बाटला हाउस एनकाउंटर (Batla House Encounter) के दोषी आरिज खान को कोर्ट ने फांसी की सजा देने का फैसला दिया है। सोमवार को दिल्ली की साकेत कोर्ट में सजा पर हुई बहस के बाद अदालत ने ये फैसला सुनाया है। कोर्ट ने इस अपराध को रेयरेस्ट ऑफ रेयर केस माना है और आरिज खान को समाज के लिए खतरा बताया है।
13 सितंबर 2008 को दिल्ली में सिरियल बम धमाके हुए थे और उसके बाद मामले की जांच कर रही दिल्ली पुलिस को सूचना मिली थी कि बाटला हाउस में धमाकों को अंजाम देने वाला संदिग्ध आतंकवादी जामिया नगर के बाटला हाउस में छिपा हुआ है। धमाकों के करीब एक हफ्ते बाद दिल्ली पुलिस के इंस्पेक्टर मोहन चंद शर्मा के नेतृत्व में टीम जब आतंकवादियों के ठिकाने पर पहुंची तो पुलिस टीम के ऊपर फायरिंग की गई जिसमें इंस्पेक्टर मोहन चंद शर्मा को गोली लगी और वे शहीद हो गए थे।
पुलिस की गोलीबारी में 2 संदिग्ध आतंकवादी मारे गए जबकि 1 को गिरफ्तार किया गया, 2 आतंकवादी वहां से फरार होने में कामयाब हो गए थे। एनकाउंटर के समय मारे गए आतंकियों के नाम आतिफ आमीन और मोहम्मद साजिद थे, मोहम्मद सैफ को मौके से पकड़ा गया था। इस एनकाउंटर में एक पुलिसकर्मी घायल भी हुआ था जबकि शहीद होने वाले इंस्पेक्टर मोहन चंद शर्मा को अशोक चक्र से सम्मानित किया गया था। इससे पहले 2013 में इस मामले में शहजाद अहमद को सज़ा हो चुकी है, वह भी उन आतंकियों में शामिल था जो एनकाउंटर के समय बाटला हाउस से भागा था।
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Batla House Encounter आरिज खान को फांसी की सजा और 11 लाख का जुर्माना
बाटला हाउस मुठभेड़ में दोषी करार दिए गए इंडियन मुजाहिदीन के आतंकी आरिज खान को फांसी की सजा सुनाई गई है। साथ ही उस पर 11 लाख का जुर्माना भी लगाया गया है। कोर्ट ने इसे रेयरेस्ट ऑफ रेयर केस माना और आरिज को समाज के लिए खतरा बताया। सभी सजाएं एक के बाद एक चलेंगी। आरिज के नाम पर कोई संपत्ति नहीं थी इसलिए उस पर सिर्फ 11 लाख रुपये का जुरमाना लगाया है।
एक महीने तक विभिन्न प्रदेशों में छिपता रहा
आरिज, मुठभेड़ के बाद पहले तो एक महीने तक विभिन्न प्रदेशों में छिपता रहा। इसके बाद वह नेपाल भाग गया और अब्दुल सुभान कुरैशी उर्फ तौकीर (इंडियन मुजाहिदीन का सह संस्थापक) के साथ पहचान छिपाकर रहने लगा था।
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कुछ साल बाद दोनों सऊदी अरब चले गए। इसके बाद आइएम के पाकिस्तान में बैठे आकाओं इकबाल भटकल व रियाज भटकल ने दोनों को वापस भारत जाकर आइएम व सिमी को नए सिरे से संगठित करने के निर्देश दिए थे। इसके बाद दोनों 2018 के मार्च से भारत आने-जाने लगे थे। इसी क्रम में सेल ने पहले कुरैशी और फिर आरिज को दबोच लिया था। आरिज आइएम के आजमगढ़ माड्यूल का सक्रिय आतंकी है।
Batla House Encounter आरिज ने नेपाल की ही युवती से शादी भी कर ली थी
आरिज ने नेपाल की ही युवती से शादी भी कर ली थी। आरिज व कुरैशी को किसी रिश्तेदार ने शरण नहीं दी। एक महीने तक पुलिस से बचने के लिए दोनों ने देशभर में ट्रेनों व बसों में ही सफर कर समय बिताया। इसके बाद दोनों नेपाल भाग गए। वहां एक ही जगह रहकर दोनों ने फर्जी दस्तावेजों के जरिये नेपाल की नागरिकता प्राप्त कर ली।
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वहां एक युवक निजाम खान के सहयोग से उन्हें नेपाल में किराये पर घर मिल गया। इसके कुछ माह बाद उन्होंने मतदाता पहचान पत्र व पासपोर्ट भी बनवा लिए। आरिज ने नेपाल की ही युवती से शादी भी कर ली थी। उसने पत्नी को बताया था कि एक विवाद में फंसने के कारण वह उसे पैतृक घर नहीं ले जा सकता है।
कांग्रेस के कई नेताओं ने मुठभेड़ को लेकर दिल्ली पुलिस के दावों पर सवाल उठाए थे
मालूम हो कांग्रेस के कई नेताओं ने मुठभेड़ को लेकर दिल्ली पुलिस के दावों पर सवाल उठाए थे। कांग्रेस उस समय केंद्र की सत्ता में थी. बाद में कांग्रेस नेतृत्व ने इस मामले में पार्टी के उन नेताओं के बयानों से खुद को अलग कर लिया था। भाजपा इस मुद्दे पर पहले भी कांग्रेस पर निशाना साधती रही है। भाजपा ने कहा कि ममता बनर्जी ने इस मुठभेड़ को फर्जी बताया था और इसकी न्यायिक जांच की मांग की थी। उन्होंने दावा किया कि बनर्जी ने उस वक्त कहा था कि अगर वह गलत साबित हुईं तो राजनीति से संन्यास ले लेंगी।