31 october भारत मना रहा है सरदार वल्लभभाई पटेल जयंती

31 अक्टूबर 2018 को सरदार वल्लभभई पटेल की जयंती पर पीएम मोदी ने गुजरात के नर्मदा जिले में स्टैचू ऑफ यूनिटी का अनावरण किया था। उनके जन्मदिन को पूरे देश में एकता दिवस के रुप में मनाया जाता है। उन्होंने भारतीय स्वतंत्रता आंदोलन में अपनी महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है।

सरदार वल्लभ भाई पटेल को सरदार पटेल के नाम से भी जाना जाता है। उन्होंने भारत के गणराज्य का निर्माण करने के लिए 562 सियासतो को इकट्ठा किया था। वह एक महान नेता थे। जिन्होंने देश में सामाजिक कार्यों पर भी अपना योगदान दिया था।

बल्लभ भाई पटेल के विचार

सरदार वल्लभ भाई पटेल का विचार था कि हमें ऊंच -नीच, जाति-पंथ, अमीर- गरीब, इन सब भेदभाव को समाप्त करना होगा तभी हमारा देश तरक्की कर सकता है।सरदार पटेल का कहना था कि इंसान को अपने अपमान सहने की कला भी आनी चाहिए।

सरदार पटेल का विचार था कि अधिकार मनुष्य को तब तक अंधा बनाए रखेंगे जब तक मनुष्य उस अधिकार को प्राप्त करने हेतु मूल्य ना चुका दे।

उनका विचार था कि मनुष्य की अधिक अच्छाई उसके मार्ग में बाधक है। उनका यह भी कहना था कि अपनी आंखों को क्रोध से लाल होने दीजिए और अन्याय का सामना मजबूती से कीजिए।

उनका कहना था कि मनुष्य को ठंडा रहना चाहिए और गुस्सा कभी नहीं करना चाहिए। गुस्सा से मनुष्य खुद अपने आप को नुकसान पहुंचा देता।

आइए जानते हैं सरदार वल्लभभाई पटेल की जीवनी के बारे में

सरदारवल्लभ भाई पटेल का जन्म 31 अक्टूबर 1875 ई॰ में नाडियाड गुजरात में हुआ था।पटेल ने मैट्रिक 12 साल की उम्र में पास की थी। उन्हें शुरू में राजनीति में कोई दिलचस्पी नहीं थी। 1917 में गांधी जी से मिलने के बाद उन्हें अपनी नौकरी छोड़ने और स्वतंत्रता संग्राम में शामिल होने के लिए प्रेरित किया था।

बल्लभ भाई पटेल भारत के स्वतंत्रता संग्राम सेनानी थे। भारत के आजादी के बाद वह प्रथम गृह मंत्री और उप -प्रधानमंत्री बने थे। बारडोली सत्याग्रह का नेतृत्व कर रहे पटेल को सत्याग्रह की सफलता पर वहाॅं की महिलाओं ने सरदार की उपाधि प्रदान की थी।

सरदार पटेल को भारत का बिस्मार्क और लौह पुरुष भी कहा जाता है।सरदार पटेल मन से किसान थे पर उसके बावजूद उच्च शिक्षा प्राप्त की और एक सफल वकील बने। सरदार पटेल के परिवार की आर्थिक स्थिति ठीक नहीं होने के कारण उन्होंने उच्च शिक्षा हासिल करने से मना कर दिया।

वह आजाद भारत में कांग्रेस पार्टी के सबसे काबिल नेता होने के बावजूद वह प्रधानमंत्री नहीं बन सके। सरदार पटेल ने इन रियासतों का एकीकरण कर आधुनिक भारत का निर्माण किया था।

वर्ष 1991 में उन्हें देश का सर्वोच्च सम्मान भारत रत्न से नवाजा गया। वह शरणार्थियों के लिए ईश्वर साबित हुए। सरदार पटेल ने भारत की एकता को बनाए रखने के लिए बहुत सारे योगदान दिए। इसलिए सरदार वल्लभभाई पटेल जयंती को एकता दिवस के रूप में मनाता है।

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