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पैरेट फीवर क्या है – Parrot fever kya hai
पैरेट फीवर के कारण
Parrot fever Chlamydia psittaci नामक बैक्टीरिया के कारण होता है। यह बैक्टीरिया संक्रमित पक्षियों के मल और श्वसन स्राव में पाया जाता है। जब मनुष्य संक्रमित पक्षियों के मल या श्वसन स्राव के संपर्क में आते हैं, तो वे संक्रमित हो सकते हैं।
पैरेट फीवर के लक्षण- Parrot fever lakshan in hindi
Parrot fever के लक्षण आमतौर पर संक्रमण के 10-14 दिनों के बाद दिखाई देते हैं जैसे
- बुखार
- सिरदर्द
- थकान
- मांसपेशियों में दर्द
- सूखी खांसी
- सांस लेने में तकलीफ
- निमोनिया
- ठंड लगना
- भूख न लगना
- दस्त
- पेट में दर्द
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पैरेट फीवर से बचने के लिए क्या करना चाहिए
Parrot fever से बचने के लिए आपको निम्नलिखित सावधानियां बरतनी चाहिए जैसे
- संक्रमित पक्षियों से संपर्क न करें।
- यदि आपको संक्रमित पक्षियों के साथ काम करना है, तो दस्ताने, मास्क और चश्मा पहनें।
- पक्षियों के पिंजरे को नियमित रूप से साफ करें और कीटाणुरहित करें।
- पक्षियों के भोजन और पानी को नियमित रूप से बदलें।
- यदि आपको Parrot fever के लक्षण दिखाई देते हैं, तो तुरंत डॉक्टर से संपर्क करें।
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Parrot fever एक गंभीर बीमारी हो सकती है, खासकर बुजुर्गों और कमजोर प्रतिरक्षा प्रणाली वाले लोगों में।यदि आपको Parrot fever है, तो आपको तब तक दूसरों से अलग रहना चाहिए जब तक कि आप पूरी तरह से ठीक न हो जाएं।
यह जानकारी केवल सामान्य जानकारी के लिए है। यह चिकित्सा सलाह का विकल्प नहीं है। यदि आपको Parrot fever के लक्षण दिखाई दें तो कृपया डॉक्टर से संपर्क जरूर करें। आपको यह जानकारी कैसी लगी कमेंट में जरूर बताएं और अपने दोस्तों के साथ भी ज्यादा से ज्यादा शेयर करें।