नई दिल्ली: केंद्र सरकार ने बुधवार को कोरोना को लेकर नई गाइडलाइन तैयार कर जारी की है। इसमें केंद्र का फोकस कंटेनमेंट जोन पर रहेगा। सरकार को कंटेनमेंट जोन पर सख्ती और सावधानी बरतने को कहा है। राज्य को छूट दी गई है कि अपने राज्यों के हालात को देखते हुए उस पर पाबंदी लागू करें।
केंद्र सरकार ने राज्य सरकार को कोरोना से रोकथाम के लिए स्थानीय स्तर पर नाइट कर्फ्यू समेत प्रतिबंध लगाने की इजाजत दे दी है। लेकिन लॉकडाउन लगाने के लिए राज्य को सरकार की अनुमति लेनी होगी। वहीं केंद्रीय गृह मंत्रालय ने बुधवार को कंटेनमेंट सर्विलांस को लेकर नई गाइडलाइंस जारी की है।
जिसमें राज्य और केंद्र शासित प्रदेशों को कंटेनमेंट जोन में कड़ाई के साथ-साथ नियमों को लागू करना होगा। यह गाइडलाइंस 1 दिसंबर से 31 दिसंबर 2020 तक लागू रहेगी। इसके साथ ही गृह मंत्रालय की ओर से जारी करने की जिम्मेदारी स्थानीय जिला, पुलिस और निगम अथॉरिटी की होगी।
देश में एक्टिव केसों की संख्या घटती नजर आ रही है, लेकिन त्यौहार सीजन को लेकर कुछ राज्यों में कोरोना के केस में बढ़ोतरी हुई है। इससे राज्यों को सावधानी बरतनी होगी और दिए गए निर्देश का पालन करना होगा।
आइए जानते हैं उन गाइडलाइंस के बारे में
- राज्य को छूट है कि वह अपने राज्य की हालात को देखते हुए उस पर पाबंदी लगा सकता है।
- जिले के पुलिस और निगम अथॉरिटी को भी गृह मंत्रालय की ओर से जारी गाइडलाइंस का सख्ती से पालन करना होगा।
- जिलों में बनने वाले सभी कंटेनमेंट जोन की लिस्ट अपने वेबसाइट पर डालनी होगी। उसके बाद उसे हेल्थ मिनिस्ट्री को भी शेयर करना होगा।
- बेवजह आवाजाही पर रोक लगानी होगी जरूरतों के हिसाब से ही छोड़ दी जाएगी।
- राज्यों को सर्विलांस सिस्टम को मजबूत करना होगा और नियम का सख्ती से पालन करना होगा।
- आई एल आई और SARI केस को सर्विलांस किया जाए मोबाइल यूनिट उनके संपर्क में रहे
- जैसे ही कोई कोरोना संक्रमित व्यक्ति के संपर्क में आए उसका लिस्ट बनाया जाए और उसकी पहचान कर उसे आइसोलेट किया जाए।
- करो ना कौन लेकर समुदायों में जागरूकता पैदा की जाए।
- सोशल डिस्टेंसिंग के नियम के अनुसार ऑफिस में एक टाइम में ज्यादा स्टाफ ना रहे और सोशल डिस्टेंसिंग का पालन करें।
- अगर किसी शहर में हफ्ते में 10% केस आ रहे हैं, वहां के ऑफिस के टाइम में बदलाव कर कोई ठोस कदम उठाया जाए।
वही सामाजिक और धार्मिक किसी भी तरह के समारोह में भीड़ को लेकर 50% और अधिकतम 200 लोगों को ही जमा होने की अनुमति है। इसके बावजूद भी राज्य को हालातों के आधार पर इसमें और भी कम करने की पूरी अनुमति है।
गृह मंत्रालय के दिए गए इस दिशानिर्देश का अहम मकसद यह है कि करोना संक्रमण पर काबू पाया जाए। क्योंकि कुछ राज्यों में बढ़ते मामलों को लेकर इस पर ज्यादा जोर दिया गया है। इससे बचाव के लिए इन सब निर्देशों का सख्ती से पालन करना बेहद जरूरी है।