PM Kusum Yojana 2020 : नई दिल्ली के तहत फीडर स्तर केे सौर संयंत्र (सोलराइजेशन) लगानेे को लेकर राज्यों के साथ परामर्श के बाद शुक्रवार को दिशानिर्देश जारी किया। सरकार नेे फरवरी 2019 में प्रधानमंत्री किसान ऊर्जा सुरक्षा एवं उत्थान महाभियान शरू करने की मंजूरी दी थी। जिसका मकसद किसानों को सौर ऊर्जा क्षमता विकसित कराकर उन्हें वित्तीय और जल सुरक्षा उपलब्ध कराना है। इसके जरिए 2022 तक 25,750 मेगावाट बिजली उत्पादन क्षमता का लक्ष्य रखा गया है। इसमें काशी घटक ग्रिड के जुड़े कृषि पंप ऑफिसर स्तर पर सौर संयंत्र उपलब्ध कराता है। PM Kusum Yojana 2020 में सरकार ने कुछ गाइडलाइंस जारी किए हैं
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PM Kusum Yojana 2020 के गाइडलाइंस जारी
- इसमें सी घटक ग्रिड से जुड़े कृषि पंपों को फीडर स्तर के सोलराइजेशन उपलब्ध कराता है। राज्यों के साथ विचार विमर्श के बाद फीडर स्तर पर सोलराइजेशन का भी निर्णय किया गया है। इसके तहत प्रत्येक कृषि पंप के लिए अलग पैनल के इलावा एक ही सौर बिजली संयंत्र स्थापित किया जाएगा। इसकी क्षमता इतनी ज्यादा होती है कि यह कई पीढ़ियों को बिजली आपूर्ति करा सकता है।
- नवीन एवं नवीकरणीय ऊर्जा मंत्रालय ने शुक्रवार को एक बयान में कहा कि राज्यों के साथ हुई चर्चा के आधार पर इस योजनाओं के घटक- सी के तहत फीडर स्तर के सौर संयंत्र को भी शामिल करने का निर्णय लिया गया। इन योजनाओं में 3 घटक शामिल है।
- घटक-ए- इसमें भी केंद्रित जमीन पर ग्रीड से जुड़ा नवीकरणीय ऊर्जा संयंत्र का लगाया जाना शामिल है।
- घटक-बी- इसमें एकल आधार पर सौर बिजली चालित कृषि पंप शामिल
- घटक-सी- इसमें कृषि पंपों के लिए ग्रिड कनेक्टेड संयंत्र का प्रावधान शामिल है
- इस योजनाओं से ग्रामीणों की आय बढ़ेगी। इस दिशा निर्देशों के तहत वितरण कंपनी संबंधित क्षेत्र के फीडर स्तर पर संयंत्र के लिए क्रियान्वयन एजेंसी होंगे। इससे बिजली का उपयोग आसपास के ग्रामीण या शहरी क्षेत्र को किया जाएगा। इस फीडर को लगाने के लिए केंद्रीय वित्तीय सहायता 30% होगी। जबकि शेष नवाई /आईसी से कर्ज के रूप में प्राप्त किया जाएगा। इस परियोजना को लगाने वाली गाने इकाई का चयन 25 साल के लिए एक निम्न शुल्क के दर पर किया जाएगा।
केंद्र सरकार का बजट
सरकार द्वारा बजट को आगे बढ़ाने के लिए इसलिए ऐलान किया गया कि किसान सिंचाई और बिजली की जरूरत को खुद पूरा कर सके। इसकी घोषणा वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने 1 फरवरी 2020 को की। सरकार ने इस योजना के साथ एक और बड़ा ऐलान किया। जिसमें सरकार किसानों को सब्सिडी के रूप में सोलर पंप की कुल लागत का 60% रकम देगी वित्त मंत्री ने बजट पेश करते हुए कहा है कि पीएम कुसुम योजना के तहत देश के 20 लाख किसानों को इसका लाभ पहुंचेगा।
