नई दिल्ली पंजाब के मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह बुधवार को दोपहर 12:30 बजे दिल्ली के जंतर मंतर पर धरना दे रहे हैं। राष्ट्रपति की ओर से मुलाकात के लिए समय ना देने के बाद ही यह फैसला लिया गया। कैप्टन अमरिंदर सिंह के साथ यहां पर नवजोत सिंह सिद्धू के साथ ही सभी मंत्री और कांग्रेस विधायक धरना दे रहे हैं।
इस धरने के जरिए केंद्र सरकार द्वारा मालगाड़ियां रोकने के कारण राज्य में बिजली की संकट और जरूरी सामानों की स्थिति गंभीर होने की ओर ध्यान दिलाने की कोशिश है। आपको बता दें कि केंद्र सरकार के तीन कृषि कानूनों के विरोध में पंजाब के किसान ट्रेन की पटरी पर विरोध प्रदर्शन कर रहे हैं जिसके कारण राज्य पर बहुत बुरा असर पड़ रहा है।
आंदोलन की वजह
रेलवे ने पंजाब में चल रहे किसान आंदोलन के कारण माल गाड़ियों की आवाजाही 7 नवंबर तक रोक दी है। केंद्र सरकार की तरफ से कहा गया है कि पंजाब सरकार रेलवे ट्रैक और माल गाड़ियों की सुरक्षा सुनिश्चित करेगी तभी माल गाड़ियों का परिचालन किया जाएगा। जिसके कारण माल गाड़ियों के बंद होने से पंजाब में थर्मल पावर प्लांट को कोयले की सप्लाई नहीं हो रही है। जिससे बिजली उत्पादन प्रभावित हो रही है।
इससे पंजाब में जरूरी वस्तुओं की आपूर्ति पर भी असर हो रहा है। पंजाब मे सब्जियों की सप्लाई भी नहीं हो पा रही है। गौरतलब है कि पंजाब में सरकारी और निजी मिलाकर कुल 5 थर्मल प्लांट है। इनमें से चार पहले ही बंद हो चुके थे। पंजाब में अब लंबे बिजली कट हो सकते हैं। राज्य सरकार अन्य संसाधनों से बिजली खरीद कर पंजाब के पावर सप्लाई बहाल रख रही है। सरकार द्वारा बताया जा रहा है कि रेल मंत्रालय के माल गाड़ियां शुरू न करने से यह नौबत आई है।
पंजाब सरकार का यह एक दिन का सांकेतिक धरना होगा कोविड-19 जैसे लगी धारा 144 के कारण 4-4विधायक पूरे दिन धरने पर रहेंगे।