सोमवार को हुई बैठक में जीएसटी काउंसिल का बड़ा निर्णय

नई दिल्ली: सरकार जीएसटी रिटर्न से जुड़े कई नियमों में बदलाव करने जा रही है। यह बदलाव जीएसटी संबंधित टैक्स चोरी पर रोक के साथ-साथ कारोबारियों को और सहूलियत देने के लिए किया जा रहा है। जीएसटी काउंसिल की सोमवार को हुई बैठक में एक महत्वपूर्ण निर्णय लिया गया है।

यह तय हुआ है कि लग्जरी और कई अन्य तरह की वस्तुओं पर लगने वाले कंपनसेशन सेस को जुलाई 2020 से भी आगे बढ़ाया जाएगा। यह निर्णय राज्यों को नुकसान से बचाने के लिए गया है। अभी जीएसटी आर- 3b रिटर्न फाइल करने के बाद भी कारोबारी पीएसटीआर- 1  रिटर्न फाइल कर सकते हैं।

जीएसटी विशेषज्ञ के मुताबिक

जीएसटी विशेषज्ञ परवीन शर्मा के मुताबिक जीएसटीआर-1 में कारोबारियों को यह दिखाना होता है, कि उनकी बिक्री कितनी हुई। वहीं जीएसटीआर -3b में कारोबारी परचेसिंग टैक्स पर बनने वाले टैक्स को दिखाते हैं। इस नए नियम से सरकार को यह पता चल जाएगा की बिक्री के हिसाब से उसमें टैक्स दिखाया गया है या नहीं।

अभी जीएसटीआर -3b पहले भरने की सुविधा होने की वजह से टैक्स चोरी करने वाले कारोबारी बिक्री के मुकाबले कम टैक्स दिखाते हैं। नियमों के आधार पर पेन और आधार कार्ड से जुड़े चीज खाते का जीएसटी नंबर लेने में इस्तेमाल किया गया है। अब जीएसटी रिफंड उसके खाते में आएगा। अभी कारोबारी इंटरनेट बैंकिंग, चालान या चेक से जीएसटी भुगतान करते हैं, पर प्रस्तावित नियमों के तहत कारोबारी जीएसटी का भुगतान इमीडिएट पेमेंट सर्विस और यूनिफाइड पेमेंट इंटरफेस के माध्यम से कर सकेगे।

जीएसटी काउंसिल की 42 वी बैठक का सबसे महत्वपूर्ण एजेडा राज्यों की क्षतिपूर्ति का है। अगस्त महीने में केंद्र सरकार ने राज्यों को इस संकट से निपटने के लिए दो विकल्प दिए थे। पहला विकल्प यह था,कि वे 97 हजार करोड़ रुपया एक खास विंडो से उधार ले। जिसकी व्यवस्था रिजर्व बैंक करेगी। राज्यों का करीब 2.35 लाख करोड़ रुपयों का जीएसटी मुआवजा का बकाया है। इस 2.35 लाख करोड़ रुपए का रकम वे उधार ले।

केंद्र के इस प्रस्ताव के लिए देश के कई राज्यों में विरोध हो रहा है। उन्होंने इसके विरोध में केंद्र सरकार को लेटर लिखा है। उनका कहना है, कि जीएसटी को लाने वाले संविधान संशोधन के मुताबिक राज्यों को मुआवजा देने के लिए केंद्र सरकार बाध्य है। इस बैठक में आयुर्वेदिक यूनानी और सिद्ध तत्वों से बनने वाले सैनिटाइजर जीएसटी दरे घटाने जैसे बातों पर भी विचार किया गया है।

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