नई दिल्ली: आसमान छूती प्याज की कीमतों पर रोक लगाने के प्रयास में केंद्र सरकार ने तेजी ला दी है। जिसके तहत केंद्र ने राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों को केंद्रीय सुरक्षित भंडार से प्याज की थोक एवं खुदरा स्टॉक लिमिट तय कर दिया हैं। देश के कई हिस्सों में प्याज की कीमत 80 -100 रुपए प्रति किलो तक पहुंच गई है।
इन सब पर केंद्र सरकार ने एक्शन लेते हुए प्याज की जमाखोरी रोकने के लिए सख्त कदम उठाए हैं। केंद्र ने थोक विक्रेताओं के लिए प्याज 25 मीट्रिक टन लिमिट कर दिया है। वहीं खुदरा व्यापारियों के लिए 2 मीट्रिक टन स्टॉक लिमिट कर दिया है। हालांकि ये नियम लिमिट आयातित प्याज पर लागू नहीं किया जाएगा।
केंद्रीय खाद्य मंत्री पीयूष गोयल ने किया ट्वीट
केंद्रीय खाद आपूर्ति एवं उपभोक्ता मंत्री पीयूष गोयल ने शुक्रवार को ट्वीट कर यह जानकारी दी। 25 मीट्रिक टन थोक विक्रेताओं को दिया जाएगा और 2 मीट्रिक टन खुदरा व्यापारियों को निर्धारित किया गया है।
वहीं उपभोक्ता मामले की सचिव लीना नंदन ने बताया कि हमने कीमत वृद्धि पर अंकुश लगाने के प्रयासों को तेज कर दिया है। उसने राज्य को बताया कि हमने राज्य सरकारों और केंद्र शासित प्रदेशों से खुदरा हस्तक्षेप के लिए बफर स्टॉक से ब्याज लेने का अनुरोध किया है।
जिसमें आंध्रप्रदेश, बिहार, चंडीगढ़ और तमिलनाडु ने इस पर अपनी सहमति दिखाई है। यह राज्य बफर स्टॉक से कुल 8,000 टन प्याज ले रहे हैं। उन्होंने कहा कि अन्य राज्यों की सहमति का इंतजार किया जा रहा है। सहकारी संस्था नाफेड सरकार के ओर से प्याज की बफर स्टॉक के लिए खरीद और उनका रखरखाव कर रहा है।
उन्होंने कहा कि दिल्ली की कीमतों को नियंत्रित करने के लिए नाफेड राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र में केंद्रीय भंडार और मदर डेयरी के सफल बिक्री केंद्र के द्वारा खुदरा विक्रेता के लिए बफर स्टॉक से भी प्याज दे रहा है।
खरीफ प्याज के मंडियों में जल्दी पहुंचने की आशंका है। जिसमें लगभग 37 लाख खरीफ फसल उत्पादन के बाजार में आने के बाद आपूर्ति बढ़ेगी। जिससे प्याज की कीमत में कमी आएगी।