूएपीए सरकार थी। दूसरा संशोधन 2008 में और तीसरा अमेंडमेंट 2013 में आया था गृह मंत्री अमित शाह ने कानून के बारे में कहा था, कि कोई अगर आतंकवाद के पोषण में मदद करता है।
धन मुहैया कराता है। आतंकवाद के साहित्य का प्रचार प्रसार करता है, या आतंकवाद की थ्योरी युवाओं के जेहन में डालने की कोशिश करता है। उसे आतंकवादी घोषित किया जाएगा।