नई दिल्ली: दिल्ली सरकार ने साफ कर दिया है कि राजधानी में अब दोबारा लॉकडॉन नहीं लगेगा। राजधानी में करोना के मरीजों की संख्या देश में सर्वाधिक स्तर पर पहुंचने के बाद ऐसी अटकलें लगने लगी थी, कि दोबारा लॉकडाउन लगाया जा सकता है। देश की राजधानी भले ही कोरोना वायरस संक्रमण की तीसरी लहर से जूझ रही है। मगर लॉकडाउन का कोई प्लान नहीं है।
दिल्ली सरकार के स्वास्थ्य मंत्री सत्येंद्र जैन ने सोमवार को साफ कहा कि ऐसी कोई योजना नहीं है। न्यूज़ एजेंसी से बातचीत में जैन ने कहा दिल्ली में फिर से लॉकडॉन नहीं लगेगा। मुझे नहीं लगता कि अभी ये प्रभावी कदम साबित होगा। सबको मा’स्क पह’नना ज्यादा फायदेमंद है।
जैन ने कहा कि दिल्ली में करोना कि तीसरी लहर का पिक (सर्वोच्च स्तर) भी पार कर गया है। दिल्ली में पहली लहर जून, दूसरी सितंबर तीसरी अभी आई थी। तीसरी पिक जा चुकी है। पॉजिटिविटी 15 फ़ीसदी आई थी। वो दोबारा नहीं आएगी। आज मैं कह सकता हूं पिक जा चुका है। दिल्ली में 1 दिन में 95 मौतों के सवाल पर स्वास्थ्य मंत्री ने कहा कि दिल्ली में सबसे ज्यादा टेस्ट हो रही है। इसका पता पॉजिटिव रेट से चल सकता है।
मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने डिजिटल संवाददाता सम्मेलन में कहा कि दिल्ली सरकार कई ऐहतियाती कदम उठाएंगी और उम्मीद है कि अगले 7 से 10 दिन में कोरोना के मामलों में कमी आनी शुरू हो जाएगी। उन्होंने कहा कोरोना बढ़ रहा है। मैं हालात को लेकर चिंतित हूं। दिल्ली सरकार स्थिति को नियंत्रण में करने के लिए अगले कुछ दिन में कई ऐतिहासिक कदम उठाएगी। मैं उम्मीद करता हूं कि अगले 7 से 10 दिन में मामले की संख्या में कमी आएगी।
मास्क ना पहनने पर सख्ती
जैन ने कहा कि मास्क ना लगाने वालों और सोशल डिस्टेंसिंग ना करने वालों पर और सख्ती की जाएगी। पिछले दिनों में 45 करोड़ों के चालान किए गए हैं। दिल्ली में बाजार बंद करने के सवाल पर जैन ने कहा कि इस बारे में कोई समीक्षा नहीं की गई है। अब फेस्टिवल जा चुके हैं। भीड़ कम हो जाएगी फिर भी मैं कहूंगा थोड़ा डर रखें मास्क की जरूर लगाएं।
पिछले सप्ताह दिल्ली उच्च न्यायालय ने राज्य सरकार को कोरोना के लिए 33 निजी अस्पतालों में 80 फ़ीसदी आईसीयू बेड 2 सप्ताह के लिए आरक्षित करने की अनुमति दे दी है। राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली में करोना की गंभीर स्थिति को देखते हुए हाईकोर्ट ने कानूनी रोक को हटाते हुए। यह आदेश दिया है, रविवार तक 16,641 कोवि ड बेड दिल्ली के अस्पतालों में है। इसमें 5451 दिल्ली सरकार के अस्पतालों में है।