आसमान में होने वाली घटनाओं में दिलचस्पी रखते हैं, तो 14 दिसंबर की रात आपके लिए खास होने वाली है। हर साल नजर आने वालीं जेमिनिड्स उल्का बौछार (Geminids meteor shower) फिर लौट रही हैं। मीडिया रिपोर्ट के अनुसार, इस साल 14 दिसंबर को रात करीब 1 बजे ये अपने पीक पर होंगी। आसान भाषा में कहा जाए, तो आसमान में ‘तारों की बारिश’ होती हुई दिखाई देगी। दुनियाभर में इस नजारे को देखा जा सकेगा। भारत में भी यह उल्का बौछार नजर आएगी, बशर्ते कि आपके इलाके में मौसम साफ रहे।
अमेरिकी अंतरिक्ष एजेंसी नासा (Nasa) के अनुसार, जेमिनिड्स उल्का बौछार हर साल दिसंबर के मिड में अपने पीक पर होती है। इससे सबसे अच्छी और लगातार दिखाई देने वाली उल्का बौछार माना जाता है। जेमिनीड उल्का बौछार को यह नाम जेमिनी तारामंडल से मिला है। इसकी शुरुआत वहीं से होती है।
अगर आप जेमिनिड्स उल्का बौछार को देखना चाहते हैं, तो किसी भी इंस्ट्रूमेंट की जरूरत नहीं है। आपको सिर्फ एक घना अंधेरे वाला इलाका चाहिए और आसमान साफ होना चाहिए। हालांकि उल्का बौछारों को देखना आसान काम नहीं है। कई बार पूरी रात भी इंतजार करना पड़ जाता है जैसा कि हमने बताया उल्का बौछारों को देखने का सबसे बेहतर समय रात करीब 1 बजे के बाद और सुबह 6 बजे से पहले का है।
ऐसे देख सकते हैं उल्का बौछार
उल्का बौछार देखने के लिए शहर की रोशनी से दूर ऐसी जगह जाएं, जहां आपको रात गहराती हुई दिखे। ग्रामीण इलाका सबसे बेस्ट होगा। मौसम के अनुसार कपड़े पहनें और सुनिश्चित करें कि आप सुरक्षित हैं। अपने साथ एक कंबल या आरामदायक कुर्सी ले जाएं, क्योंकि उल्का बौछारों को देखने के लिए आपको घंटों इंतजार करना पड़ा सकता है। आसमान में जिस दिशा से उल्का बौछार आएं, उस तरफ लोकेशन सेट करें और इंतजार करें।