वीवीआईपी हेलीकॉप्टर आगस्ता वेस्टलैंड घोटाले (VVIP Chopper Augusta Westland Scam) मामले में मुख्य आरोपी क्रिश्चियन मिशेल (Christian Michel) की जमानत की अर्जी खारिज कर दी गई है। आपको बता दें कि वीवीआईपी हेलीकॉप्टर आगस्ता वेस्टलैंड घोटाले में मुख्य आरोपी क्रिश्चियन मिशेल के केस की सुनवाई दिल्ली की राउज एवेन्यू कोर्ट (Rouse Avenue Court) में हो रही थी। जिसमें आरोपी ने जमानत के लिए अर्जी लगाई थी। शुक्रवार को दिल्ली की स्पेशल कोर्ट ने उनकी अर्जी को रद्द कर दिया।
क्रिश्चियन मिशेल 925 दिनों से अधिक समय से तिहाड़ जेल में बंद है। मिशेल ने राउज एवेन्यू कोर्ट से UNHRC वर्किंग ग्रुप द्वारा पारित आदेश के आधार पर जमानत मांगी थी। मिशेल ने अपनी याचिका में कहा था कि भारतीय सरकार ने उन्हें अवैध रूप से हिरासत में लिया था और उसे दुबई से निर्वासित किया गया था।
यूएनएचआरसी वर्किंग ग्रुप ऑर्डर में कहा गया है कि भारत सरकार द्वारा क्रिश्चियन जेम्स मिशेल को स्वतंत्रता से वंचित करना मानवाधिकारों का उल्लंघन है।यूएनएचआरसी वर्किंग ग्रुप ऑर्डर में मानवाधिकार के सिद्धांतों का हवाला दिया गया और बताया कि यह आर्टिकल 9 (3) के उल्लंघन में आता है। साथ ही नागरिक और राजनीतिक अधिकारों पर भी रोक लगाता है।
Christian Michel 22 दिसंबर 2018 को हुई थी गिरफ्तारी
बता दें कि दुबई से प्रत्यर्पित कर लाए गए मिशेल को ईडी ने 22 दिसंबर 2018 को गिरफ्तार किया था। मिशेल को ईडी के मामले में पांच जनवरी 2019 को न्यायिक हिरासत में भेजा गया। उसे घोटाले के संबंध में सीबीआई के मामले में भी न्यायिक हिरासत में भेजा गया।
मिशेल ईडी और केंद्रीय अन्वेषण ब्यूरो (सीबीआई) की जांच के दायरे में शामिल तीन कथित बिचौलियों में से एक है। उसके अलावा गुइडो हास्च्के और कार्लो गेरोसा भी जांच के दायरे में है।
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सीबीआई ने आरोप लगाया कि वीवीआईपी हेलिकॉप्टरों की आपूर्ति के लिए आठ फरवरी 2010 को हुए समझौते में राजकोष को करीब 2,666 करोड़ रुपये का घाटा हुआ। ईडी ने जून 2016 को मिशेल के खिलाफ दायर आरोपपत्र में आरोप लगाया कि उसे अगस्ता वेस्टलैंड से करीब 225 करोड़ रुपये मिले थे।