जयपुर– प्रदेश में कोरोना वायरस संक्रमण के बीच हो रहे गुर्जर आंदोलन भी चर्चा में बना हुआ है। लेकिन अब गुर्जर आंदोलन के पहले ही समाज में दो फाड़ हो गए हैं। समाज में दो अलग गुट बन गए हैं। जिसमें एक खेमा जहां सरकार के साथ 14 बिंदुओं पर सहमति बन चुकी है।
वहीं दूसरी ओर कर्नल किरोड़ी वैसला ने आव्हान पर आंदोलनकारी पीलूपुरा में जुटने लगे हैं। राजस्थान में प्रदर्शनकारियों ने रविवार को दिल्ली मुंबई रेल ट्रैक को जाम कर दिया है। जिस कारण इस रूट की कई ट्रेनों के मार्ग को बदलना पड़ा हैं।
अपनी मांगों को लेकर गुर्जर रेल की पटरियों पर लेट गए और सरकार को चेतावनी दी है, के जब तक उनकी मांग पूरी नहीं की जाएगी वो पटरियों से नहीं हटेगे। इसको देखते हुए भारतीय रेलवे को दिल्ली और मुंबई के बीच चलने वाली 16 ट्रेनों के रूट में बदलाव करना पड़ा। कई ट्रेनों के रूट को बदलकर झांसी बीना नागदा पर मोड़ दिया गया है।
आखिर क्या है इसकी मांग
गुर्जर समाज की ओर से एक बार फिर आरक्षण को लेकर राजस्थान में आंदोलन शुरू हो गया है। धरना दे रहे गुर्जरों ने समाज में एक फिर 5% आरक्षण की मांग सरकार के सामने रखी है। पिछले कई सालों से राजस्थान में गुर्जर समाज इसकी मांग कर रहा है। ये आंदोलन पहले भी कई भयानक रूप ले चुका है।
अब एमबीसी आरक्षण के लिए गुर्जर समाज ने किस तरह आंदोलन को गति देगा। यह अभी तय नहीं है। बताया जा रहा है कि शनिवार को हुई सरकार के बातचीत के बाद दोनों पक्षों में 14 बिंदुओं पर सहमति बनी थी। वही गुर्जर नेता हिम्मत सिंह ने बैठक के बाद कहा कि बातचीत सकारात्मक रही।
कोटा रेल मंडल अलर्ट मोड पर
गुर्जर आरक्षण आंदोलन को लेकर कोटा रेल मंडल अलर्ट मोड पर है। आरपीएफ जीआरपी के करीब 450 जवानों को रेलवे ट्रैक पर स्टेशनों पर तैनात कर दिया है। कोटा रेल मंडल के वाणिज्य प्रबंधक ने उम्मीद जताई है, कि राजस्थान सरकार की ओर से आंदोलनकारियों को समझाने के लिए रेल मार्ग बहाल हो जाएगा।