Morning sickness kya hai : प्रेगनेंसी के दौरान होने वाले मॉर्निंग सिकनेस के बारे में वह सब कुछ जो आपको जानना बेहद जरूरी है

मॉर्निंग सिकनेस एक ऐसी स्थिति है जो गर्भवती महिलाओं के दौरान हो सकती है। यह एक सामान्य प्रक्रिया है, लेकिन यह आमतौर पर प्राथमिक तीन महीनों में अधिक होती है। मॉर्निंग सिकनेस का अर्थ होता है की सुबह को उठते ही इसे महसूस किया जाता है, लेकिन यह किसी भी समय हो सकती है।

गर्भावस्था के दौरान मतली दिन या रात किसी भी समय हो सकती है। यह आमतौर पर गर्भावस्था के पहले 4 से 6 सप्ताह के बीच शुरू होता है और 14वें सप्ताह तक बेहतर हो जाता है। चूंकि लगभग 75% महिलाएं अपनी गर्भावस्था के दौरान किसी न किसी समय मॉर्निंग सिकनेस का अनुभव करती हैं, राहत पाने के लिए कई आजमाए हुए और सच्चे तरीके उपलब्ध हैं, आईए जानते हैं मॉर्निंग सिकनेस क्या है इसके होने का कारण और गर्भावस्था की मतली के लिए सर्वोत्तम खाद्य पदार्थों के बारे में।

मॉर्निंग सिकनेस क्या है – Morning sickness kya hai in Hindi

मॉर्निंग सिकनेस, जिसे हिंदी में ‘सुबह की बीमारी’ कहा जाता है, एक प्राकृतिक प्रक्रिया है जो मातृत्व के दौरान हो सकती है। इसमें महिलाओं को गर्भावस्था के पहले कुछ महीनों में होने वाली थकान, मतली, और उल्टियों का सामान्य अनुभव होता है। इसका सीधा असर गर्भावस्था के हार्मोनल परिवर्तनों पर होता है और यह आमतौर पर सुबह होता है, लेकिन कभी-कभी यह किसी भी समय हो सकता है।

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मॉर्निंग सिकनेस का कारण क्या है?

मॉर्निंग सिकनेस का कारण विभिन्न हो सकता है और यह गर्भवती महिलाओं के शारीरिक बदलावों और हार्मोन के परिवर्तनों से संबंधित होता है। यहां कुछ प्रमुख कारण इस प्रकार है,

हार्मोनल परिवर्तन: गर्भधारण के दौरान, महिलाओं के शारीरिक सिस्टम में हार्मोनों में बदलाव होता है, जिससे मॉर्निंग सिकनेस का कारण बनता है।

विभिन्न गंधों और स्वादों की संवेदनशीलता: गर्भवती महिलाएं कुछ गंधों और भोजनों के प्रति अधिक संवेदनशील हो सकती हैं, जिससे उन्हें उल्टियों की समस्या हो सकती है।

पेट में असुविधा: गर्भवती होने पर महिलाओं के पेट में बदलाव हो सकता है जो मॉर्निंग सिकनेस को उत्पन्न कर सकता है।

तंतु में विकार: कभी-कभी, तंतु में  विकार भी मॉर्निंग सिकनेस का कारण बन सकता है।

यदि किसीको मॉर्निंग सिकनेस की समस्या है, तो उन्हें अपने चिकित्सक से संपर्क करना चाहिए ताकि सही उपचार किया जा सके।

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मॉर्निंग सिकनेस के लिए सर्वोत्तम खाद्य पदार्थ

मॉर्निंग सिकनेस के दौरान, सही आहार का चयन करना अत्यंत महत्वपूर्ण है ताकि गर्भवती महिलाएं इस स्थिति से आराम से गुजर सकें। यहां कुछ सर्वोत्तम खाद्य पदार्थ हैं जो मॉर्निंग सिकनेस को कम करने में मदद कर सकते हैं वो इस प्रकार हैं

अदरक और नींबू की चाय: अदरक और नींबू की चाय मॉर्निंग सिकनेस के खिलाफ एक प्रमुख घरेलू उपाय है। इससे सीधे और उत्तेजक प्रभाव होता है।

सेब: सेब में रहने वाले नैचुरल शुगर और फाइबर के कारण, यह उल्टियों को कम करने में मदद कर सकता है।

नारियल पानी: नारियल पानी से शरीर को ताजगी मिलती है और इसमें मौजूद एलेक्ट्रोलाइट्स उल्टियों को रोकने में मदद कर सकते हैं।

पुदीना और धनिया: पुदीना और धनिया का उपयोग खाने में और चाय में करने से उल्टियों की समस्या को आराम मिल सकता है।

शांडिलवा: शांडिलवा की चाय मॉर्निंग सिकनेस को कम करने में मदद कर सकती है, और इसमें अनेक स्वास्थ्य लाभ होते हैं।

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खिचड़ी: आसानी से पचने वाली और सुलभ खिचड़ी मॉर्निंग सिकनेस के दौरान उपयुक्त हो सकती है।

सूप और ब्रॉथ: हल्के सूप और ब्रॉथ बनाने से आपकी ताजगी बनी रहती है और उल्टियों को आसानी से संभाला जा सकता है।

Conclusion

इस आर्टिकल में दी गई जानकारी एक सामान्य ज्ञान पर आधारित है इसलिए किसी भी खाद्य पदार्थ का सेवन करने से पहले आप अपने डॉक्टर से परामर्श ज़रूर करें। वह आपको सही गाइड देंगे और आपके इस परेशानी को दूर करने में आपकी मदद करेंगे।

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