तेलंगाना के जनगांव जिले के पेमबर्थी में एक किसान की आंखें तब चमक उठीं जब गुरुवार को एक बंजर ज़मीन के समतलीकरण के दौरान सोने से भरा बर्तन खनखना उठा। जब उसने आवाज की दिशा में खोज की तो सोने से भरा बर्तन मिला। नरसिम्हा को लगभग 5 किलो सोने (Gold digging in the ground) के आभूषण मिले हैं। अगर इन आभूषणों की कीमत लगाई जाए तो ये 2 करोड़ रुपये से भी ज्यादा बैठती है।लोग इस चमत्कार को देख हैरान हैं।
Gold digging in the ground कुछ दिन पहले ही 11 एकड़ की बंजर जमीन खरीदी थी
यहां नरसिम्हा नाम के किसान अपनी बंजर जमीन को समतल कर रहा था। बताया जा रहा है कि किसान ने कुछ दिन पहले ही 11 एकड़ की बंजर जमीन खरीदी थी औऱ इसे समतल कर रहा था। जब जमीन को समतल करने के लिए उसकी खुदाई की जा रही थी तो कुदाल जमीन में गढ़े एक कलश से टकराई। वहां खुदाई करने पर किसान को करीब पांच किलो सोने का खजाना मिला।
जमीन से खजाना निकलने की बात इलाके में ‘जंगल में आग’ की तरह फैल गई और किसान की जमीन पर लोगों की भीड़ इकठ्ठा हो गई, वहीं प्रशासन वालों ने भी मौके पर पहुंचने में जरा भी देरी नहीं लगाई।
पुलिस और अन्य अधिकारियों ने मटका को लिया अपने कब्जे में
इन गहनों को तुरंत एक एक स्थानीय सुनार के पास ले जाया गया और गहनों की जांच की गई, जिसमें पाया गया कि ये असली सोने के गहने थे। संयुक्त कलेक्टर ए भास्कर राव ने पूरी प्रक्रिया की निगरानी की। राजस्व, पुलिस और अन्य अधिकारियों ने गुरुवार को खजाना मिलने के बाद इस स्थान का दौरा किया और इस बर्तन को जब्त कर लिया है। वहीं, पुरातत्व और इतिहास के जानकार आर रणथंकर रेड्डी ऑफ जनगांव ने भी इलाके का दौरा किया। उन्होंने कहा कि जमीन के नीचे से मिले इन सोने के गहनों की अवधि की ठीक से तो जानकारी नहीं हो सकी है, लेकिन इन्हें देखने से लगता है कि ये खजाना काकतीय वंश (Kakatiya period) का है।
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दरअसल, हाल ही में इसी गांव में एक टैंक के पास काकतीय काल का एक शिलालेख (Inscription) भी मिला था। अगर यह तय हो जाता है, तो आज मिले इन सोने के गहनों की सही तारीख के बारे में कुछ जानकारी उपलब्ध हो सकेगी। इस बीच, पेमबर्थी गांव के सरपंच अंबाला अंजनेयुलु गौड़ ने अधिकारियों से पुरातत्व विभाग की देखरेख में गांव में और खुदाई कराने का आग्रह किया है, क्योंकि उनका मानना है कि इस तरह के और भी ज्यादा हथियार और कीमती चीजें इसी गांव की जमीन के अंदर छिपे हुए हो सकते हैं। उन्होंने कहा कि ‘काकतीय काल से हमारे गांव का ऐतिहासिक महत्व रहा है।’
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माना जा रहा है कि यह ख़ज़ाना काकतीय वंश का है। काकतीय साम्राज्य की राजधानी वारंगल थी। जनगांव पूर्व में वारंगल का हिस्सा था और हाल ही में अलग ज़िला बनाया गया है।
2020 में भी तेलंगाना में जुताई के दौरान निकले थे गहने
इससे पहले जून 2020 में तेलंगाना के संगारेड्डी जिले के जहीराबाद में एक किसान को खेत की जुताई करते हुए जमीन के नीचे से सोना और ढेर सारे रत्न मिले थे। इतना ही नहीं किसान को जमीन के अंदर से और भी कई सारे एंटीक्स मिले। ये सभी एंटीक्स सोने, चांदी और तांबे के हैं. येर्रागद्दापल्ली गांव के किसान याकूब अली, फसल की बुआई के लिए अपने खेतों की जुताई कर रहे थे तभी उन्हें जमीन के नीचे से सोना और ढेर सारे रत्न मिले।