देश का सबसे बड़ा हवाई अड्डा नोएडा में बनने जा रहा है। 2023 में उड़ान शुरू होने की उम्मीद दुगनी हो रही है। नोएडा इंटरनेशनल एयरपोर्ट और ज़्यूरिख़ कंपनी के प्रतिनिधि इस पर हस्ताक्षर कर रहे हैं। इसको बनने की तिथि पहले टल चुकी है। लेकिन अब 2023 में उड़ान शुरू हो जाएगी।
एशिया का सबसे बड़ा जेवर इंटरनेशनल एयरपोर्ट के निर्माण की राह अब आसान होती दिख रही है। जेवर एयरपोर्ट के निर्माण के लिए स्विजरलैंड की ज़्यूरिक इंटरनेशनल एयरपोर्ट लिमिटेड एजी और गौतम बुध नगर के यमुना प्राधिकरण के बीच करार हो गया है। इसे एयरपोर्ट के निर्माण पर लगभग 29,500 करोड़ रुपया खर्च होगा।
यह एयरपोर्ट दुनिया की सबसे बेहतरीन तकनीक से बनाया जाएगा। बताया जा रहा है कि जेवर इंटरनेशनल एयरपोर्ट पूरी तरह से डिजिटल होगा 2023 से इस एयरपोर्ट पर उड़ान चालू हो जाएगी। बताया जा रहा है, कि यह एयरपोर्ट पूरे उत्तर भारत के लिए एक सुनहरा अवसर हो सकता है।
जिसमें लोगों को बड़े पैमाने पर नौकरी मिलेगी। बताया जा रहा है कि शुरुआती सालों में 90% ट्रैफिक केवल घरेलू यात्रियों को होगी। एयरपोर्ट बनाने की तिथि दो बार पहले टल चुकी है। करोना के कारण उड़ानें ना होने से कंपनी के प्रतिनिधि देश में नहीं आ पा रहे थे। एसपीवी को सिक्योरिटी क्लीयरेंस 18 मई को मिली थी। जो 2 जुलाई तक एग्रीमेंट हो जाना था, जो करोना के कारण बढ़ाई गई थी।
एयरपोर्ट की मंजूरी के लिए 6 जुलाई 2017 निर्माण साइट की अनुमति मिली थी। उसके बाद 5 अक्टूबर 2017 के गृह मंत्रालय ने एनओसी दी, फिर 11 जनवरी 2018 में रक्षा मंत्रालय ने एनओसी दी। उसके बाद 30 अक्टूबर को जमीन लेने की अधिसूचना मिली। 29 नवंबर 2019 को टेंडर खुला जिसमें सबसे ज्यादा बोली ज़्यूरिख़ कंपनी ने लगाया। 28 सितंबर 2020 ज्यूरिक कंपनी से करार की तिथि तय हुई।
नियाल में है चार हिस्सेदार
नियाल में 40 संस्थाएं हिस्सेदार है। राज सरकार में नोएडा प्राधिकरण की 37.5 से 37.5% हिस्सेदारी है। ग्रेटर नोएडा यमुना प्राधिकरण की 12.5 से 12.5% आवेदन की हिस्सेदारी है। कई बड़ी कंपनियों ने आवेदन किए थे। लेकिन सबसे राजस्व देने की बोली लगाकर। ज्यूरिख ने करीब 29,500 करोड़ रुपये मे नोएडा एयरपोर्ट प्रोजेक्ट को हासिल कर लिया है।