नई दिल्ली: केंद्र सरकार देश की सबसे बड़ी बीमा कंपनी भारतीय जीवन बीमा निगम (LIC) का आईपीओ(IPO) ले कर आ सकती है। सरकार की ओर से कहा जा रहा है कि 4 कारणों की वजह से कंपनी का आईपीओ (IPO)लाने में देरी हो रही है।
आप सबको पता है कि भारतीय जीवन बीमा निगम(LIC) देश की सबसे बड़ी जीवन बीमा कंपनी है। इस साल फरवरी में वित्त मंत्री सीतारमण ने आम बजट पेश करते वक्त एलआईसी (LIC) में निवेश करने की भी घोषणा की थी।
केंद्र सरकार देश की सबसे बड़ी बीमा कंपनी एलआईसी (LIC)के स्वतंत्र विमाकिक मूल्यांकन को देखना चाहती है। ऐसे मेंं एलआईसी(LIC) का पब्लिक ऑफर अगले वित्त वर्ष में खत्म हो सकता है।
आइए जानते हैं किन वजह से हो रही है देरी
सरकार देश की सबसे बड़ी बीमा कंपनी के स्वतंत्र विमाकिक मूल्यांकन को देखना चाहती है। इसलिए ऐसे में एलआईसी (LIC) का आईपीओ (IPO)वित्त वर्ष में खिसक सकता है। निवेश एवं लोक संपत्ति प्रबंध विभाग के सचिव तुहीन कांत पांडे ने कहा कि जीवन बीमा एलआईसी के(LIC) के आईपीओ (IPO)से पहले का कार्य चार चरणों में चल रहा है।
इस चार चरणों के अनुपालन सुनिश्चित करने के लिए परामर्शदाताओं की नियुक्ति,विधायी संशोधन आंतरिक संपत्ति पर आधारित मूल्यांकन बताने के लिए एलआईसी(LIC) के सॉफ्टवेयर में बदलाव एवं एलआईसी(LIC) के विमाकिक मूल्यांकन के लिए भी विमाक की नियुक्ति शामिल है।
सरकार उस कानून को बदलना चाहती है। जिसके तहत एलआईसी (LIC) का गठन/ स्थापना हुआ था अगले साल 21 मार्च को खत्म हो रहे चालू वित्त वर्ष में रिकॉर्ड 2.1 लाख करोड़ रुपए के निवेश का लक्ष्य पूरा करने के लिए एलआईसी में हिस्सेदारी की बिक्री बहुत महत्वपूर्ण है।
पांडेय ने पीटीआई भाषा में कहा कि इन चारों चरणों के पूरा होने के बाद ही एलआईसी (LIC)में सरकार की कितनी हिस्सेदारी बेचेगी। उसके बाद आईपीओ(IPO) के बारे में निर्णय होगा। और और तब यह तय किया जाएगा कि आईपीओ(IPO) कितना बड़ा होगा। पांडेय ने कहा कि हम वित्त वर्ष में इन्हें पूरा करने की पूरी कोशिश करेंगे।
भारतीय स्टेट बैंक (SBI) को नियुक्त किया है
भारतीय स्टेट बैंक(SBI) कैप्स और डिलाॅयट को आईपीओ(IPO) से पूर्व का परामर्शदाता नियुक्त किया गया है।ये दोनों अनुपालन के मुद्दों की सूची बनाने के लिए एलआईसी (LIC) के साथ काम कर रहा है। वही सचिव ने कहा दूसरा हिस्सा विधायी संशोधन है।इसके लिए वित्तीय सेवा विभाग दीपक के साथ मिलकर काम कर रही है। इस बदलाव से आईपीओ (IPO) लाने में मदद होगी