नई दिल्ली: Covid-19 से ठीक हो चुके मरीजों में कई बार बुखार खांसी जुकाम जैसे लक्षण दिखाई पड़ते हैं। इससे कुछ समय के लिए मरीज ठीक तो हो जाते हैं। यह लक्षण अब भारत में भी देखने को मिल रहा है। जिसमें कोरोना से ठीक होने के बाद मरीज जानलेवा बीमारी के शिकार हो रहे हैं। यह ऐसी बीमारी है जिसमें 50% तक मौत की संभावनाएं होती है। इस बीमारी को म्यूकोरर्माइकोसिस (Mucormycosis) नाम से जाना जाता है। म्यूकोरमाइकोसिस एक गंभीर संभावित रूप से घातक फंगल संक्रमण है, जिसे अक्सर निदान किया जाता है। बताया जा रहा है कि इससे 2 लोगों की मौत हो गई है।
म्यूकोरमाइकोसिस बीमारी क्या है
यह म्युकोरमाइकोसिस एक फंगल इंफेक्शन है, जो तेजी से फैलता है और कभी-कभी घातक रूप भी ले लेता है। जिसमें मरीज के बचने का सिर्फ 50% ही चांस होता है। यह बीमारी उन लोगों को ज्यादा हो रही है जो कोरोना वायरस (covid-19) से ठीक हो चुके हैं। इसमें लोगों के आंखों की पुतलियां बाहर निकल जाती है। इस फंगल इंफेक्शन से ठीक होने वाले ज्यादातर मरीजों की आंख की रोशनी चली जाती है, मतलब मरीज अंधा हो जाता है।
Covid-19 के अलावा मधुमेह के मरीजों को खतरा ज्यादा
इस बीमारी के शिकार मरीज ज्यादातर मधुमेह यानी डायबिटीज के शिकार थे क्योंकि इसकी इम्यूनिटी बेहद कमजोर होती है। डॉक्टर का कहना है कि कोरोना होने से पहले म्युकोरमाइकोसिस इंफेक्शन को फैलने मे 20 से 30 दिन लगते थे, पर अब इस समय इन सव मरीजों में इंफेक्शन सिर्फ 3 से 5 दिनों में ही फैल गया था।https://www.fastkhabre.com/archives/2365
म्युकोरमाइकोशिश बीमारी को लेकर डॉक्टर अतुल पटेल का कहना है कि कोरोना के मरीजों में यह बीमारी तेजी से फैल रही है। उनके मुताबिक ये बीमारी पिछले तीन महीनों में म्युकोरमाइकोसिस का 19 मामला सामने आया है। Covid-19 के मरीज में कम्यूनिटी कम होती है जिसके कारण ऐसे मरीजों में बीमारी का खतरा ज्यादा रहता है।
अहमदाबाद के रेटीना एंड ऑक्यूलर टाॅमा डॉक्टर पार्थ राना ने इस बीमारी से जूझ रहे मरीजों के बारे में जानकारी देते हुए बताया कि 5 मरीज इस बीमारी को लेकर उनके पास आए हैं। जिनमें से दो लोगों की मौत हो गई है और तीन लोगों की आंखों की रोशनी पूरी तरह चली गई है।
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