सरकार 60 फ़ीसदी देती है अनुदान
इसके तहत कृषि पंपों को सौरीकरण के लिए सरकार की ओर से 7 फ़ीसदी तक अनुदान दिया जाता है। जिसमें राज्य सरकार के विभागों द्वारा कार्यान्वित किया जा रहा है। जिसमें किसानों को केवल 40 फ़ीसदी ही विभाग में जमा किया जाता है। इन विभागों की जानकारी MNRE की वेबसाइट http://www.mnre.gov.in पर उपलब्ध है।
सरकार द्वारा दी गई नई अपडेट
देश के लाखों किसानों को और ज्यादा फायदा पहुंचे। इसके लिए 13 नवंबर को ऊर्जा मंत्रालय और केंद्र सरकार ने इसके दायरे को और बढ़ा दिया गया है। इसके तहत देश के किसानों को नया अलॉटमेंट जारी किया जाएगा। जिसके बाद किसान बिजली संयंत्र को शुरू कर सकेंगे। इस घोषणा के बाद कृषि भूमि परती बंजर और दलदल जमीन पर भी सौर बिजली संयंत्र लगाए जा सकते हैं। इसका लाभ छोटे किसान भी उठा पाएंगे।
इसमें ऑनलाइन रजिस्ट्रेशन ऐसे करें
- सबसे पहले उम्मीदवार सरकार की आधिकारिक वेबसाइट http://kusum.online जाएं।
- वेबसाइट के मेन पेज पर आवेदन के ऑप्शन को क्लिक करना है।
- क्लिक करते ही kusum yojana online registration form दिखेगा।
- यहां आकर उम्मीदवार अपना डिटेल भरेंगे नाम, मोबाइल नंबर, ईमेल ID डालकर submit का बटन दबा दे।
- रजिस्ट्रेशन के बाद सोलर एग्रीकल्चरल पंपसेट सब्सिडी स्कीम 2020-21 के लिए लॉगिन करें
- होम पेज पर login करने के बाद उम्मीदवार सबसे रीपर सोलर पंप लेने के लिए Kusum yojana ऑनलाइन Application form भी भर सकते हैं।
इसके लिए आवेदन के दस्तावेज
- बैंक अकाउंट नंबर
- आधार कार्ड
- मोबाइल नंबर
- आय प्रमाण पत्र
- पासपोर्ट साइज फोटो
- पते का सबूत
आपको अगर इस योजनाओं से संबंधित कुछ जानकारी लेनी है तो आपको इसके हेल्पलाइन नंबर 011-243600707 या 011-24360404 संपर्क कर सकते हैं। इसके टोल फ्री नंबर 18001803333 पर भी संपर्क कर सकते हैं।https://www.fastkhabre.com/sbi-recruitment-2020/
हाइलाइट्स
- नाम- कुसुम योजना 2020
कैटेगरी- केंद्र सरकार योजना
इनके द्वारा लांच की गई- वित्त मंत्री श्री अरुण जेटली के द्वारा लांच की गई।
इसका उद्देश्य- रियायती मूल्य पर 100 सिंचाई पंप
ऑफिसियल वेबसाइट- http://rreclmis.energy.rajas
योजना का लाभ
- इससे किसान उत्पादित ऊर्जा का उपयोग सिंचाई जरूरतों के साथ अतिरिक्त ऊर्जा बिजली वितरण कंपनियों को बेच पाएंगे। इससे किसानों का आय बढ़ेगा।
- इसमें रोजगार के प्रत्यक्ष अवसरो को सृजित करने की क्षमता है। स्व- रोजगार में वृद्धि के साथ इस योजना से कुशल व अकुशल श्रमिकों के लिए 6.31 लाख रोजगार के नए अवसरों के सृजित होने की भी संभावना है।
- ग्रामीण भू स्वामियों को स्थाई व निरंतर आय का स्रोत प्राप्त होगा।
- कार्बन डाइऑक्साइड में कमी आएगी और वायुमंडल पर अच्छा प्रभाव पड़ेगा। कार्बन डाइऑक्साइड उत्सर्जन में 27 मिलियन टन की कमी आएगी।