International Day of the Girl Child 2022 in hindi: अंतरराष्ट्रीय बालिका दिवस 2022 (International Girl Child Day) हर साल 11 अक्टूबर को मनाया जाता है। इस दिन को मनाने का मूल उद्देश्य बालिकाओं के सामने आने वाली चुनौतियों और उनके अधिकारों के संरक्षण के बारे में जागरूकता बढ़ाना है। सालों से चली आ रही बाल बिवाह पथा, दहेज़ ओर कन्या भ्रूण हत्या जैसी रुढ़िवादी प्रथाएं काफी प्रचलित हुआ करती थी।
आधुनिक युग में लड़कियों को उनके अधिकार देने और उनके प्रति लोगों को जागरूक करने के लिए कई प्रयास किये जा रहे हैं। भारत सरकार भी इस दिशा में काम कर रही है और कई योजनायें लागू कर रही है। ऐसे में चलिए जानते हैं कि अंतरराष्ट्रीय बालिका दिवस कब और क्यों मनाया जाता है? आखिर क्या है इसका इतिहास और महत्व।
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International Day of the Girl Child 2022 in Hindi: अंतरराष्ट्रीय बालिका दिवस कब मनाया जाता है
विश्वभर में प्रथम अंतरराष्ट्रीय बालिका दिवस 11 अक्टूबर 2012 को मनाया गया था। संयुक्त राष्ट्र महासभा ने वर्ष 19 दिसंबर 2011 को इस बारे में एक प्रस्ताव पारित किया था, जिसमें बालिकाओं के अधिकारों एवं विश्व की उन अद्वितीय चुनौतियों का, जिनका कि वह मुकाबला करती हैं, को मान्यता देने के लिए 11 अक्टूबर 2012 को अंतरराष्ट्रीय बालिका दिवस मनाए जाने का निर्णय लिया गया।
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अंतरराष्ट्रीय बालिका दिवस क्यों मनाया जाता है?
प्राचीन काल की बात करे तो प्राचीन काल मे महिला का बहुत सम्मान किया जाता था। परन्तु जैसे जैसे समय बीतता गया महिला को माता की तरह पूजने वाले ही उन पर अत्याचार करने लगे ओर लोगो की सोचा मे बदलाव आने लगा जिसके कारण बाल विवाह प्रथा, सती प्रथा, दहेज प्रथा, कन्या भ्रूण ह्त्या इत्यादि प्रथाए काफी प्रचलित हो गई।
एसी प्रथा के प्रचलित होने के कारण लड़कीयों को शिक्षा, प्रशिक्षण, कानूनी अधिकार और चिकित्सा जैसे अधिकारों से वंचित रखा जाता था। लड़की को घर का सदस्य न मान कर एक बोझ समझा जाता था। हर जगह अपना योगदान करने वाली और चुनौतियों का सामना कर रही लड़कियों के अधिकारों के प्रति जागरूकता फैलाने, उनके सहयोग के लिए दुनिया को जागरूक करने के लिए इस दिवस का आयोजन किया गया जिसकेे प्रयास मे हर साल 11 October को अंतरराष्ट्रीय बालिका दिवस मनाया जाता है।
अंतरराष्ट्रीय बालिका दिवस का इतिहास (History of International Day of the Girl Child)
इस अंतरराष्ट्रीय बालिका दिवस मनाने की प्रेरणा कनाडियाई संस्था प्लान इंटरनेशनल के ‘बिकॉज आई एम गर्ल’ “क्योंकि में एक लड़की हूँ” से मिली। इस अभियान के तहत वैश्विक स्तर पर लड़कियों के पोषण के लिए जागरूकता फैलाई जाती थी। इसके बाद इस अभियान को अंतरराष्ट्रीय स्तर पर विस्तार करने के लिए कनाडा सरकार से संपर्क किया गया, फिर कनाडा सरकार ने 55वें आम सभा में इस प्रस्ताव को रखा। अंतत: संयुक्त राष्ट्र ने 19 दिसंबर, 2011 को इस प्रस्ताव को पारित किया और इसके लिए 11 अक्टूबर का दिन चुना गया। इस प्रकार पहला अंतरराष्ट्रीय बालिका दिवस 11 अक्टूबर, 2012 को मनाया गया और उस समय इसका थीम था “बाल विवाह को समाप्त करना”।
अंतरराष्ट्रीय बालिका दिवस का मुख्य उद्देश्य क्या है International Day of the Girl Child 2022 in Hindi
अंतरराष्ट्रीय बालिका दिवस को और किस नाम से जाना जाता है
इस अंतरराष्ट्रीय बालिका दिवस को राष्ट्रीय बालिका दिवस, बालिका दिवस, कन्या दिन, जागृति कन्या दिवस के नाम से भी जाना जाता है।
अंतरराष्ट्रीय बालिका दिवस की पहली थीम क्या थी?
