सऊदी अरब एक अति विकसित और संविधान संपूर्ण देश है। उसके पास हर देशों की तरह लिखित संविधान नहीं है। वे लोग कुरान शरीफ को ही अपना संविधान मानते हैं और हमारे पैगंबर साहब की बातों को मानते हैं और शरिया कानून को ही अपना कानून मानते हैं और यहां के कानून तोड़ने वाले को सख्त से सख्त सजा दी जाती है। माने तो और सभी देशों में पोर्न वीडियो देखना एक मामूली बात होती है और सऊदी अरब में पोर्न देखना एक गैर कानूनी है।
सऊदी अरब के सख्त कानून
अगर पोर्न वीडियो देखते हुए कोई पकड़ा गया तो उस पर सख्त से सख्त कार्रवाई होगी। सऊदी अरब में कोई टैक्स नहीं लिए जाते हैं। लेकिन लोगों के कमाई का 2.50% हिस्सा जकात के तौर पर लिया जाता है। सऊदी अरब का नागरिकता लेने के लिए मुस्लिम होना जरूरी है। लोग वहां पर काम करने या घूमने जा सकते हैं पर नागरिकता लेने के लिए मुस्लिम होना जरूरी है।
सऊदी अरब में कभी कोई सिनेमा हॉल नहीं हुआ करता था। क्योंकि सऊदी अरब में इस्लामिक कानून के हिसाब से नाच गाना को हराम माना जाता है। लेकिन अब सऊदी अरब के कुछ शहरों में सिनेमा हॉल है। सऊदी अरब में जाने वाले टूरिस्ट के लिए कुछ चीजों का प्रतिबंध है। वह हर जगह के फोटो और वीडियो नहीं ले सकते।
सऊदीअरब का यह रूल है कि बगैर उसकी अनुमति से उसके देश के बाहर उसकी कुछ सीक्रेट बातें ना जाए। सऊदी अरब अपनी आबादी बढ़ाने के लिए परिवार नियोजन कराने को गैरकानूनी कहा है। सऊदी अरब में आबादी बढ़ाने के लिए सरकार बहुत सारी छूट दी हुई है।बच्चों की पढ़ाई नौकरी हर तरह की छूट दी हुई है।
हालांकि वहां पर महिलाओं को कार ड्राइव करने की छूट दी गई है।लेकिन महिलाओं को हमेशा बुर्के में रहना पड़ता है।बाकी देशों के तरह महिलाओं को अपनी मर्जी के कपड़े पहनने की बिल्कुल आजादी नहीं है। सऊदी अरब में शराब पीना बैंड है। अगर कोई भी शराब पीता हुआ पकड़ा गया तो उस पर शरिया कानून लागू होगा।
यहां हर जुर्म की सजा सख्त रखी गई है। सेना पर खर्च करने के मामले में सऊदी दुनियाभर में चौथे स्थान पर है। सऊदी अरब में काम करने वाले 80% मजदूर विदेशी है ज्यादातर मजदूर तेल और गैस सेक्टर में काम करते हैं इस्लाम मैं दो शहरों को सबसे ज्यादा पवित्र माना जाता है।’ मक्का मदीना’ यह दोनों ही सऊदी अरब में स्थित है।
हर साल में लाखों मुसलमान हज यात्रा पर आते हैं गैर मुस्लिम को इन दो शहरों में आने की इजाजत नहीं है सऊदी अरब आखरी ऐसा देश है जिसने महिलाओं को वोट डालने की आजादी दी सऊदी अरब मौत की सजा देने वाले देशों में नंबर चार पर है।