अंचलाधिकारी मणिकांत कुमार ने बताया कि जमाबंदी लॉक होने पर भविष्य में किसानों को जमीन बेचने और खरीदने में परेशानी हो सकती है। वहीं आधार और मोबाइल लिंक्ड होने पर जमीन की सभी गतिविधियों की जानकारी मोबाइल पर मिलती रहेगी। इससे जहां लोग जमीन संबंधी मामलों में धोखाधड़ी से बच पाएंगे वहीं जमाबंदी में जमीन में किसी तरह के बदलाव को लेकर एसएमएस के माध्यम से आपको अलर्ट मिलेगा।
बिहार जमीन जमाबंदी को आधार से लिंक करवाना क्यों जरूरी है
अगर आपने अपनी जमीन की जमाबंदी को आधार कार्ड से अब तक लिंक नहीं करवाया है और मोबाइल नंबर से उसे नहीं जुड़वाया है तो जल्द ही ये काम कर लें, वरना आपकी जमाबंदी को अंचल कार्यालय द्वारा लॉक कर दिया जाएगा। करायपरसुराय के अंचलाधिकारी मणिकांत कुमार ने इस संबंध में विस्तार से जानकारी दी है।
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मणिकांत कुमार ने कहा कि इसको लेकर लगातार किसानों को आगाह किया जा रहा है। गांव में कैंप लगाकर किसानों को जागरूक भी किया जा रहा है। इसे लेकर एक माह तक यह अभियान चलाया गया है। अब कुछ ही दिन के बाद जमाबंदी को लॉक कर दिया जाएगा। लॉक होने की स्थिति में रैयत सिर्फ रसीद कटवा सकते हैं।
उन्होंने बताया कि जमाबंदी लॉक होने पर भविष्य में किसानों को जमीन बेचने और खरीदने में परेशानी हो सकती है। वहीं, आधार और मोबाइल लिंक्ड होने पर जमीन की सभी गतिविधियों की जानकारी मोबाइल पर मिलती रहेगी। इससे जहां लोग जमीन संबंधी मामलों में धोखाधड़ी से बच पाएंगे, वहीं जमाबंदी में जमीन में किसी तरह के बदलाव को लेकर एसएमएस के माध्यम से आपको अलर्ट भी मिलेगा। इससे रैयत धोखाधड़ी से बच पाएंगे।
जमीन जमाबंदी को आधार से ऐसे करें लिंक- Bihar Jamin Jamabandi Aadhaar Link in hindi
- इसके लिए भू स्वामी राजस्व कर्मचारी से मिलें।
- उन्हें संबंधित जमीन लगान की रसीद, आधार कार्ड तथा मोबाइल नंबर दें।
- इसके बाद राजस्व कर्मचारी द्वारा जमाबंदी को लिंक कर सारा जानकारी ऑनलाइन कर दी जाएगी।
- लिंक होने की जानकारी किसानों को 10 दिनों के अंदर मोबाइल पर भेज दी जाएगी।
जमाबंदी रैयत की मृत्यु हो जाने की स्थिति में यह काम जरूर करें
जमाबंदी पंजी को आधार कार्ड से लिंक करने में सबसे बड़ी परेशानी इस बात की है कि अभी भी बड़ी संख्या में ऐसे जमाबंदी उपलब्ध हैं जिसके रैयत की मृत्यु हो चुकी है, लेकिन उनके नाम से ही मालगुजारी रसीद कट रही है। ऐसे में राजस्व एवं भूमि सुधार विभाग के द्वारा उसे जमाबंदी खाता धारक की पंजी को उसके सबसे नजदीकी परिजन (रिश्तेदार) के आधार कार्ड से लिंक की जाएगी। हालांकि, इसके पहले उस रैयत को वंशावली समेत कई अन्य तरह की प्रक्रिया से गुजरना होगा।