चीन और ताइवान के बीच विवाद बढ़ता ही जा रहा है

चीन और ताइवान के बीच लंबे समय से तनाव जारी है, और ये तनाव उस वक्त और बढ़ गया। जब फिजी में दोनों देशों के राजनयिकों के बीच हाथापाई हो गई। जिसमें ताइवान ने आरोप लगाया है, कि चीनी दूतावास के दो अधिकारी इस महीने हुए ताइवान के नेशनल डे बिना बुलाए पहुंच गए। हालांकि चीन ताइवान के इस दावे को इनकार कर रहा है।

दोनों पक्ष का कहना है कि इस हाथापाई से उनके अधिकारियों को चोट लगी है। जिसमें फिजी की पुलिस इस मामले की जांच करने की मांग कर रही है। चीन ताइवान को अपना एक अलग हुआ हिस्सा मानता है। लेकिन ताइवान तर्क देता है कि वे एक संप्रभु देश है। चीन से जंग की तैयारी में जुटी ताईबानी सेना आग उगल रहे चीन से परेशान है।

इंडिया अब ताइवान के साथ जल्द व्यापार करेगी

इसी में बताया जा रहा है कि, इंडिया चीन से परेशान होकर। अब ताइवान के साथ जल्द व्यापार करने का विचार कर सकता है। आपको पता है कि इन दिनों चीन के संबंध कई देशों से बिल्कुल भी अच्छे नहीं चल रहे हैं। जिसमें से एक देश ताइवान है।

जिसमें अब एक खबर खुलकर सामने आ रही है कि, तिब्बत और ताइवान आपस में नजदीकियां बढ़ाने में कोई कसर नहीं छोड़ रहे हैं। जिसमें तिब्बत के धर्मगुरु दलाई लामा ने पहले ताइवान यात्रा करने की इच्छा प्रकट की थी।

दलाई लामा ने ताइवान को लोकतांत्रिक व्यवस्था में बदलने वाले पूर्व राष्ट्रपति ली तेंग को अपना करीबी मित्र बताते हुए उसके निधन पर शोक जाहिर किया। जिसमें ताइवान के रक्षा मंत्री ने दलाई लामा के इस शोक संदेश को शेयर भी किया।

जिसमें दलाई लामा ने लिखा था कि, स्वर्गीय ली तेंग मेरे दोस्त, उन्होंने लोकतंत्र के प्रति काफी प्रतिबद्धता दिखाई। उन्होंने स्वर्गीय ली तेंग को अपना नजदीकी दोस्त बताते हुए कहा। मैं हमेशा उन्हें याद करता रहूंगा। चीन और ताइवान के रिश्ते अभी नाजुक बने हुए हैं। दोनों ही देशों के बीच लड़ाई होने का खतरा लगातार मंडराता रहता है। जिसमें अमेरिका ताइवान का मदद कर सकता है।

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