Maharaja Surajmal : पर्यटन विभाग और भरतपुर जिला प्रशासन द्वारा दो दिवसीय महाराजा सूरजमल स्मृति समारोह का रविवार (24 दिसंबर) को शुभारंभ किया गया। इस मौके पर सुबह 8 बजे भरतपुर किले में स्थित गायत्री शक्तिपीठ मंदिर में हवन यज्ञ के साथ स्मृति समारोह का आगाज हुआ। उसके बाद संग्रहालय में स्कूल के छात्र-छात्राओं द्वारा राधा कृष्ण और महापुरुषों पर आधारित पोशाक प्रतियोगिता, मेहंदी प्रतियोगिता, निबंध प्रतियोगिता, चित्रकला प्रतियोगिता और रंगोली प्रतियोगिता का आयोजन किया गया है।
महाराजा सूरजमल स्मृति समारोह के मौके पर आयोजित प्रतियोगिता में शहर के अलग-अलग स्कूलों के छात्र-छात्राओं ने बढ़-चढ़ कर भाग लिया है। राधा कृष्ण और महापुरुषों पर आधारित पोशाक प्रतियोगिता में छोटे-छोटे बच्चों ने भाग लेकर अपनी प्रस्तुति दी। रविवार (24 दिसंबर) को दोपहर 3 बजे यूआईटी ऑडिटोरियम में महाराजा सूरजमल पर आधारित क्विज प्रतियोगिता और वैचारिक संगोष्ठी का आयोजन किया गया। उसके बाद शाम 7 बजे विश्वप्रिय शास्त्री पार्क में सांस्कृतिक संध्या कार्यक्रम का आयोजन किया गया।
Table of Contents
महाराजा सूरजमल के बलिदान दिवस पर 25 दिसंबर को होंगे ये कार्यक्रम
भरतपुर जिले में 25 दिसंबर को यानी आज जगह- जगह महाराजा सूरजमल के बलिदान दिवस पर विभिन्न समाज के संगठनों द्वारा कार्यक्रम आयोजित किये जा रहे है। पर्यटन विभाग और जिला प्रशासन द्वारा 25 दिसंबर को शौर्य यात्रा का भी आयोजन किया जायेगा। शौर्य यात्रा सुबह 10 बजे महाराजा सूरजमल पार्क यातायात चौराहे से शुरू होगी। इस दौरान यह बिजली घर, मथुरा गेट, मोरी चारबाग, चौबुर्जा बाजार होते हुए किले के अंदर स्थित किशोरी महल पहुंचेगी और यहां महाराजा सूरजमल की प्रतिमा पर दोपहर को 12 बजे पुष्पांजलि कार्यक्रम आयोजित किया जायेगा।
महाराजा सूरजमल के बलिदान दिवस कॉलेज ग्राउंड में सैंड आर्ट प्रदर्शनी
पुष्पांजलि कार्यक्रम के बाद एमएसजे कॉलेज ग्राउंड में सैंड आर्ट प्रदर्शनी का आयोजन होगा। जिसमें महाराजा सूरजमल से संबंधित और भरतपुर के केवलादेव नेशनल पार्क से संबंधित सैंड आर्ट से तैयार प्रदर्शनी का आयोजन किया जायेगा। उसके बाद शाम को प्राचीन गंगा मंदिर में फूल बंगला झांकी, दीपमाला और महाआरती का आयोजन किया जायेगा। शाम 7 बजे विश्वप्रिय शास्त्री पार्क में सांस्कृतिक कार्यक्रम का आयोजन किया जायेगा।
जानिए पर्यटन विभाग ने महाराजा सूरजमल के बलिदान दिवस क्या कहा?
पर्यटन विभाग के उपनिदेशक संजय जौहरी ने बताया है कि भरतपुर के संस्थापक महाराजा सूरजमल के बलिदान दिवस पर 2 दिवसीय स्मृति समारोह का आयोजन किया जा रहा है। समारोह में विभिन्न प्रतियोगिता, सांस्कृतिक संध्या, शौर्य यात्रा सहित पुष्पांजलि कार्यक्रम का आयोजन किया जा रहा है। सांस्कृतिक संध्या में कई राज्यों के कलाकार भाग लेंगे।
जानिए कौन थे महाराजा सूरजमल
महाराजा सूरजमल राजा बदन सिंह के पुत्र थे, जिन्होंने 17 वीं सदी में भरतपुर की स्थापना की थी । उन्होंने अपने छोटे से साम्राज्य का विस्तार कर उसे काफी ऊंचाइयों तक पहुंचा दिया था । मथुरा, आगरा ,बागपत ,मेरठ और बरेली तक महाराजा सूरजमल के साम्राज्य का विस्तार था, इसके अलावा गंगा और यमुना नदी भी महाराजा सूरजमल के साम्राज्य में शामिल थी । महाराजा सूरजमल ने अपने जीवन काल में 80 युद्ध लड़े और सभी युद्ध उन्होंने जीते थे । अपने पूरे जीवन काल में महाराजा सूरजमल एकमात्र ऐसे राजा और योद्धा रहे जो कभी भी युद्ध नहीं हारे । कहने को तो भरतपुर रियासत के ये राजा महाराजा थे, मगर किसान का जीवन व्यतीत करते थे । महाराजा सूरजमल ने हमेशा दीन दुखियों दलितों शरणागत हो और स्त्रियों की रक्षा की थी ।