बिहार राज्य के दक्षिण-पूर्वी भाग में स्थित प्रमुख शहर भागलपुर जो अपने प्राकृतिक सौंदर्य, ऐतिहासिक महत्व और समृद्ध संस्कृति के लिए जाना जाता है। अगर आप भागलपुर आना चाहते हैं और यहां घूमना चाहते हैं तो भागलपुर में घूमने के लिए कई बेहतरीन जगह हैं, जिनमें से 5 बेहतरीन जगह के बारे में नीचे बताया गया है। आर्टिकल को पूरा पढ़ें।
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भागलपुर घूमने के लिए 5 सबसे बेहतरीन जगह
वैसे तो भागलपुर में घूमने के लिए बहुत सारी जगह है इनमें से कुछ जगहों के बारे में बताया जा रहा है ताकि आपको यहां घूमने में आसानी हो।
1. विक्रमशिला सेतु
भारत के बिहार राज्य के भागलपुर जिले में गंगा नदी पर स्थित एक विशाल पुल है। यह 4.7 किमी लंबा है और इसे 1992 में पूरा किया गया था। पुल भागलपुर को नवगछिया से जोड़ता है और यह एक महत्वपूर्ण परिवहन मार्ग है।
विक्रमशिला सेतु एक लोकप्रिय पर्यटन स्थल भी है। पुल से गंगा नदी का मनोरम दृश्य दिखाई देता है। पुल पर पैदल चलने के लिए एक रास्ता भी है, जिससे आप पुल के शीर्ष पर से गंगा नदी का दृश्य देख सकते हैं।
विक्रमशिला सेतु घूमने के लिए कुछ जरूरी जानकारी
- विक्रमशिला सेतु घूमने का सबसे अच्छा समय अक्टूबर से मार्च के बीच है, जब मौसम सुहावना होता है।
- पुल सुबह 6 बजे से रात 10 बजे तक खुला रहता है।
- पुल पर पैदल चलने के लिए प्रवेश शुल्क मुफ्त है।
- पुल पर कुछ रेस्तरां और दुकानें हैं जहाँ आप भोजन और खरीदारी कर सकते हैं।
विक्रमशिला सेतु कैसे पहुंचें
- भागलपुर से विक्रमशिला सेतु तक पहुँचने के लिए बस, टैक्सी या रिक्शा ले सकते हैं।
- नवगछिया से विक्रमशिला सेतु तक पहुँचने के लिए बस, टैक्सी या रिक्शा ले सकते हैं।
2. कहलगांव द्वीप
कहलगांव द्वीप घूमने का सबसे अच्छा समय अक्टूबर से मार्च के बीच है, जब मौसम सुहावना होता है। द्वीप तक पहुंचने के लिए, आप सड़क या नाव से भागलपुर जा सकते हैं। भागलपुर से कहलगांव द्वीप तक जाने के लिए नाव की सवारी लगभग एक घंटे की है।
कहलगांव द्वीप घूमने के लिए कुछ महत्वपूर्ण जानकारियां
- कहलगांव द्वीप के लिए एक दिन की यात्रा की योजना बनाएं। द्वीप को देखने के लिए इतना समय पर्याप्त है।
- सुबह जल्दी जाएं ताकि आप शांत वातावरण का आनंद ले सकें।
- अपने साथ पर्याप्त पानी और स्नैक्स ले जाएं। द्वीप पर कोई दुकान या रेस्तरां नहीं है।
- अपने साथ एक कैमरा ले जाएं ताकि आप अपनी यात्रा की यादें कैद कर सकें।
3. डॉल्फिन ऑब्जर्वेटरी
भारत के बिहार राज्य के भागलपुर जिले में गंगा डॉल्फिन वाइल्डलाइफ सेंचुरी के भीतर स्थित एक पर्यटक आकर्षण है। यहाँ आप गंगा डॉल्फिन को उनके प्राकृतिक आवास में देख सकते हैं।
डॉल्फिन ऑब्जर्वेटरी 2004 में स्थापित की गई थी। यह एक 250 मीटर लंबी और 10 मीटर ऊंची संरचना है जो गंगा नदी के किनारे स्थित है। ऑब्जर्वेटरी में एक पर्यटक डेक है जहाँ से आप डॉल्फिन को देखने के लिए एक अच्छी स्थिति में होते हैं।
गंगा डॉल्फिन एक दुर्लभ प्रजाति है जो केवल गंगा नदी और उसकी सहायक नदियों में पाई जाती है। यह प्रजाति IUCN की रेड लिस्ट में लुप्तप्राय श्रेणी में सूचीबद्ध है।
डॉल्फिन ऑब्जर्वेटरी एक लोकप्रिय पर्यटन स्थल है। यहाँ हर साल हजारों पर्यटक आते हैं।
डॉल्फिन ऑब्जर्वेटरी घूमने के लिए महत्वपूर्ण जानकारी
- डॉल्फिन ऑब्जर्वेटरी घूमने का सबसे अच्छा समय अक्टूबर से मार्च के बीच है, जब मौसम सुहावना होता है।
