नई दिल्ली: मध्यप्रदेश में लव जिहाद विरोधी धार्मिक स्वतंत्रता अधिनियम 2020 को कैबिनेट की मंजूरी मिल गई है। MP लव जिहाद कानून 2020 में कुल 19 प्रावधान है। जिसके अनुसार अगर धर्म परिवर्तन के मामले में पीड़िता के परिजन अगर शिकायत करते हैं तो पुलिस उस शख्स के खिलाफ सख्त कार्रवाई करेगी और अगर किसी शख्स पर नाबालिक अनुसूचित जाति और जनजाति की बेटियों को बहला-फुसलाकर शादी करने का मामला साबित होता है तो ऐसे में उसे 2 साल से 10 साल तक की सजा का प्रावधान है। मध्य प्रदेश के गृह मंत्री नरोत्तम मिश्रा ने बताया कि हमने अपने राज्य में देश का सबसे कठोर कानून बनाया है। ये MP लव जिहाद कानून 2020 जो 28 दिसंबर से मध्यप्रदेश विधानसभा का सत्र प्रस्तावित है।
MP लव जिहाद कानून 2020 के 19 प्रावधान
- MP लव जिहाद कानून 2020 का अधिनियम पारित होने के बाद 1968 का मध्य प्रदेश धर्म स्वतंत्र अधिनियम खत्म हो जाएगा।
- अगर किसी शख्स पर नाबालिग अनुसूचित जाती या जनजाति की बेटियों को बहला-फुसलाकर शादी करने का मामला साबित हुआ तो ऐसे में उस शख्स को 2 साल से 10 साल तक की सजा दी जाएगी।
- कानून के प्रावधानों के विरुद्ध धर्म परिवर्तन किए जाने पर कम से कम 1 साल और अधिकतम 5 साल का कारावास मिलेगा।
- ऐसा करने वाले शख्स का 50,000 जुर्माने की रकम रखी गई है।
- प्रलोभन, धमकी, कपट, षड्यंत्र या धर्म छुपाकर विवाह करने पर विवाह को शून्य माना जाएगा।
- दो या दो से अधिक लोगों का एक ही समय में धर्म परिवर्तन पर कम से कम 5 साल और अधिकतम 10 साल की सजा और कम से कम 1 लाख रुपए के अर्थदंड का प्रावधान है।
- कानून के दायरे में आने के बाद विवाह सुनने घोषित करने का भी प्रावधान रखा गया है।
- पैतृक धर्म में वापसी को धर्म परिवर्तन नहीं माना जाएगा।
- एक से अधिक बार कानून का उल्लंघन पर 5 से 10 साल की सजा का प्रावधान रखा गया है।
- इस अधिनियम के तहत दर्ज अपराध संज्ञेन और गैर जमानती होगा जिसकी सुनवाई सेशन कोर्ट या फिर विशेष अदालत में होगी।
- विवाह शून्य करने का फैसला परिवार न्यायालय में लिया जाएगा।
- प्रावधान के मुताबिक सब इंस्पेक्टर से नीचे का पुलिसकर्मी इस कानून के तहत दर्ज मामले की जांच नहीं करेगा।
- ऐसा करने वाले पंडित या मौलवी पर अगर जबरदस्ती शादी करवाने का आरोपी पाया जाएगा तो उसके खिलाफ भी सख्त कार्रवाई की जाएगी।
- धर्म परिवर्तन कराने के पहले कलेक्टर को दो महीना पहले सूचना देना अनिवार्य होगा,
- सूचना नहीं देने पर 3 से 5 साल की सजा और 50,000 रुपए जुर्माना का प्रावधान रखा गया है।
- पैदा हुए बच्चे को अपने पिता की संपत्ति में उत्तराधिकारी के रूप में दावा करने की स्वतंत्रता मिलेगी।
- धर्म परिवर्तन करने पर परिजन की शिकायत को कानून में जरूरी किया जाएगा।
- प्रावधान में निर्दोष होने के सबूत पेश करने की वार्त अभियुक्त पर रखी गई है।
- पीड़ित महिला और पैदा हुए बच्चे को भरण-पोषण हासिल करने का अधिकार भी दिया जाएगा।
- अपना धर्म छुपाकर कानून के प्रावधानों के खिलाफ धर्म परिवर्तन करने पर कम से कम 3 साल और अधिकतम 10 साल की सजा और 50 हजार जुर्माना का प्रावधानhttps://www.fastkhabre.com/archives/2577
उत्तर प्रदेश देश का पहला राज्य है जहां यह कानून पास किया गया था। यूपी में भी इस कानून के तहत गैर जमानती धाराओं के तहत मामला दर्ज करने और 10 साल की कठोरता के सजा का प्रावधान है।