बड़ी खबर- फिर दहला फ्रांस, 72 घंटे में दूसरा हमला

फ्रांस में चर्च पर पिछले 72 घंटे में हमले की दूसरी वारदात सामने आई है। शनिवार को लियोन शहर में शॉट गन से लैस एक बंदूकधारी ने ऑर्थोडॉक्स पादरी को गोली मार दी। फिलहाल पादरी अस्पताल में भर्ती है और उनकी हालत नाजुक बताई जा रही है। हमले में घायल पादरी ग्रीस के नागरिक हैं।

उन्होंने कहा कि हमलावर अकेला था, और उसने शिकार करने वाली राइफल से गोली चलाई। फिलहाल हमले के पीछे की वजहों का पता नहीं चल पाया है। पुलिस ने गिरजाघर के आसपास के इलाकों को बंद कर दिया है। सीसीटीवी फुटेज के आधार पर आरोपी की पहचान की जा रही है। जल्द ही उसे पकड़ा जाएगा।

फ्रांस के आतंरिक मंत्रालय ने भी घटना पर दुख जताया है। उसने ट्वीट किया कि “दक्षिणी पूर्वी शहर लियोन में यह घटना हुई है। सुरक्षा और आपातकालीन कर्मी घटनास्थल पर है। मंत्रालय ने चेतावनी जारी करते हुए लोगों से घटना बाली जगहो से दूर रहने की अपील की गई है।”

इससे पहले अक्टूबर में पेरिस के उपनगर में एक स्कूल शिक्षक की गर्दन काट दी गई। फ्रांस के राष्ट्रपति मैनुअल मैक्रो ने इस घटना की निंदा की थी। उन्हे यूरोप के अन्य देशों का साथ भी मिला था। पुलिस ने इस वारदात को अंजाम देने वाले आरोपी को गिरफ्तार कर लिया था। जो 18 वर्षीय चेचन मूल का एक युवक था। उसने शिक्षक द्वारा पैगंबर मोहम्मद का कार्टून दिखाने पर हत्या कर दी थी।

फ्रांस में सुरक्षा और बढ़ाई गई

मैक्रो ने देशभर में तैनात सैनिकों की संख्या और ज्यादा बढ़ा दी है। खासकर स्कूलों और पूजास्थालो के पास सैनिकों को तैनात किया गया है, साथ ही दूसरे इस्लामिक उग्रवादी हमलों की चेतावनी भी दी गई है। पैगंबर मोहम्मद के कार्टून को लेकर शुरू हुए विवाद के बाद खासकर स्कूलों और पूजास्थालो के पास सैनिकों को तैनात किया गया है। साथ ही दूसरे इस्लामिक उग्रवादी हमलों की चेतावनी भी दी है।

आखिर फ्रांस में क्यों मुस्लिम कट्टरपंथी

  • जनवरी 2015 में चार्ली हेब्दो के ऑफिस में हमला पैगंबर मोहम्मद के कार्टून पब्लिश करने का बदला था। और यह फ्रांस के लिए टर्निंग प्वाइंट बना है। नवंबर में पेरिस में सिलसिलेवार बम धमाके हुए और इसने पूरी दुनिया को दहला दिया था
  • इन हमलों में आत्मघाती हमले, फुटबॉल स्टेडियम में शूटिंग, कैफे और रेस्त्रां में मास शूटिंग, थिएटर में बंधक बनाने की घटनाए शामिल है।

मैक्रो ने कहा है “मैं समझता हूं और सम्मान करता हूं, कि लोग इन कार्टून से परेशान है। लेकिन मैं इस बात को स्वीकार नहीं करूंगा, कि इनकी वजह से हिंसा की जा सकती है। और मैं अपने देश के लिखने सोचना और ड्रा करने के अधिकार की रक्षा करूंगा।” उन्होंने कहा है कि मेरी भूमिका चीजों को शांत करने की है। जो मैं कर रहा हूं। लेकिन मुझे इन अधिकारों की रक्षा भी करनी चाहिए।

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