नई दिल्ली: वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से जीएसटी परिषद की बैठक मे देश के आर्थिक हालात और मीडिया को संबोधित करते हुए कहा, कि कोरोना वायरस महामारी की वजह से अर्थव्यवस्था पर बुरा प्रभाव पड़ा है।
इस घोषणा में सरकार द्वारा गरीब और कमजोर वर्गों के लोगों की जरूरत को पूरा करने का प्रयास किया गया है। वित्त मंत्री ने कहा कि अर्थव्यवस्था को बढ़ाने के लिए सरकार हर मुमकिन कदम उठा रही है।
सरकार द्वारा इकोनामी में मांग बढ़ाने के लिए कुल चार कदम उठाए गए हैं।
1. सरकारी कर्मचारी के एलटीसी के बदले कैश वाउचर
2. कर्मचारी को फेस्टिवल एडवांस देना
3. बजट में तय पूंजीगत व्यय के अलावा केंद्र द्वारा बुनियादी ढांचे के विकास पर 25 हजार करोड़ रूपया खर्च करना
4. राज्य सरकार को 50 साल तक बिना ब्याज कर्ज़
सरकार द्वारा यह बताया जा रहा है, कि इन सारे कदमों से अर्थव्यवस्था में सुधार आएगा। 31 मार्च 2021 तक करीब 73 हजार करोड रुपए की मांग पैदा होगी। अगर निजी क्षेत्र में भी कर्मचारियों को राहत दी जाए तो इकोनामी में कुल मांग 1 लाख करोड़ रुपए के पार जा सकती है।
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आइए जानते हैं LTC योजना क्या है ?
LTC( यात्रा अवकाश रियायत) का कैश वाउचर स्कीम सरकार लेकर आई है। इसके द्वारा सरकारी कर्मचारियों को नकद वाउचर मिलेगा। जिससे वह खर्च कर पाएंगे, और इससे अर्थव्यवस्था को भी फायदा होगा। इसका लाभ बैंकों के कर्मचारियों को भी मिलेगा। इसमें जीएसटी बिल भी कर्मचारियों को पेश करना होगा।
फेस्टिवल एडवांस
वित्त मंत्री के द्वारा बताया गया कि यह फेस्टिवल एडवांस स्कीम इसी साल के लिए शुरू किया जा रहा है। इसके तहत सभी कर्मचारियों को 10 हजार एडवांस दिए जाएंगे। जिसे 31 मार्च 2021 तक खर्च करना होगा। यह इंटरेस्ट फ्री है। जिसे 10 किस्तों में वापस किया जा सकता है। यह लोन सरकारी कर्मचारियों को प्रीपेड कार्ड के रूप में दिया जाएगा।
बजट मे पूंजी गत व्यय को बढ़ाया गया
वित्त मंत्री ने बताया कि, इस साल बजट में केंद्र सरकार के तय पूंजीगत व्यय के अलावा सरकार अतिरिक्त 25 हजार करोड़ रूपया देगा। ये सड़क, डिफेंस संबंधी बुनियादी ढांचा, शहरी विकास, जलपूर्ति के लिए होगा।
राज्य को बिना व्याज कर्ज
केंद्र सरकार ने राज्य को 50 साल तक बिना ब्याज कर्ज 12000 करोङ रुपए दे रही है। जिस को तीन हिस्सों में बांटा गया है। 2500 करोड़ रुपया पूर्वोत्तर, उत्तराखंड और हिमाचल को दिया जाएगा। उसके बाद 7500 करोड़ रूपये अन्य राज्यों को दिया जाएगा, फिर तीसरा 2000 करोङ रुपए का उन राज्यों को मिलेगा जो आत्मनिर्भर भारत में हुए घोषणा के तहत 4 में से कम से कम 3 सुधार लागू करेंगे। यह राज्यो को पहले से मिल रहे लोन के अतिरिक्त होगा।