- ऑब्जर्वेटरी सुबह 8 बजे से शाम 5 बजे तक खुली रहती है।
- ऑब्जर्वेटरी में प्रवेश शुल्क 100 रुपए है।
- ऑब्जर्वेटरी में एक पर्यटक गाइड है जो आपको डॉल्फिन के बारे में जानकारी प्रदान कर सकता है।
डॉल्फिन ऑब्जर्वेटरी कैसे पहुंचें
- भागलपुर से कहलगांव द्वीप तक जाने के लिए नाव की सवारी लगभग एक घंटे की है।
- कहलगांव द्वीप से डॉल्फिन ऑब्जर्वेटरी तक जाने के लिए टैक्सी या रिक्शा ले सकते
4. घंटा घर
भारत के बिहार राज्य के भागलपुर शहर में स्थिटत एक ऐतिहासिक घंटाघर है। यह 1880 में बनाया गया था और यह शहर का एक प्रमुख दर्शनीय स्थल है।
घंटा घर एक 25 फीट ऊंचा घंटाघर है जो लाल बलुआ पत्थर से बना है। इसमें एक बड़ी घड़ी है जो शहर के समय को बताती है। घंटाघर के चारों ओर एक छोटा सा पार्क है जहाँ लोग आराम कर सकते हैं और घड़ी की आवाज़ सुन सकते हैं।
घंटा घर घूमने के लिए कुछ सुझाव
- घंटा घर घूमने का सबसे अच्छा समय सुबह या शाम है, जब मौसम सुहावना होता है।
- घंटा घर सुबह 9 बजे से शाम 5 बजे तक खुला रहता है।
- घंटा घर में प्रवेश शुल्क मुफ्त है।
घंटा घर कैसे पहुंचें
- भागलपुर शहर के बीच में स्थित है।
- घंटा घर तक पहुँचने के लिए बस, टैक्सी या रिक्शा ले सकते हैं।
घंटा घर भागलपुर शहर के इतिहास और संस्कृति का एक महत्वपूर्ण हिस्सा है। यह एक लोकप्रिय पर्यटन स्थल है और यहाँ हर साल हजारों पर्यटक आते हैं।
5. भागलपुर संग्रहालय
भारत के बिहार राज्य के भागलपुर शहर में स्थित एक ऐतिहासिक संग्रहालय है। यह 1920 में स्थापित किया गया था और यह शहर का सबसे बड़ा संग्रहालय है। संग्रहालय में प्राचीन और मध्ययुगीन काल की वस्तुओं का एक विशाल संग्रह है, जिसमें मूर्तियां, शिलालेख, सिक्के, और अन्य ऐतिहासिक सामग्री शामिल हैं।
भागलपुर संग्रहालय घूमने के लिए कुछ महत्वपूर्ण स्थान निम्नलिखित हैं:
- प्राचीन भारतीय कला और संस्कृति का कक्ष: इस कक्ष में प्राचीन भारत की मूर्तियां, शिलालेख, और अन्य कलाकृतियां प्रदर्शित हैं। इनमें भगवान शिव, विष्णु, और देवी दुर्गा की मूर्तियां, अशोक के शिलालेख, और गुप्त काल के सिक्के शामिल हैं।
- मध्ययुगीन भारतीय कला और संस्कृति का कक्ष: इस कक्ष में मध्ययुगीन भारत की मूर्तियां, शिलालेख, और अन्य कलाकृतियां प्रदर्शित हैं। इनमें भगवान कृष्ण, राम, और सीता की मूर्तियां, मुगल काल के सिक्के, और राजपूत काल के हथियार शामिल हैं।
- भूविज्ञान और प्राणी विज्ञान का कक्ष: इस कक्ष में भागलपुर क्षेत्र के भूविज्ञान और प्राणी विज्ञान से संबंधित सामग्री प्रदर्शित हैं। इनमें जीवाश्म, खनिज, और जानवरों के नमूने शामिल हैं।
- भागलपुर के इतिहास का कक्ष: इस कक्ष में भागलपुर शहर के इतिहास से संबंधित सामग्री प्रदर्शित हैं। इनमें पुरातात्विक खोज, ऐतिहासिक दस्तावेज, और अन्य सामग्री शामिल हैं।
भागलपुर संग्रहालय घूमने के लिए कुछ महत्वपूर्ण जानकारी
- भागलपुर संग्रहालय घूमने का सबसे अच्छा समय सुबह या शाम है, जब मौसम सुहावना होता है।
- संग्रहालय सुबह 10 बजे से शाम 5 बजे तक खुला रहता है।
- संग्रहालय में प्रवेश शुल्क ₹10 है।
- संग्रहालय में एक पुस्तकालय भी है, जहाँ आप भागलपुर के इतिहास और संस्कृति से संबंधित पुस्तकों को पढ़ सकते हैं।
भागलपुर संग्रहालय एक महत्वपूर्ण ऐतिहासिक और सांस्कृतिक केंद्र है। यह शहर के इतिहास और संस्कृति के बारे में जानने के लिए एक उत्कृष्ट स्थान है।