Chunav sudhar bill 2021: देश में चुनाव सुधार से जुड़ा हुआ आधार कार्ड को वोटर आईडी से लिंक करने वाला विधेयक लोकसभा/राज्यसभा में पास हो गया है। ‘चुनाव अधिनियम संशोधन विधेयक 2021’ (Election Act Amendment Bill 2021) निचले सदन से विपक्षी विरोध के बीच पास हुआ है। इस विधेयक के माध्यम से जनप्रतिनिधित्व अधिनियम 1950 (Representation of the People Act 1950) और जनप्रतिनिधित्व अधिनियम 1951 में संशोधन किए जाने का प्रस्ताव किया गया है। केंद्रीय विधि एवं न्याय मंत्री किरेन रिजिजू ने इस बिल को पेश किया।निर्वाचन विधि (संशोधन) विधेयक, 2021’
केंद्रीय मंत्रिमंडल ने चुनाव सुधारों (Election Reform Bill 2022 Pass) से जुड़े इस विधेयक के मसौदे को अपनी मंजूरी दी थी। इस विधेयक के मसौदे में कहा गया है कि मतदाता सूची में दोहराव और फर्जी मतदान रोकने के लिए मतदाता कार्ड और सूची को आधार कार्ड से जोड़ा जाएगा। विधेयक के मुताबिक, चुनाव संबंधी कानून को सैन्य मतदाताओं के लिए लैंगिक निरपेक्ष बनाया जाएगा। आइए जानते हैं चुनाव सुधार बिल क्या है? इसके क्या उद्देश्य है? चुनाव सुधार दिन की शुरुआत कब से होगी What is election reform bill?
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चुनाव सुधार बिल क्या है? (Chunav sudhar bill 2021 kya hai in hindi)
युवाओं के लिए मतदाता सूची में नामांकन को आसान बनाने और मतदाता पहचान पत्र को आधार से जोड़ने सहित कई चुनावी सुधारों से संबंधित विधेयक सोमवार को संसद में पेश किया गया। इसके अतिरिक्त यह भी कहा गया है कि चुनाव अधिनियम संशोधन विधेयक, 2021 को सोमवार को निचले सदन की व्यावसायिक सूची में क्रमबद्ध किया गया है, जिसे कानून और न्याय मंत्री किरन रिजिजू ने पेश किया। विधेयक द्वारा जनप्रतिनिधित्व कानून 1950 और जनप्रतिनिधित्व कानून 1951 में संशोधन का प्रस्ताव किया गया है।
चुनाव की प्रणाली में करने योग्य उन परिवर्तनों को चुनाव सुधार कहते हैं जिनके करने से जनता की आकांक्षाएँ चुनाव परिणामों के रूप में ज्यादा से ज्यादा परिवर्तन होने लगें।
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चुनाव सुधार बिल का उद्देश क्या है?(Election Laws (Amendment) Bill)
- केंद्रीय मंत्रिमंडल ने आयोजित अपनी एक बैठक में चुनावी सुधारों chunav sudhar bill से संबंधित विधेयक को पेश करने को लेकर मंज़ूरी दे दी थी।
- इस विधेयक के पारित होने से वोटर लिस्ट में दोहराव और फर्जी वोटिंग को रोकने के लिए वोटर आईडी कार्ड को आधार कार्ड से जोड़ा जाएगा।
- हालांकि सरकार ने इस नियम को अनिवार्य नहीं किया है।
- इसे वैकल्पिक रूप में रखा गया है लेकिन आने वाले समय में इसपर पुख्ता नियम बनाए जा सकते हैं।
- इस विधेयक में जोड़े गए एक नए प्रावधान के तहत अब 18 वर्ष की आयु पूर्ण करने वाले लोगों को मतदाता सूची में अपना नाम दर्ज कराने के लिए एक वर्ष में चार मौके मिलेंगे।
