Coal Crisis in India: देश में कोयले की कमी होने लगी है। कई राज्यों ने इसके चलते बिजली संकट गहराने की आशंका जताई है। दिल्ली, पंजाब, आंध्र प्रदेश समेत कई राज्यों के मुख्यमंत्रियों ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को चिट्ठी लिखी है। इसमें जल्द से जल्द कोयले की कमी दूर करने की मांग की गई है, ताकि बिजली उत्पादन में होने वाली कमी को समय रहते दूर किया जा सके।
पावर प्लांट्स में कोयले की किल्लत के चलते देश में पावरकट का (Electricity Crisis in India) संकट गहराने की आशंका बढ़ रही है। इस स्थिति में सरकार ने मंगलवार को देश की बिजली की जरूरतों को पूरा करने के लिए पर्याप्त सप्लाई का आश्वासन दिया है। सूत्रों के अनुसार, प्रधानमंत्री कार्यालय भी स्थिति के आकलन के लिए बैठक बुला सकता है।
Coal Crisis in India राज्यों ने जताई चिंता
कोयला संकट के चलते कई राज्यों ने ब्लैकआउट की आशंका जताई है। इस मुद्दे को लेकर गृहमंत्री अमित शाह ने कोयला मंत्री प्रह्लाद जोशी और ऊर्जा मंत्री आरके सिंह के साथ कल बैठक भी की थी।
कोयला मंत्री प्रल्हाद जोशी ने कहा
वहीं कोयला मंत्री प्रल्हाद जोशी ने कहा है कि कोल इंडिया के पास फिलहाल 22 दिन का स्टॉक है और सप्लाई बढ़ रही है। ‘हम पूरे देश को आश्वस्त करना चाहते हैं कि जरूरत के अनुसार कोयला उपलब्ध कराया जाएगा।
जानिए कोयले की किल्लत को लेकर सरकारी आंकड़ा क्या कहता है?
सरकारी आंकड़ों के अनुसार, थर्मल पावर स्टेशंस में कोयले की स्टाक की स्थिति बताती है कि केंद्रीय निगरानी वाले देश के 135 पावर स्टेशन में से 115 या तो ‘क्रिटिकल’ या ‘सुपर क्रिटिकल’ श्रेणी में हैं। 70 फीसदी पावर प्लांट में चार दिन से कम का कोल स्टॉक है। जिसे पूरा करने के लिए घरेलू ग्रेड के साथ उपयोग के लिए कोयले के विदेश से भी आयात की मंजूरी दे दी है। इस कदम से वैश्विक स्तर पर इसकी पहले से बढ़ी कीमतों में और इजाफा हो सकता है। अवतक पावर प्लांट, जो स्थानीय कोयले का इस्तेमाल करते हैं, बेहद कम आयात करते हैं। सरकार की ओर से कहा गया है कि कोल इंडिया की ओर से सप्लाई पर्याप्त नहीं है