भारत अब हींग के पैदावार में आत्मनिर्भर हो जाएगा, देश में होगी हींग की खेती

नई दिल्ली: हींग भारतीय पकवानों के सबसे जरूरी मसालों में एक मसाला है। भारत में हर घर में लोग अपनी रसोई के जायके में हींग इस्तेमाल करते हैं। विभिन्न औषधीय गुण वाला हींग सर्दियों में ज्यादा इस्तेमाल किया जाता है। आपको यह जानकर बहुत आश्चर्य होगा कि, भारत मे पूरी दुनिया की करीब 40% हींग की खपत होती है।

मतलब भारत मे हर साल 600 करोड़ रूपए की हींग अफगानिस्तान, ईरान और मध्य एशिया के कई देशों से खरीदा जाता है। भारत में आज तक हींग की खेती नहीं हुई है। लेकिन इसे लेकर अब एक अच्छी खबर आई है कि, औषधीय गुणों से भरपूर हींग अब भारत में ही पैदा वार किया जाएगा।

आइए जानते हैं कहां होगी हींग की खेती

हींग का बीज अफगानिस्तान से मंगाया गया था। जिसे पालमपुर स्थित हिमालय जैवसंपदा प्रौद्योगिकी संस्थान की लैब में पौधा तैयार किया गया। हिमाचल प्रदेश के कवारिंग गांव में 17 अक्टूबर को एक पौधा रोपा गया। ट्रायल के लिए हिमाचल प्रदेश के लाहौल जिले को चुना है।

अगर ये ट्रायल सफल रहा तो, किसानों की आर्थिक स्थिति में बहुत बड़ा बदलाव आ सकता है। 3 साल की रिसर्च के बाद हिमाचल प्रदेश में IHBT को यह कामयाबी हासिल हुई है। देश में हर साल 600 करोड़ रुपये का हींग दूसरे देशों से खरीदा जाता है।

कच्चे माल से कैसे तैयार किया जाता है हींग

जानकारी के मुताबिक ईरान, अफगानिस्तान, कजाकिस्तान और उज्बेकिस्तान जैसे देशों से रेजीन दूध आता है। एक पौधे से यह दूध निकलता है। जिसके लिए दिल्ली का खारी बावली इलाका बड़ी मंडी बन गया है। लेकिन इसके प्रोसेस का काम हथरस में होता है।

जिसमें 60 यूनिट है। देश में बनी हींग देश के अलावा कुवैत, सऊदी अरब, बहरीन, दुबे जैसे खाड़ी देशों में एक्सपोर्ट होता है। लेकिन अब हींग के इस पैदावार से किसानों के लिए आय का एक नया जरिया पैदा हो जाएगा।

अगर हींग की फसल देश में सफल रही तो, लोग को कम दाम में हींग मिलने लगेगा, और इसके पैदावार से करीब 900 करोड़ रुपये देश में ही रहेंगे, और भारत हींग के पैदावार में आत्मनिर्भर हो जाएगा।

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