नई दिल्ली: फ्यूचर समूह ने दिल्ली हाई कोर्ट में ई-कॉमर्स कंपनी अमेजॉन के खिलाफ कैविएट दाखिल किया है। जिसमें अपील की गई है कि अगर अमेजन 24,713 करोड रुपए की रिलायंस फ्यूचर समूह के सौदे को लेकर दिल्ली हाईकोर्ट में केस दाखिल किया है। दिल्ली हाईकोर्ट कोई भी अंतरिम आदेश देने से पहले फ्यूचर समूह की बात सुनने फ्यूचर समूह ने कैबिनेट की कॉपी अमेजॉन को भेजी है।
इस पर अमेजॉन ने कभी कोई टिप्पणी नहीं की है। दीवानी प्रक्रिया संहिता की धारा 148 ए के तहत इस संदर्भ में फ्यूचर रिटेल लिमिटेड को सूचना दी जाएगी। सिंगापुर में एक मदरसा अदालत में आरआईएल (RIL) की अगुवाई वाली रिलायंस रिटेल की खरीद पर अस्थाई रोक लगाने का निर्देश दिया है।
टिप्पणी से किया था इंकार
सिंगापुर कि अंतरराष्ट्रीय मध्यस्थता केंद्र ने अमेज़न के पक्ष में फैसला सुनाते हुए रिलायंस फ्यूचर समूह के सौदे पर पिछले दिनों रोक लगा दी थी। जिसके बाद किशोर बियानी के नेतृत्व वाले समूह ने कहा था कि वह इस फैसले को मानने के लिए बाध्य नहीं है। ऐसे में अमेजन दिल्ली हाई कोर्ट का दरवाजा खटखटा सकती है। अमेजन के इसी रुख को देखते हुए फ्यूचर समूह ने कैविएट दाखिल किया है।
वोडाफोन के खिलाफ अपील करने का भारत के बाद दिसंबर तक का वक्त
भारत सरकार के पास वोडाफोन के 22,100 करोड रुपए के रेट्रोस्पेक्टिव कर मामले में अंतरराष्ट्रीय मध्यस्थता अदालत के फैसले के खिलाफ अपील करने के लिए दिसंबर के अंतिम सप्ताह तक का वक्त है। अदालत ने भारत सरकार के खिलाफ अपने फैसले में कहा था कि भारतीय आयकर विभाग में विपक्ष और बराबरी के काम नहीं किया था।
इस पर वित्त सचिव अजय भूषण पांडे ने कहा कि पहलुओं पर विचार किया जा रहा है। वहीं उन्होंने पूर्व वित्त मंत्री अरुण जेटली के बारे में कुछ भी कहने से इनकार कर दिया है। हमारे लिए निर्णय लेने के लिए समय है हम उचित समय पर निर्णय लेंगे।