भीमा कोरेगांव हिंसा मामले में बड़ा खुलासा सामने आया है। एनआईए के सप्लीमेंट्री चार्जशीट पर बड़ा खुलासा हुआ है। एनआईए ने 8 आरोपियों पर चार्जशीट दायर की है। जिन आठ आरोपियों पर चार्जशीट दायर की है।
वह है सामाजिक कार्यकर्ता गौतम नवलखा, गोवा इंस्टीट्यूट आफ मैनेजमेंट के प्रोफ़ेसर आनंद तेलतुबंडे, दिल्ली यूनिवर्सिटी के एसोसिएट हनी बाबू, फादर स्टेन स्वामी, सागर गोरखे, रमेश गाइचोर, ज्योति जगपात, मिलिंद तेलतुबंडे सहित आठ लोगों के खिलाफ आरोप पत्र दायर किया गया।
यह मामला 31 दिसंबर 2017 का है जो पुणे के भीमा कोरेगांव मे एक कार्यकर्ता के द्वारा हिंसा भड़क गई थी। इसमें एक व्यक्ति की मौत हुई थी। इस मामले में पूछताछ के लिए एनआईए ने रांची के रहने वाले मानव अधिकार कार्यकर्ता फादर स्टेन स्वामी को गिरफ्तार किया था। एनआईए द्वारा इससे पहले की गई पूछताछ में स्वामी ने भीमा कोरेगांव में किसी तरह की अपनी संलिप्तता से इनकार किया था।
जांच कार्यकर्ताओं के मुताबिक एल्गार परिषद में जुटे कार्यकर्ताओं ने इसकी साजिश रची थी, और भड़काऊ भाषण दिए थे। इसी के कारण अगले दिन हिंसा भड़क गई, और हिंसा इतनी भड़क गई कि लोग सड़कों पर आ गए, और उस हिंसा में 1 लोग की मौत भी हो गई थी।
माओवादियों से रिश्ते रखने के आरोप में फादर स्टेन स्वामी को गिरफ्तार किया गया।
जांच एजेंसी ने आरोप लगाया है कि स्वामी ने एजेंडा को आगे बढ़ाने के लिए एक सहयोगी के मार्फत धन भी प्राप्त किया था। अधिकारियों ने दावा किया है कि इसके अलावा वह माओवादी के मुखौटा संगठन “परसेक्यूटेड प्रिजनर्स सॉलिडेरिटी कमेटी”(पी पी एस सी) के संयोजक भी हैं। उन्होंने बताया कि स्वामी के पास माओवादी से जुड़े दस्तावेज भी बरामद हुए थे।
गौतम नवलखा का ISI से संपर्क
गौतम नवलखा आई एस आई सदस्य नवीन फई के संपर्क में था। गौतम नवलखा ईमेल और फोन के जरिए लगातार संपर्क बनाए रखा था। नवलखा 2010 से 11 के बीच तीन बार अमेरिका गया था। कश्मीर में पैदा हुआ नवाब फई अमेरिकी नागरिकता लेकर अमेरिका में रह रहा था। ISI और पाकिस्तान सरकार के संपर्क में रहकर अपने KAC संगठन को बढ़ावा दे रहा था।
इससे साफ जाहिर हो रहा है। गौतम नवलखा फाई के संपर्क में था। ISI के साथ मिलकर काम कर रहा था। एनआईए की जांच में यह आरोप लगाया गया है, कि इसमें प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की हत्या की भी साजिश रची गई थी।