जेल से छूटने के बाद अर्नब गोस्वामी ने दे दि उद्धव ठाकरे को चेतावनी

मुंबई: सुप्रीम कोर्ट के आदेश के बाद रिपब्लिक टीवी के संपादक अर्नब गोस्वामी को बुधवार शाम को तलोजा जेल से रिहा किया। न्यायिक हिरासत में 1 सप्ताह जेल में गुजारने और उच्चतम न्यायालय से जमानत मिलने के बाद फिर से न्यूज़ रूम पहुंचे। पत्रकार अर्नब गोस्वामी ने फर्जी मामले में उन्हें गिरफ्तार करने को लेकर महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे पर बुधवार को हमला बोला। उन्होंने कहा।” उद्धव ठाकरे सुन लो मुझे। आप हार गए”

बीजेपी के वरिष्ठ नेता देवेंद्र फडणवीस ने अर्नब को अंतरिम जमानत देने के उच्चतम न्यायालय के फैसले का स्वागत करते हुए। बुधवार को कहा कि महाराष्ट्र की महा विकास अघाडी सरकार को उसका स्थान दिखा दिया गया है।

उन्होंने एक इंटीरियर डिजाइनर को कथित तौर पर खुदकुशी के लिए उकसाने के 2018 के मामले में अपनी अवैध गिरफ्तारी पर मुंबई के पुलिस आयुक्त परमवीर सिंह को भी आड़े हाथों लिया। 4 नवंबर को पुलिस की टीम जब गोस्वामी को गिरफ्तार करने उनके आवास पर पहुंची तो उस दौरान उन्होंने एक महिला पुलिसकर्मी की कथित रूप से पिटाई कर दी थी। इस सिलसिले में मध्य मुंबई के एन.एम जोशी मार्ग थाने में पिछले सप्ताह उनके खिलाफ प्राथमिकी दर्ज की थी।

गोस्वामी ने कहा कि तलोजा जेल में उनसे पुलिस तीन दौर की पूछताछ करती थी। उन्होंने कहा उद्धव ठाकरे आपने मुझे एक पुराने फर्जी मामले में गिरफ्तार किया, और मुझसे माफी तक नहीं मांगी। पत्रकार ने कहा खेल अब शुरू हुआ।

गोस्वामी ने कहा कि वह रिपब्लिक टीवी शुरू करेंगे, और अंतरराष्ट्रीय मीडिया में भी उनकी उपस्थिति है, फिर से गिरफ्तार होने की आशंका व्यक्त करते हुए स्वामी ने कहा। मैं जेल के अंदर से भी चैनल शुरू करूंगा और आप कुछ नहीं कर पाएंगे।

वकील का दावा

वकील का दावा है कि इस कथित घटना के वक्त करीब 40 शास्त्र पुलिसकर्मी मौजूद थे। उन्होंने सवाल किया ऐसी बड़ी संख्या में उपस्थिति के बीच कौन सरकारी कर्मचारी के काम में बाधा डाल सकता है। कल्याणकर ने कहा हम सिर्फ गैर कानूनी गिरफ्तारी का विरोध कर रहे थे। गोस्वामी और उनकी पत्नी के खिलाफ भारतीय दंड संहिता की धारा 353 ‌(सरकारी कर्मचारी के काम में बाधा डालना) 504 (शांति भंग करने के लिए जानबूझकर किसी का अपमान करना) और 506 (अपराधिक रूप से डराना धमकी देना) और सार्वजनिक संपत्ति को नुकसान पहुंचाने से जुड़े कानून के तहत मामला दर्ज किया गया है

पूर्व मुख्यमंत्री ने शिवसेना की अगुवाई वाली सरकार पर राज्य में आपातकाल जैसी स्थिति बनाने का आरोप लगाया। उन्होंने कहा कि राज्य सरकार ने अदालत की इजाजत लिए बिना बंद मामले को खोल दिया,और गोस्वामी के साथ सड़क के अपराधी की तरह सुलूक किया।

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