नई दिल्ली: भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) के एक अधिकारी ने कहा कि चालू वित्त वर्ष की दूसरी तिमाही में देश का सकल घरेलू उत्पाद 1 साल पहले की तुलना में 8.6% घटने का अनुमान है। केंद्र सरकार ने करोना के फैलने की रफ्तार पर ब्रेक लगाने के लिए देशभर में लॉकडाउन लगा दिया था।
पहले से ही भारतीय अर्थव्यवस्था सुस्ती के दौर से गुजर रही है। वहीं अब अनलॉक शुरू होने के बाद धीरे-धीरे देश की अर्थव्यवस्था में सुधार आता दिखाई दे रहा था कि इसी बीच आरबीआई (RBI) ने देश की जीडीपी (GDP) के घटने को लेकर आगाह किया है। साथ ही यह भी बताया कि देश पहली बार इतनी ज्यादा मंदी के दौर में धिरा है।
आरबीआई का अनुमान
आरबीआई (RBI) ने अनुमान लगाया है कि चालू वित्त वर्ष में जीडीपी में 9.5% की गिरावट आ सकती है। आरबीआई के अनुसंधानकर्ता पंकज कुमार द्वारा तैयार की गई एक रिपोर्ट के मुताबिक भारत तकनीकी रूप से 2020 – 21 की पहली छमाही में इतिहास में पहली बार आर्थिक मंदी में चला गया है। चालू वित्त वर्ष की दूसरी तिमाही में देश का सकल घरेलू उत्पाद 1 साल पहले की तुलना में 8.6% घटने का अनुमान है। इस तरह लगातार दो तिमाही में जीडीपी घटने के साथ देश में पहली बार आर्थिक मंदी आई है। कोविड-19 महामारी और लॉकडॉन के असर से पहली तिमाही में 23.9% नीचे खिसक गई थी।
मंदी से होगा देश को नुकसान
देश मे अब अर्थव्यवस्था का पहिया रुक गया है। इससे रोजगार कम होगा और लोगों के पास धन कम हो जाएगा। आर्थिक मंदी से देश मे आमदनी, थोक बिक्री, औद्योगिक उत्पादक और रोजगार में गिरावट आ जाती है। अगर मंदी लंबे समय तक चला तो देश का कारोबार और बैंक फेल होने लगेगा।