DA बढ़ने से केंद्रीय कर्मचारी मे खुशी की लहर, जानिए कितनी बढ़ेगी सैलरी

नई दिल्ली: कोरोना महामारी के बीच DA बढ़ने से केंद्रीय कर्मचारी मे खुशी की लहर केन्द्र सरकार लाखों कर्मचारियों को राहत देते हुए महंगाई भत्ते में 11 फीसदी का इजाफा किया है। इसके बाद अब महंगाई भत्ता 17 फीसदी से बढ़कर 28 फीसदी हो गया है। केन्द्रीय मंत्री अनुराग ठाकुर ने कैबिनेट ब्रीफिंग के दौरान बुधवार को कहा कि केन्द्रीय सरकार के कर्मचारियों और वेतनभोगियों का महंगाई भत्ता 28 फीसदी कर दिया गया है। यह 1 जुलाई 2021 से लागू होगा।मोदी सरकार के इस फ़ैसले का फ़ायदा केंद्र सरकार के क़रीब 48 लाख कर्मचारियों और 65 लाख पेंशनधारियों को होगा। सरकार के इस फ़ैसले से सरकारी ख़ज़ाने पर 34400 करोड़ रुपए का अतिरिक्त बोझ पड़ेगा।

DA बढ़ने से केंद्रीय कर्मचारी मे खुशी की लहर

DA बढ़ने से केंद्रीय कर्मचारी मे खुशी की लहर

केंद्र सरकार के कर्मचारियों की डीए की तीन किस्तें मिलनी बाकी थीं। कोरोना महामारी के कारण सरकार ने डीए पर रोक लगा दी थी। इसी तरह पेंशनर्स के डीआर की कि इसी तरह पेंशनर्स के डीआर की किस्तों का भुगतान भी नहीं हुआ। कर्मचारियों और पेंशनर्स का 1 जनवरी 2020, 1 जुलाई 2020 और 1 जनवरी 2021 का डीए और डीआर पेंडिंग है, लेकिन सरकार ने कहा है कि बढ़ी हुई दर जुलाई 2021 से लागू होगी और पिछले बकाया पर यह लागू नहीं होगा, यानी आज की डेट से आगे के लिए 28 फीसदी की दर से महंगाई भत्ता दे दिया जाएगा।

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अब केंद्र सरकार ने अपने 48 लाख कर्मचारियों और 65 लाख पेंशनधारियों को 28 फीसदी की दर से महंगाई भत्ता (डीए) देने का निर्णय लिया है। सरकार, डीए सरकार, डीए (Dearness Allowance) की बढ़ी हुई राशि यानी 28 फीसदी के हिसाब से कर्मियों के खाते में डालेगी।

कितनी बढ़ेगी सैलरी

आपको बता दें कि महंगाई भत्ते पर लगी रोक हटाने के बाद केन्द्र कर्मचारियों के वेतन में कितना इजाफा हो सकता है। जैसा कि हम सभी जानते हैं कि सातवें पे कमिशन के मुताबिक, लेवल-1 कर्मचारी का मिनिमम ग्रेड पे 1,800 और उसकी बेसिल सेलरी 18,000 से लेकर 56,900 के बीच है। इस एंट्री लेवल के कर्मचारी जिनकी बेसिक सेलरी 18 हजार है, उनके प्रोविडेंट फंड और टैक्स में कटौती से पहले टेक-होम सेलरी में 1,980 रुपये का इजाफा होगा।
हालांकि, अभी यह साफ नहीं है कि 1 जनवरी 2020 से बकाया महंगाई भत्ते का भुगतान सरकार कब करेगी। बकाए का भुगतान करने से राजकोष पर बड़ा असर होगा। उदाहरण के लिए लेवल-1 के कर्मचारी का न्यूनतम बकाया 23,760 (18,000 रुपये छह महीने के लिए 4 फीसदी के साथ, 18 हजार का छह महीने के लिए 7 फीसदी के साथ और 18 हजार का छह महीने के लिए 11 फीसदी के साथ, इसी तरह, अगर हम सभी केन्द्रीय कर्मचारियों और पेंशनभोगियों का बकाया जोड़ेंगे तो यह सरकार के लिए एक बड़ी रकम है।