प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी रेडियो पर मन की बात कर रहे हैं। प्रधानमंत्री का यह कार्यक्रम कोरोना संकट और कृषि कानून के खिलाफ किसानों के आंदोलन के बीच हो रहा है। फिलहाल पीएम मोदी मन की बात कार्यक्रम में कहा कि एक खुशखबरी सुना रहा हूं। कनाडा से मां अन्नपूर्णा देवी की मूर्ति वापस लाई गई है। उन्होंने देशवासियों को प्रकाश पर्व की बधाई दी। इसके अलावा प्रधानमंत्री ने कोरोना के खिलाफ मजबूती से जारी रखने और सर्दियों में बच्चों और बुजुर्गों का खास ख्याल रखने की अपील की।
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प्रधानमंत्री ने कोरोना में लोगों को सावधानी बरतने की अपील की
प्रधानमंत्रीने सर्दी के मौसम में बच्चों का बुजुर्ग का विशेष ध्यान रखना और सावधानी बरतने की सलाह दी है। कोरोना बैक्सीन का जिक्र करते हुए प्रधानमंत्री ने देश की जनता से सावधान रहने के साथ लड़ाई को मजबूती से जारी रखने की अपील की।
प्रधानमंत्री ने गुरु नानक देव जी का जिक्र किया
प्रधानमंत्री ने गुरु साहिब की सेवा का जिक्र करते हुए कहा कि कल 30 नवंबर को हम श्री गुरु नानक देव जी का 551 वां प्रकाश पर्व मनाएंगे। पूरी दुनिया में गुरु नानक देव जी का प्रभाव स्पष्ट रूप से दिखाई देता है। वेंकूवर से वेलिंगटन तक सिंगापुर से दक्षिण अफ्रीका तक उनके संदेश हर तरफ सुनाई देते हैं।
कृषि कानून के बारे में भी जिक्र किया
पीएम मोदी ने कृषि कानून पर कहा कि इससे किसानों के लिए नए रास्ते खुले हैं। काफी विचार-विमर्श के बाद भारतीय सांसद ने कृषि कानून को ठोस रूप दिया। पीएम मोदी ने कहा कि काफी विचार वमर्श के बाद भारत की संसद ने कृषि सुधारों को कानून स्वरूप दिया।इन सुधारों से ना सिर्फ किसानों के अनेक बंधन समाप्त हुए हैं। बल्कि उन्हें नए अधिकारी मिले हैं नए अफसर भी मिले हैं।
कोरोना वैक्सीन की तैयारियों का जायजा लिया
कोरोना वैक्सीन की तैयारियों का जायजा लेने के बाद पीएम मोदी मन की बात कर रहे हैं। कोरोना वायरस के संकट से निपटने के लिए दुनिया भर में वैक्सीन तैयार करने का काम चल रहा है। कई देशों में वैक्सीन का काम अपने अंतिम चरण में है। भारत में भी वैक्सीन की खोज का काम अंतिम चरण में है। प्रधानमंत्री मोदी ने शनिवार को देश के तीन प्रमुख लैब का दौरा किया और वहां वैक्सीन की जानकारी ली। कोरोना वैक्सीन के जाइजे पर निकले। प्रधानमंत्री मोदी ने अपने इस दौरे का अंत पुणे के सिरम इंस्टीट्यूट ऑफ इंडिया के साथ किया।
भारत की संस्कृति और शास्त्र हमेशा से ही पूरी दुनिया के लिए आकर्षण के केंद्र रहे हैं। कई लोग तो इनकी खोज में भारत आए और हमेशा के लिए यहीं के होकर रह गए। तो कई लोग वापस अपने देश जाकर इस संस्कृति के हैं संवाहक बन गए।