अंतरराष्ट्रीय बालिका दिवस की अब तक की थीम – International Day of the Girl Child Theme
इस विशेष दिन में हर साल एक विषय सुनिश्चित किया जाता है और उसके अनुसार इसका उत्सव मनाया जाता है, और उसी विषय के अनुसार ही इस दिन के उद्देश्य को पूरा किया जाता है।
- 2012 : इस दिन को मनाने की शुरुआत सन 2012 में की गई थी, और इस दिन को मनाने का सबसे पहला विषय ‘बाल विवाह को ख़त्म करना’ था। आज काफी हद तक इस उद्देश्य को पूरा करने में सफलता भी हासिल हुई है।
- 2013 : अंतरराष्ट्रीय बालिका दिवस का यह दूसरा साल था, जिसमें इसका विषय ‘लड़कियों की शिक्षा के लिए नवीनीकरण’ था। इसका उद्देश्य लड़कियों को उनकी शिक्षा के लिए अनेक अवसर प्रदान करना था। इस साल दुनिया भर में लड़कियों के इस दिन के लिए लगभग 2,043 कार्यक्रम आयोजित हुए।
- 2014 : इस साल तीसरा अंतरराष्ट्रीय बालिका दिवस मनाया गया था, इस साल इसका विषय ‘किशोरावस्था की लड़कियों को सशक्त बनाना, हिंसा के चक्र को ख़त्म करना’ था।
- 2015 : इस साल चौथा अंतरराष्ट्रीय बालिका दिवस का आयोजन किया गया था, जिसका विषय ‘किशोर लड़कियों की शक्ति 2030 के लिए विज़न’ था। इसका मतलब सन 2030 तक दुनिया भर की सभी लड़कियों को पॉवर देना है, ताकि वे खुद के लिए लड़ सकें।
- 2016 : यह पांचवा अंतरराष्ट्रीय बालिका दिवस था। इस साल इस दिन को मनाने के लिए विषय ‘लड़कियों की प्रगति लक्ष्य प्रगति, लड़कियों के लिए क्या मायने रखता है’ था।
- 2017 : छटवां अंतरराष्ट्रीय बालिका दिवस सन 2017 में मनाया गया, इसमें विषय ‘लड़कियों को सशक्त होना किसी संकट के पहले, दौरान या बाद में’ रखा गया था।
- 2018 : सातवाँ अंतरराष्ट्रीय बालिका दिवस मनाया गया था, तब इसका विषय ‘विथ हर अस्किल्ड गर्लफ़ोर्स’ था।
- 2019 : अंतरराष्ट्रीय बालिका दिवस 2019 का थीम- GirlForce: Unscripted and Unstoppable है।
- 2020 : इस साल अंतरराष्ट्रीय बालिका दिवस की थीम “हमारी आवाज और हमारा समान भविष्य”। इस साल की थीम “हमारी आवाज और हमारा समान भविष्य” का उद्देश्य समाज में ये संदेश देना है कि कैसे छोटी बालिकाएं आज पूरे विश्व को एक मार्ग दिखाने का प्रयास कर रही हैं।
- 2021 :अंतरराष्ट्रीय बालिका दिवस 2021 का उद्देश डिजिटल पीढ़ी, हमारी पीढ़ी (Digital Generation. Our generation) थीम के साथ मनाया गया था।
अंतरराष्ट्रीय बालिक दिवस 2022 की थीम (Theme Of International Day Of The Child 2022)
इस वर्ष International Day of the Girl Child की थीम है ‘Our time is now—our rights, our future’। यह थीम खासतौर पर मौजूदा परिस्थितियों जैसे COVID-19 महामारी, जलवायु परिवर्तन और मानवीय संघर्ष के बीच महिलाओं की स्थिति को ध्यान में रखते हुए तय किया गया है।
कैसे मनाया जाता है अंतरराष्ट्रीय बालिका दिवस ? (How to Celebrate Antarrashtriy Balika Divas?)
- अंतरराष्ट्रीय बालिका दिवस International Day of the Girl Child 2022 in Hindi के दिन हर साल संयुक्त राष्ट्र मुख्यालय में किया जाता है, जिसका उद्देश्य लड़कियों के मानवाधिकारों की उन्नति के लिए उनकी सहायता करना होता है। इसके अलावा पूरे विश्व में इस अवसर को चिन्हित करने के लिए विशेष कार्यक्रम भी आयोजित कीया जाता हैं, जैसे संगीत और खेल के कार्यक्रम।
- इस दिन विभिन्न समुदायों, राजनीतिक नेताओं और संस्थाओं द्वारा लड़कियों की समान शिक्षा और उनके मौलिक स्वतंत्रता के महत्व के बारे में लोगों को संबोधित कर जागरूक किया जाता है।
- इसके अलावा महिलाओं को इसके लिए प्रोत्साहित किया जाता है कि वे व्यापार, राजनीति और खेल जैसी गतिविधियों में जुड़े और इसमें अपना महत्वपूर्ण योगदान दें।
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बालिका दिवस पर कविता (National Girl Child Day Poem in Hindi)
- लाड़ली बेटी जब से स्कूल जाने हैं लगी,
हर खर्चे के कई ब्योरे माँ को समझाने लगी। फूल सी कोमले और ओस की नाजुक लड़ी, रिशतो की पगडंडियों पर रोज मुस्काने लगी। - बेटी युग में खुशी-खुशी है,पर मेहनत के साथ बसी है। शुद्ध कर्म-निष्ठा का संगम, सबके मन में दिव्य हंसी है।
- इस युग में ना परदा-बुरका, ना तलाक, ना गर्भ-परीक्षण। बेटा-बेटी सब जन्मेंगे, सबका होगा पूरा रक्षण।
- बेटीभार नहीं इस युग में, बेटी है आधी आबादी।बेटा है कुल का दीपक तो, बेटी है दो कुल की थाती।
- चौके-चूल्हेवाली बेटी, युग में कहीं न होगी।चांद-सितारों से आगे जा, मंगल पर मंगलमय होगी।
- आज तक वंचित रही थी घर में ही हक के लिए,संस्कारों की धरोहर बेटों को बतलाने लगी।
- वो सयानी क्या हुई कि बाबुल के कंधे झुके, उन्हीं कन्धों पर गर्व का परचम लहराने लगी।
- पढ़-लिखकररोजगार करती, हाथ पीले कर चली, बेटी न बेटों से कम, ये बात सबको समझ में आने लगी।