नई दिल्ली: विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) का टेक्निकल एडवाइजरी ग्रुप भारत में कोरोना वैक्सीनेशन कैंपेन में इस्तेमाल किए जा रहे कोवैक्सीन टीके को लेकर एक अहम बैठक करने जा रहा है। 26 अक्टूबर को होने वाले इस बैठक में कोवैक्सीन को इमरजेंसी यूज के लिए लिस्टेड करने पर विचार किया जाएगा। क्यों हो रही है कोवैक्सीन को मंजूरी में देरी । वैश्विक स्वास्थ्य एजेंसी की चीफ साइंटिस्ट वैज्ञानिक सौम्या स्वामीनाथन ने यह जानकारी दी है।
WHO ने बयान जारी कर बताया क्यों हो रही है कोवैक्सीन को मंजूरी में देरी ?
इसके साथ ही WHO की ओर से बयान जारी कर यह बताया गया है कि आखिर वैक्सीन को मंजूरी मेें देरी की वजह WHO ने बयान जारी कर कहा है कि किसी भी वैक्सीन को मंजूरी देने से पहले उसका मूल्यांकन करना होता है कि वैक्सीन सुरक्षित और प्रभावी है या नहीं। इस मूल्यांकन के प्रोसेस से किनारा नहीं किया जा सकता है। WHO के मुताबिक किसी भी वैक्सीन को मंजूरी देने की प्रक्रिया की रफ्तार वैक्सीन को बनाने वाली कंपनी की ओर से मुहैया करवाने की रफ्तार पर निर्भर होती है। जितनी जल्दी वैक्सीन के डेटा से जुड़ी सभी जानकारियां और सभी सवालों के जवाब मिल जाते हैं उतनी जल्दी मंजूरी देने की प्रक्रिया भी पूरी हो जाती है।
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WHO से मंजूरी पाने के लिए कितने चरण होते हैं?
WHO से मंजूरी पाने के लिए वैक्सीन को इन चरणों से गुजरना होगा।
- मैन्युफैक्चरर के EoI (एक्सप्रेशन ऑफ इंट्रेस्ट) की स्वीकृति
- WHO और मैन्युफैक्चरर के बीच प्री-सेशन मीटिंग
- WHO के समीक्षा के लिए डोजियर की स्वीकृति
- एसेसमेंट की स्थिति पर फैसला
- अप्रुवल पर आखिरी फैसला
विदेश में होगी टीकों की सप्लाई
हाल में भारत बायोटेक ने कहा था कि उसने आपात इस्तेमाल के मकसद से लिस्टेड करने के लिए WHO को कोवैक्सीन से जुड़े सभी आंकड़ें दे दिए और वह वैश्विक स्वास्थ्य निगरानी संस्थान से जवाब का इंतजार कर रही है।
दुनियाभर में टीकों के सबसे बड़े उत्पादक भारत ने अपने देश की आबादी को टीके लगाने के लिए इनका एक्सपोर्ट सस्पेंड कर दिया था। पिछले महीने केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री मनसुख मांडविया ने ऐलान किया कि भारत विदेशों में टीके की सप्लाई बहाल करेगा।