भारत और चीन के बीच चल रहे गतिरोध के बीच भारतीय नौसेना ने अपने मरीन कमांडो को पूर्वी लद्दाख में पैगोंग झील क्षेत्र में तैनात कर दिया है। पूर्वी लद्दाख में चीन के साथ गतिरोध के पहले दिन से भारतीय वायु सेना के गरुड और थल सेना के पैरा स्पेशल फोर्स के कमांडो तैनात हैं। जब दुश्मन के सामने जीत नामुमकिन लगने लगती है। जब जीत का कोई रास्ता नजर नहीं आता तब एंट्री होती है। मरीन कमांडो यानी मार्कोस कमांडोज की।
भारत और चीन के बीच LAC पर तनाव बरकरार है। दोनों ही देशों को 50 हजार से ज्यादा सैनिक लद्दाख की भीषण सर्दियों में भी एक दूसरे के सामने खड़े हुए हैं। चीन तनाव कम करने की बात करता है। लेकिन अपनी जगह पर वापस जाने को तैयार नहीं है। इसलिए चीन की हर चाल को विफल करने के लिए भारत ने अब अपने सबसे खतरनाक कमांडो को LAC पर उतार दिया है।
सरकारी सूत्रों के हवाले से
न्यूज़ एजेंसी एएनआई सरकारी सूत्रों के हवाले से बताया कि मरीन कमांडो की तैनाती का मकसद 3 सेवाओं के एकीकरण को बढ़ाना और अत्यधिक ठंड के मौसम की स्थिति में नौसैनिक कमांडो अपनी ताकत को दिखा सकते हैं। सूत्रों की मानें तो मार्कोस को पैगोंग झील क्षेत्र में तैनात किया गया है।
बता दे कि इंडियन नेवी ने LAC पर पैगोंग झील के पास अपनी सबसे खतरनाक मार्कोस कमांडो तैनात कर दिए हैं। इस इलाके में एयर फोर्स के गरूड़ कमांडो और आर्मी की पैरा स्पेशल फोर्स पहले से ही मौजूद है। हालांकि भारत पूर्वी लद्दाख के चीन के साथ जारी तनाव को खत्म करने के लिए बातचीत कर रहा है।
जहां भारत और चीन की सेना इस साल अप्रैल-मई से ही आमने-सामने हैं इसके अलावा नौसेना के कमांडो को जल्द ही झील में आने जाने के लिए नई नावो की तैनाती भी करने जा रहा है।
7 महीनों से चीन के सामने जमी है इंडियन सेना
आपको यह भी जानना चाहिए कि आर्मी और एयरफोर्स की लड़ाकू टुकड़ियां बीते 7 महीने से पूर्वी लद्दाख में डटी हुई है। पैगोग झील के दक्षिण में 29 से 30 अगस्त को सेना स्पेशल फोर्स की मदद से ऑपरेशन करके LAC की कई अहम चोटियों पर कब्जा लिया था।
सेना के अनुसार नवंबर के बाद पूर्वी लद्दाख के ऊंचाई वाले इलाकों में बर्फबारी शुरू हो जाती है। 40 फुट तक बर्फ जमा हो जाती है। सर्द हवाओं का प्रकोप रहता है। तापमान शून्य से 36 से 40 डिग्री नीचे चला जाता है। सड़कों का उपयोग करना भी मुश्किल हो जाती है।