केंद्र सरकार के सूत्रों ने कहा है कि इन्फ्लुएंजा ए वायरस के सब-टाइप एच3एन2 ने देश में दो लोगों की जान ले ली है। जहां एक व्यक्ति की मौत हरियाणा में हुई, वहीं दूसरी मौत कर्नाटक से हुई है। सरकारी सूत्रों ने यह भी कहा कि देश भर में इस वायरस के कारण होने वाले फ्लू के 90 मामले सामने आए हैं। एच3एन2 (H3N2) देश में कई इन्फ्लूएंजा के प्रकोप का कारण बना हुआ है। लोगों में फ्लू के लक्षणों की व्यापकता मौसम के अत्यधिक ठंड के बाद गर्म होने के बदलाव से भी प्रभावित होती है। आइए जानते हैं H3N2 Influenza Virus kya hai और उससे जुड़ी तमाम जानकारी डिटेल में आर्टिकल को नीचे पूरा पढ़ें।
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एच3एन2 वायरस क्या है? | What Is H3N2 Virus?
H3N2 वायरस या स्वाइन फ्लू वायरस एक गैर-मानव इन्फ्लूएंजा वायरस है जो आम तौर पर सूअरों में फैलता है और ये मनुष्यों को भी संक्रमित करता है। आमतौर पर सूअरों में फैलने वाले वायरस ‘स्वाइन इन्फ्लूएंजा वायरस’ होते हैं। जब ये वायरस इंसानों को संक्रमित करते हैं, तो उन्हें ‘वैरिएंट’ वायरस कहा जाता है।
2011 में पहली बार एवियन, स्वाइन और मानव फ्लू वायरस के जीन और 2009 की H1N1 महामारी के वायरस के M जीन के साथ एक विशिष्ट H3N2 वायरस का पता चला था। यह वायरस 2010 से सूअरों में फैल रहा था और पहली बार 2011 में लोगों में इसका पता चला था। 2009 के M जीन को शामिल करने से यह वायरस अन्य स्वाइन इन्फ्लूएंजा वायरस की तुलना में लोगों को अधिक आसानी से संक्रमित कर सकता है।
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एच3एन2 वायरस के लक्षण क्या हैं? | What Are The Symptoms Of H3N2
डब्ल्यूएचओ के अनुसार, मनुष्यों में एवियन, स्वाइन और अन्य जूनोटिक इन्फ्लुएंजा इंफेक्शन हल्के अपर रेस्पिरेटरी इंफेक्शन (बुखार और खांसी) से लेकर गंभीर निमोनिया, सदमा और यहां तक कि मृत्यु तक की बीमारी का कारण बन सकते हैं। एच3एन3 वायरस के कुछ सामान्य लक्षण इस प्रकार है,
- ठंड लगना
- खांसना
- बुखार
- मांसपेशियों और शरीर में दर्द
- कुछ मामलों में दस्त
- जी मिचलाना
- उल्टी करना
- गले में दर्द/गले में खराश
- छींक आना और नाक बहना
अगर किसी व्यक्ति को सांस लेने में कठिनाई, सीने में दर्द या बेचैनी का अनुभव होता है, लगातार बुखार और भोजन करते समय गले में दर्द होता है, तो डॉक्टर को दिखाना बहुत जरूरी है।
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H3N2 इन्फ्लुएंजा कैसे फैलता है?
अत्यंत संक्रामक H3N2 इन्फ्लुएंजा एक व्यक्ति से दूसरे व्यक्ति में खांसने, छींकने या किसी संक्रमित व्यक्ति द्वारा बात करने पर निकलने वाली बूंदों के जरिए से फैल सकता है। यह तब भी फैल सकता है जब कोई किसी ऐसी सतह के संपर्क में आने के बाद अपने मुंह या नाक को छूता है जिस पर वायरस होता है। गर्भवती महिलाओं, छोटे बच्चों, बुजुर्ग वयस्कों में फ्लू का अधिक खतरा होता है।
H3N2 इन्फ्लुएंजा के लिए आपको क्या सावधानियां बरतनी चाहिए?
- पल्स ऑक्सीमीटर की मदद से लगातार ऑक्सीजन लेवल चेक करते रहना चाहिए।
- अगर ऑक्सीजन लेवल 95 प्रतिशत से कम है, तो डॉक्टर के पास जाना जरूरी है।
- अगर ऑक्सीजन लेवल 90 प्रतिशत से कम है, तो इंटेंस केयर की जरूरत हो सकती है।
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H3N2 इन्फ्लुएंजा वायरस के लिए क्या करें और क्या न करें?
संक्रमित लोगों से यह वायरस इंसानों में तेजी से फैल सकता है। इसलिए, विशेषज्ञों का कहना है कि कुछ प्रोटोकॉल को फॉलो करना बहुत जरूरी है।
- अपने हाथों को नियमित रूप से पानी और साबुन से धोएं।
- फेस मास्क पहनें और भीड़-भाड़ वाली जगहों से बचें।
- अपनी नाक और मुंह को छूने से बचें।
- खांसते और छींकते समय अपनी नाक और मुंह को अच्छी तरह से ढक लें।
- हाइड्रेटेड रहें और खूब सारा लिक्विड का सेवन करें।
- बुखार और बदन दर्द होने पर पैरासिटामोल लें।