Family Pension New Scheme 2022 : केंद्र सरकार के कर्मचारियों के लिए जरूरी खबर है। सरकार ने फैमिली पेंशन (Family pension new rules 2022 in hindi) को लेकर नया नियम जारी किया है। केंद्रीय मंत्री जितेंद्र सिंह ने इसकी जानकारी दी है। जितेंद्र सिंह ने बताया कि मृत सरकारी कर्मचारियों (Deceased Government Employee) के ऐसे बच्चे जो दिमागी रूप से असक्त हैं, उन्हें भी फैमिली पेंशन का लाभ मिलेगा। जो बच्चे मानसिक विकार (Mental disorder) से ग्रस्त हैं, वे भी फैमिली पेंशन ( Family Pension) के हकदार हैं। गौरतलब है कि मानसिक विकार से पीड़ित बच्चों को फैमिली पेंशन का लाभ नहीं मिलने से उनके पालन-पोषण और रहन-सहन में परेशानी होती है क्योंकि वे अपना भरण-पोषण करने में असमर्थ होते हैं। इन बच्चों को दूसरे पर निर्भर रहना पड़ता है।
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Family Pension New Scheme 2022 को लेकर केंद्रीय मंत्री ने दी जानकारी
केंद्रीय मंत्री जितेंद्र सिंह ने कहा, ‘पेंशन और पेंशनर कल्याण विभाग को लोगों से बातचीत में पता चला है कि बैंक इस तरह के बच्चों को फैमिली पेंशन का लाभ नहीं दे रहे हैं। इस तरह के मानसिक विकार वाले बच्चों को बैंक पेंशन देने से मना कर रहे हैं। बैंक इन बच्चों से अदालत से जारी गार्डियनशिप सर्टिफिकेट मांग रहे हैं। केंद्र सरकार आम लोगों की जिंदगी आसान बनाने में जुटी है और इसके लिए सुशासन के मंत्र पर जोर दिया जा रहा है।
Family Pension New Scheme मे मिलने वाले फायदे
फैमिली पेंशन में नॉमिनेशन जरूरी
जितेंद्र सिंह ने कहा, ‘ऐसी स्थिति में लोगों की मदद के लिए फैमिली पेंशन में नॉमिनेशन के प्रावधान को जरूरी बनाया जा रहा है ताकि कर्मचारियों के बच्चों को बिना रुकावट पेंशन मिल सके। यहां तक कि मानसिक विकार से जूझते बच्चों को कोर्ट से आसानी से गार्डियनशिप सर्टिफिकेट मिल सके, इसे भी आसान बनाया गया है। मृत सरकारी कर्मचारी के बच्चों को कोर्ट से सर्टिफिकेट देना होता है जिसके आधार पर फैमिली पेंशन दी जाती है। बैंक ऐसे बच्चों से गार्डियनशिप सर्टिफिकेट के लिए अड़ नहीं सकते और इस आधार पर पेंशन देने से मना नहीं कर सकते कि पहले कोर्ट से सर्टिफिकेट ले आओ।
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बिना सर्टिफिकेट भी देनी होगी पेंशन
इस ऐलान के बाद, अगर कोई बैंक मानसिक विकार से ग्रस्त बच्चों से कोर्ट से जारी गार्डियनशिप सर्टिफिकेट के बिना फैमिली पेंशन देने से मना कर देते हैं तो यह सेंट्रल सिविल सर्विस (पेंशन) रूल्स, 2021 के वैधानिक प्रावधानों का उल्लंघन होगा। यानी ऐसे में, बैंक पर कार्रवाई की जाएगी। अगर कोई मानसिक विकार से पीड़ित बच्चा अपने माता-पिता के पेंशन प्लान में नॉमिनी नहीं और उससे कोर्ट का सर्टिफिकेट मांगा जाए तो यह पेंशन के मकसद के खिलाफ होगा।
बैंकों को साफ-साफ दिया गया निर्देश
सरकार की तरफ से ऐसे बच्चों को पेंशन दिए जाने के लिए सभी पेंशन बांटने वाले बैंक के प्रबंध निदेशकों को स्पष्ट निर्देश दिया गया है। सरकार ने निदेशकों से कहा है कि वे अपने सेंट्रलाइज्ड पेंशन प्रोसेसिंग सेंटर, पेंशन पेइंग ब्रांच को निर्देश दें कि दिमागी रूप से असक्त बच्चों को फैमिली पेंशन का लाभ दिया जाए। यह पेंशन उन बच्चों को नॉमिनी के जरिये दी जाएगी। सरकारी कर्मचारी, पेंशनर या फैमिली पेंशनर ने जिसे नॉमिनी बनाया है, वे इसका लाभ मानसिक विकास से ग्रस्त बच्चों को भी देंगे।यह वैधानिक प्रावधान है जिसे कोई संस्था नकार नहीं सकती। ऐसे बच्चों के लिए बैंक कोर्ट के गार्डियनशिप सर्टिफिकेट की मांग नहीं कर सकते।
इससे पहले भी पेंशन विभाग ने कई अहम कदम उठाए हैं और पेंशनर का भला किया है। पेंशन विभाग ने तलाकशुदा बेटियों को भी फैमिली पेंशन का लाभ दिया है। फैमिली पेंशन या सामान्य पेंशन के लिए लाभार्थी अब मोबाइल ऐप पर फेस रिकॉग्निशन तकनीक के जरिये लाइफ सर्टिफिकेट जमा कर सकते हैं। उम्रदराज लोग डिजिटल माध्यम से जीवन प्रमाण पत्र जमा कर सकते हैं और उन्हें बैंक में जाने की जरूरत नहीं होगी।