लोन मोराटोरियम को लेकर एक बड़ी खबर सामने आई है। अगर आप ने लॉकडाउन के दौरान मोराटोरियम का लाभ नहीं उठाया, और हर किस्त चुकाई है तो, बैंक से आपको कैशबैक मिलेगा। EMI में छूट की व्यवस्था का लाभ लॉकडॉन के मुश्किल वक्त में लोगों को बड़ा सहारा मिला। दरअसल केंद्र सरकार ने शुक्रवार को लोन मोरटोरियम के दौरान ब्याज को लेकर अपने फैसले के बारे में पूरी जानकारी दें।
केंद्र सरकार उन लोगों के लिए कैशबैक का विचार करेगी जो लॉकडाउन में अपना किस्त समय पर दिया है। यह कैशबैक उन्हीं ग्राहकों को मिलेगा। जिन्होंने 6 महीनों तक बिना रुके किस्त भरी। 2 करोङ रुपए तक कर्ज वाली उन MSME को भी मुआवजा मिल सकता है। जिन्होंने लॉकडाउन के समय में अपनी किस्त वक्त पर जमा की है।
1 मार्च 31 अगस्त तक लोन मोराटोरियम
25 मार्च को लॉकडाउन की घोषणा की गई थी। लोन मोराटोरियम घोषणा 1 मार्च से 31 अगस्त तक लागू किया गया था। इस दौरान कर्जदारो को ईएमआई चुकाने में राहत दी गई थी। इससे सरकारी खजाने मे करीब सात हजार करोड़ का असर पड़ा था।
लॉकडाउन में किस्त चुकाने वाले को कितना फायदा मिलेगा
केंद्र सरकार ने इस ब्याज माफी के प्रभाव का आकलन करने के लिए पूर्व नियंत्रक और महालेखा परीक्षक राजीव महेरिशी की अध्यक्षता में एक विशेषज्ञ समिति का गठन किया है। वित्त मंत्रालय की बनाई कमेटी इस बात का आकलन कर रही है कि, लोन मोरेटोरियम का लाभ उठाने वाले लोगों को कितना फायदा हुआ। इसी फायदे के बराबर की राशि उन लोगों को कैशबैक के रूप में दी जा सकती है।
ऐसे में यह सवाल उठना लाजमी था कि, जिन परिवारों ने लॉकडॉन जैसी कठिन परिस्थितियों में कर्ज का भुगतान किया। उनके साथ यह एक तरह का नाइंसाफी होगी। ऐसे में शुक्रवार को सरकार ने साफ-साफ कह दिया है कि, अगर किसी खरीदारों ने मोराटोरियम का लाभ नहीं उठाया और किस्त का भुगतान समय पर किया है, तो उन्हें कैशबैक मिलेगा।
एक रिपोर्ट के मुताबिक कर्जदारो को दी गई EMI टालने की सुविधा अब लोगों के लिए मुसीबत बनती जा रही है। इस सुविधा का फायदा लेने वाले लोगों का क्रेडिट स्कोर कम होता जा रहा है, और बैंक भी इस कारण उनका लोन स्वीकृत नहीं कर रहे हैं। इस मुद्दे को लेकर व्यापारिक संगठन जल्द ही आरबीआई से मिलेंगे और अपनी मांगे भी रखेंगे।