- विगत नियम के मुताबिक अभी तक ऐसा सिर्फ साल में एक बार होता है।
- यानी इसकी कटऑफ डेट 1 जनवरी 2022 है तथा कोई व्यक्ति अगर 1 जनवरी के बाद 18 वर्ष का पूरा होता है तो उसे अगले साल तक इंतजार करना होगा।
- अब इस नए विधेयक द्वारा सरकार इस नियम को बदलने जा रही है तथा इस पेश बिल के मुताबिक 18 साल की उम्र पूरी कर चुके युवाओं को हर तीन महीने में मतदाता सूची में नाम दर्ज कराने का मौका मिलेगा।
चुनाव सुधार बिल से जुड़ी महत्वपूर्ण बातें (Chunav sudhar bill 2021)
- विधेयक के मसौदे में कहा गया है कि फर्जी मतदान रोकने के लिए वोटर कार्ड और सूची को आधार कार्ड से जोड़ा जाएगा।
- इस विधेयक (बिल) के जरिए जनप्रतिनिधित्व अधिनियम 1950 और जनप्रतिनिधित्व अधिनियम 1951 में संसोधन करना का प्रस्ताव है।
- इस विधेयक के मुताबिक चुनावी कानून को सैन्य मतदाताओं के लिए जेंडर न्यूट्रल बनाया जाएगा।
- वर्तमान कानून में अभी केवल पुरुष सर्विस अधिकारी की पत्नी का नाम दर्ज करने का नियम है, लेकिन महिला सर्विस अधिकारी के पति का नाम जुड़वाने का कोई प्रावधान नहीं है।
- इस विधेयक में युवाओं को मतदाता के रूप में हर साल 4 बार रजिस्ट्रेशन कराने की इजाजत मिलेगी।
- एक जनवरी या उससे पहले 18 साल के होने वालों को ही मतदाता के रूप में रजिस्ट्रेशन कराने पर इजाजत दी जाएगी।
- निवार्चन आयोग ने कानून मंत्रालय से जनप्रतिनिधित्व कानून में सैन्य मतदाताओं से जुड़े प्रावधानों में ‘पत्नी’ शब्द की जगह ‘स्पाउस (जीवनसाथी)’ करने को कहा था।
चुनाव सुधार से जुड़े जरूरी नियम
- मत-पत्र के प्रयोग के बजाय इलेक्ट्रॉनिक मतदान मशीन द्वारा मतदान करना।
- स्वैच्छिक मतदान के बजाय अनिवार्य मतदान
- नकारात्मक मत का विकल्प
- किसी को मत नहीं देना हो तो (नोटा) का विकल्प
- चुने हुए प्रतिनिधियों को हटाने या बुलाने की व्यवस्था
- मत-गणना की सही विधि का विकास
- स्त्रियों एवं निर्बल समूहों के लिए सीटों का आरक्षण
- प्रत्याशियों के लिए आवश्यक योग्यता एवं साक्षरता निर्धारित करना।
- मतदान पत्रों की डिजाइन ऐसी हो जिससे लोगों को समझने एवं खोजने में कठिनाई न हो।
- चुनाव खर्चों का निर्धारण एवं उस पर नियन्त्रण
- चुनाव प्रचार एवं आदर्श चुनाव आचार संहिता का शख्ती से पालन करना।
- मतदाताओं के लिए भयमुक्त माहौल
- घूस देकर, शराब पिलाकर या जबरजस्ती मत डलवाने के विरुद्ध नियन्त्रण।
- अवैध मतदान पर रोक
- जेल से चुनाव लड़ने पर रोक
- कोई भी भारतीय अधिकतम 65 साल की आयु तक ही प्रधानमंत्री या मुख्यमंत्री या सांसद या विधायक या पार्षद या सरपंच तेरे चुनाव लड़ सकता है।
क्या आधार और वोटर ID कार्ड को आपस में लिंक किया जा सकता है?
- चुनाव आयोग के वोटर पोर्टल पर वोटर आईडी कार्ड और आधार कार्ड को लिंक करने का ऑप्शन उपलब्ध है।
- इसके लिए http://voterportal.eci.gov.in वेबसाइठ पर अपने फोन नंबर/ईमेल आईडी/वोटर ID नंबप से लॉगिन करना होगा।
- इसके बाद प्रक्रिया के तहत वोटर ID को आधार से लिंक किया जा सकता है।