Solar Storm 2021: हमारी धरती पर एक बहुत ही बड़ा खतरा मंडरा रहा है।इस संकट की वजह से हमारी पृथ्वी खतरे में पड़ सकती है। आपको बता दें कि धरती की ओर एक खतरा तेजी से बढ़ रहा है। सूरज की सतह से पैदा हुआ शक्तिशाली सौर तूफान 16 लाख किलोमीटर प्रति घंटे की रफ्तार से हमारी पृथ्वी की तरफ आ रहा है।वैज्ञानिकों ने आशंका जताई है कि ये महा सौर तूफान अगले एक या दो दिनों के अंदर हमारी पृथ्वी से टकरा सकता है। वैज्ञानिकों ने चेतावनी जारी करते हुए कहा है कि अगर ये महातूफान वास्तव में पृथ्वी से टकराता है तो काफी बड़ा नुकसान हो सकता है।
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Solar Storm 2021 वैज्ञानिकों का अनुमान
वहीं वैज्ञानिकों ने अनुमान लगाते हुए कहा है कि ये महा सौर तूफान रविवार या सोमवार को पृथ्वी से टकरा सकता है।जिसको लेकर उन्होंने यह भी चेतावनी दी है कि इसकी वजह से सैटेलाइट सिग्नलों में बाधा आ सकती है। वही साथ ही विमानों की उड़ान, रेडियो सिग्नल, कम्यूनिकेशन और मौसम पर भी इसका प्रभाव पड़ सकता है।
स्पेसवेदर डॉट कॉम वेबसाइट (Space Weather.Com) ने सौर तूफान को लेकर रिपोर्ट प्रकाशित की है। इसके मुताबिक सौर तूफान के चलते उत्तरी या दक्षिणी ध्रुवों पर रहने वालों के लिए सुंदर आकाशीय लाइटिंग का नजारा होगा। ध्रुवों के नजदीक आसमान में रात के समय दिखने वाली चमकीली रोशनी को ऑरोरा (Aurora) कहते हैं।
Solar Storm 2021 NASA ने लगाया अनुमान
अमेरिकी अंतरिक्ष एजेंसी नासा का अनुमान है कि ये हवाएं 1609344 किलोमीटर प्रति घंटे की रफ्तार से आगे बढ़ रही हैं। उन्होंने यह भी बताया कि हो सकता है कि इसकी स्पीड और भी ज्यादा हो।
धरती पर सौर तूफान का असर
सौर तूफान से धरती का बाहरी वायुमंडल गर्म हो सकता है जिसका सीधा असर सैटलाइट्स पर पड़ेगा। इससे जीपीएस नैविगेशन, मोबाइल फोन सिग्नल और सैटलाइट टीवी में रुकावट पैदा हो सकती है। पावर लाइंस में करंट तेज हो सकता है जिससे ट्रांसफॉर्मर भी उड़ सकते हैं। इंटरनेट भी बंद हो सकता है। हालांकि आमतौर पर ऐसा कम ही होता है क्योंकि धरती का चुंबकीय क्षेत्र इसके खिलाफ सुरक्षा कवच का काम करता है। विशेषज्ञों का कहना है कि अगर अंतरिक्ष से महातूफान फिर आता है तो धरती के लगभग हर शहर से बिजली गुल हो सकती है।
11 सालो का साइकिल शुरू
रिपोर्ट के मुताबिक साल 2020 में सूरज का 11 सालों का साइकिल शुरू हुआ है, जो 2025 में अपनी पीक पर होगा। और वैज्ञानिक अनुमान लगा रहे हैं कि आने वाले सालों में सौलर तुफान की संभावना पृथ्वी पर काफी ज्यादा बढ़ जाएगी। इससे पहले 17 साल पहले पृथ्वी ने सौलर तूफान को महसूस किया था। और पिछले 20 सालों में हमारी दुनिया टेक्नोलॉजी पर काफी ज्यादा आश्रित हो गई है और वैज्ञानिकों ने आशंका जताई है कि लगातार उठने वाले सोलर तूफान की वजह से पूरी दुनिया में टेक्नोलॉजी पर काफी बुरा असर पड़ सकता है।
इससे पहले वर्ष 1989 में आए सौर तूफान की वजह से कनाडा के क्यूबेक शहर में 12 घंटे के के लिए बिजली गुल हो गई थी और लाखों लोगों को मुसीबतों का सामना करना पड़ा था। वहीं वर्ष 1859 में आए चर्चित सबसे शक्तिशाली जिओमैग्नेटिक तूफान ने यूरोप और अमेरिका में टेलिग्राफ नेटवर्क को तबाह कर दिया था। इस दौरान कुछ ऑपरेटर्स ने बताया कि उन्हें इलेक्ट्रिक का झटका लगा है जबकि कुछ अन्य ने बताया कि वे बिना बैट्री के अपने उपकरणों का इस्तेमाल कर ले रहे हैं। नार्दन लाइट्स इतनी तेज थी कि पूरे पश्चिमोत्तर अमेरिका में रात के समय लोग अखबार पढ़ने में सक्षम हो गए थे।
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