जैसा की आप लोगों को पता है कि पिछले दिनों लॉकडाउन जैसी स्थिति के कारण लोगों को पैसों को लेकर बहुत सारी परेशानियां से गुजारना पड़ा है। जिसमें बहुत सारे लोग की आमदनी खत्म हो गई। क्योंकि लोगों का रोजगार बंद हो गया, बहुत सारे लोगों की नौकरियां चली गई। ऐसे में लोगों को बहुत सारी समस्याओं का सामना करना पड़ा।
जिसमें सबसे ज्यादा दिक्कत लोगों को पैसे की हुई, लोगों ने तो अपने सेविंग तोड़कर या लोगों से उधार लेकर, अपनी जरूरत को पूरा किया। अब लॉकडाउन खत्म होने के कगार पर है। अब धीरे-धीरे चीजें पटरी पर आती दिख रही है। ऐसे में खुद को तैयार रखना चाहिए।
इसलिए बेहतर फाइनेंसियल प्लानिंग के जरिए खुद को तैयार कीजिए। ताकि पैसों की दिक्कत आगे ना हो। इसलिए इमरजेंसी फंड पर विचार विमर्श करना चाहिए। अब आप सोचेंगे की मौजूदा स्थिति को देखते हुए ऐसे फंड के लिए पैसे कहां से लगाएं।
इमरजेंसी फंड क्यों जरूरी है जानते हैं
यहां फाइनेंशियल प्लानिंग की बात करें, तो लोगों का ज्यादा भरोसा छोटी बचत योजनाओं पर है। जैसे एफ डी, आर डी, पी पी एफ लेकिन जब अचानक पैसों की जरूरत पड़ती है। तब लोगों को इस स्कीम को तोड़ना पड़ जाता है। जिससे लोगों को नुकसान होता है। जबकि लॉन्ग टर्म निवेश में पैसे लगाते हैं।
इस इमरजेंसी फंड में जब पैसे की जरूरत हो, तब पैसे निकाल सकते हैं। लोग बैंकों में भी बचत खाते में पैसे रखते हैं, पर इसमें रिटर्न बहुत कम होता है। ऐसे में इमरजेंसी फंड में निवेश करना एक्सपर्ट की सलाह है। जिससे डेट फंड, लिक्विड फंड, शॉर्ट ड्यूरेशन फंड, ओवरनाइट फंड है जहां सेविंग अकाउंट की तुलना में दोगुना फायदा है।
आइए यहां जानते हैं इमरजेंसी फंड मे निवेश के फायदे
शॉर्ट ड्यूरेशन फंड
इसमें 6 महीने के लिए पैसे लगाएं जाते है। पिछले एक साल मे इस टर्म से करीब 2.5 फ़ीसदी रिटर्न मिला है।
ओवरनाइट फंड
ओवरनाइट फंड एक डेट फंड है जो 1 दिन में मैच्योर होने वाले बॉन्ड में निवेश करता है। कारोबारी लोग हर रोज बॉन्ड को खरीदते हैं, जो अगले दिन में मैच्योर हो जाता है। फंड के सुरक्षित होने का कारण है, कि इसमें 1 दिन की मैच्योरिटी होती है। इस 1 दिन की मैच्योरिटी के कारण रिटर्न थोड़ा कम है। इसकी एक साल में औसतन 3.79 फ़ीसदी रिटर्न दिया है।
लिक्विड फंड
यह ओपन फंड है जो डेड और मनी मार्केट स्टेटमेंट मे 30 दिन से 91 दिन के लिए पैसा लगाया जाता है।इसकी मैच्योरिटी 91 दिनों की होती है। इसकी पिछले 1 1 साल की औसतन रिटर्न 4.49 फ़ीसदी है।