नई दिल्ली: नई गाड़ी खरीदने वालों के लिए राहत भरी खबर है(Bumper To Bumper Insurance) अब ऐसे ग्राहकों पर इंश्योरेंस का बड़ा भार नहीं पड़ेगा। दरअसल, अब नई गाड़ी पर 5 साल बंपर-टू-बंपर इंश्योरेंस जरूरी नहीं होंगा। मद्रास हाई कोर्ट ने कहा कि नई गाड़ी खरीदने पर 5 साल का बंपर टू बंपर इंश्योरेंस अभी जरूरी नहीं होगा। जनरल इंश्योरेंस कंपनियों के संगठन, ऑटो कंपनियां , इंश्योरेंस एजेंट्स के संगठन की दलीलों को मानते हुए मद्रास हाई कोर्ट 4 अगस्त के अपने ऑर्डर के अंदर अव बदलाव करेगा और 5 साल के लिए एक साथ इंश्योरेंस जरूरी शर्त को हटाएगा।
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Bumper To Bumper Insurance (5 साल बंपर-टू-बंपर इंश्योरेंस) पर मद्रास हाई कोर्ट कही ये बात
आज की सुनवाई के दौरान कोर्ट ने साफ कहा कि उनका मकसद सिर्फ पैसेंजर की सुरक्षा है। कोर्ट ने अपने ऑब्जरवेशन में कहा कि पुराने ऑर्डर में कोर्ट के सुझावों को शामिल किया जाएगा और जरूरी नियमों को कानून बनाने वाली संसद पर छोड़ा जाएगा। यानी अब बंपर टू बंपर इंश्योरेंस का आर्डर थम गया है।
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अब नई गाड़ी की खरीद पर 5 साल तक जरूरी बंपर टू बंपर इंश्योरेंस लेने पर गाड़ियों की कीमत 50,000 रु से लेकर 200000 लाख तक बढ़ रही थी जिसका विरोध ऑटो कंपनियों ने भी किया था। अब मद्रास हाई कोर्ट ने इस पर अपना फैसला सुना दिया है। अब अगस्त के ऑर्डर को मद्रास हाई कोर्ट जल्द बदलाव करेगा।
Bumper To Bumper Insurance नियम लागू करने की चुनौती पर कोर्ट ने मांगे थे सुझाव
कोर्ट के अनुसार, बंपर टू बंपर इंश्योरेंस पर कोर्ट का सिर्फ सुझाव रहेगा, जरूरी करने का नियम संसद पर छोड़ा जाएगा। गौरतलब है कि नियम लागू करने की चुनौती पर 1 सितंबर को कोर्ट ने सुझाव मांगे थे। इसके बाद, ऑटो कंपनियां , आईआरडीए समेत कई संगठनों ने मद्रास हाई कोर्ट को अपने-अपने सुझाव दिए थे। आपको बता दें कि अगस्त में नई गाड़ी की खरीद पर 5 साल का बंपर टू बंपर इंश्योरेंस का आर्डर पास किया गया था। लेकिन इसके बाद, लगातार ऑटो कंपनियों ने भी इसका विरोध किया था क्योंकि एक साथ 5 साल के इंश्योरेंस को लागू करना चुनौतियों से भरा था।
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दो तरह का होता है इंश्योरेंस (How many types of insurance)
अपने देश में मुख्य रूप से दो तरह का कार इंश्योरेंस होता है। जब आप कार खरीदने जाते हैं तो इसके बारे में जानकारी दी जाती है। पहला थर्ड पार्टी इंश्योरेंस (Third Party Insurance) और दूसरा कॉम्प्रिहेंसिव इंश्योरेंस (Comprehensive Insurance) होता है। नियम के मुताबिक थर्ड पार्टी इंश्योरेंस हर हाल में लेना होगा, जबकि कॉम्प्रिहेंसिव इंश्योरेंस लेना और नहीं लेना कस्टमर पर निर्भर करता है।
थर्ड पार्टी इंश्योरेंस क्या है?
थर्ड पार्टी इंश्योरेंस के अंतर्गत अगर आपकी गाड़ी से किसी और की गाड़ी को नुकसान पहुंचता है तो इंश्योरेंस कंपनी दूसरी गाड़ी और चालक को हुए नुकसान की भरपाई करेगी। इसमें खुद की गाड़ी को होने वाले नुकसान की भरपाई नहीं होती है। कॉम्प्रिहेंसिव इंश्योरेंस में अपनी और दूसरी गाड़ी, दोनों के नुकसान की भरपाई होती है। इसके अलावा भी कई तरह के इंश्योरेंस होते हैं जो अलग-अलग तरह का कवरेज देते हैं।
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